बेगूसराय | अभी तक आपने सांसद, विधायक, डीएम या एसपी को ही जनता दरबार लगाते देखा या सुना है, लेकिन अब जिला शिक्षा पदाधिकारी (डीईओ)और प्रखंड शिक्षा पदािधकारी (बीईओ) भी शिक्षक दरबार लगाएंगे। शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव (एसीएस) डॉ. एस सिद्धार्थ ने इसी महीने सभी डीईओ और बीईओ को इस संबंध में आदेश जारी किया था।
इस संबंध में बेगूसराय के डीईओ राजदेव राम ने साेमवार को बताया कि प्रत्येक शनिवार को दोपहर 3.00 बजे से शिक्षक दरबार लगाया जाएगा। दरबार में रिटायर्ड शिक्षक, कार्यरत शिक्षक या विभाग से जुड़े कोई भी कर्मी अपनी समस्या लेकर आएंगे, उनसे संवाद कर समस्याओं का निराकरण किया जाएगा।
जानिए, आखिर ऐसा क्यों किया जा रहा
दरअसल, अवकाश प्राप्त शिक्षकों या कर्मी को अपना काम करवाने के लिए डीईओ या बीईओ कार्यालय का चक्कर लगाना पड़ता है। समय पर समस्याओं का निदान नहीं होने के कारण ऐसी शिकायतें सीधे राज्य मुख्यालय स्तर पर पहुंच रही हैं। इसका मतलब है कि इन शिक्षकों की शिकायतों को न तो प्रखंड और न ही जिला स्तर पर सुना जा रहा। इसी कारण शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने सभी डीईओ और बीईओ हर शनिवार को स्कूल समाप्त होने के बाद शिक्षक दरबार लगा उनकी समस्याएं सुनने का आदेश दिया।
ऐसा करने से क्या होगा
पहली बात राज्य मुख्यालय पर दबाव कम होगा। जिन शिकायतों या समस्याओं का समाधान जिला या फिर प्रखंड स्तर पर नहीं होगा उन्हें राज्य मुख्यालय भेजा जाएगा। सेवानिवृत्त शिक्षकों का समय बचेगा।
संघ का कहना, देखना होगा कितना सफल होगा यह प्रयोग
टीईटी प्रारंभिक शिक्षक संघ के प्रदेश संयोजक राजू कुमार ने कहा कि अभी तक तो डीईओ या फिर बीईओ के स्तर पर जो भी सुनवाई हो रही थी वह खानापूर्ति ही थी। अब यह देखने वाली बात होगी कि यह नया प्रयोग कितना सफल हो पाता है। वाकई में शिक्षकों की समस्याओं का निदान होता है या फिर दरबार, दरबार बनकर ही रह जाएगा।