पटना | आम बजट 2024-25 में बिहार को काफी कुछ दिया गया। इससे सीएम नीतीश कुमार, भाजपा, हम, लोजपा आदि जहां खुश है वहीं विपक्षी दल नीतीश को इस बात के लिए घेर रहे हैं कि बिहार को विशेष राज्य का दर्जा मिलना ही चाहिए। तेजस्वी यादव का कहना है कि इससे अलग कुछ नहीं चािहए। इसे लेकर विधानसभा का मानसून सत्र भी हंगामेदार रहा। विपक्षियों के हो-हंगामे का सीएम ने खुलकर जवाब दिया। इसी बीच उन्होंने अबकी बार 225 सीट पार का नारा देकर सियासी हलचल तेज कर दी। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो नीतीश कुमार ने यह नारा देकर विपक्षी दलों पर एक तरह से मनोवैज्ञानिक दबाव बना दिया है। अब चुनाव होने तक विपक्षी दल इसी आंकड़े में उलझे रहेंगे।
सीटों का बंटवारा नहीं हुआ, लेकिन मांझी 25 सीट मांग रहे
अगर राजनीतिक परिदृश्य यही रहा तो एनडीए की ओर से भाजपा, जदयू, हम, लोजपा और रालोसपा एकसाथ विधानसभा चुनाव 2025 लड़ेगी। चुनाव को लेकर अभी तक न तो कोई बैठक हुई है और न ही कोई सीट बंटवारे का प्रारूप तैयार हुआ है, लेकिन हम के जीतनराम मांझी ने कहा है कि वे 25 सीट पर चुनाव लड़ेंगे।
मतदाता भी इस नंबर में उझलेंगे
राजनीतिक विश्लेषक मानते हैं कि नीतीश कुमार ने 225 पार का जो नारा दिया है उसमें न केवल विपक्षी पार्टियां उलझेंगी बल्कि आम मतदाता भी उलझे रहेंगे। मतदाताओं में खासकर युवा वर्ग के दिमाग में यह बात असर करेगी कि अबकी बार 225 पार। चुनाव की घोषणा होने के बाद पार्टी भी इसी तर्ज पर काम करेगी और इसके लिए अभी से रणनीति बनाने में जुटी है।
अधूरे कार्यों का हिसाब ले रहे नीतीश
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अधूरे कार्यों का हिसाब ले रहे हैं। अधिकारियों से काम को समय पर और जल्द से जल्द पूरा करने को कह रहे हैं। ताकि चुनाव के समय जब वे फील्ड में जाएं तो जनता के सामने काम को गिना सकें। उस समय यह नारा भी उनके काफी काम आएगा।