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आई फ्लू : कारण, लक्षण , प्रसार और बचाव तथा उपचार कैसे करें-डॉ. अभिषेक कुमार

डॉ. अभिषेक कुमार
Ph.d. clinical opt.
कंसल्टेंट नेत्र विशेषज्ञ
एस. एन. मेमोरियल विजन केयर सेंटर
BOI के नीचे पटेल चौक, बलिया, बेगूसराय ( बिहार )

बेगूसराय।  आई फ्लू आँखों में होने वाला एक संक्रमण है, जिसके कारण आँखों में लालिमा, दर्द , सूजन , जलन जैसी परेशानियां होती हैं। इसे कंजंक्टिवाइटिस या पिंक आईं भी कहा जाता है । यह एक संक्रमणशील बीमारी है जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में आसानी से फैल सकती है ।
कारण :- बारिस के मौसम में पैथोजन्स यथा बैक्ट्रिया , वायरस , फंजाई आदि को वृद्धि करने के लिए आदर्श स्थिति मिलता है जिसके कारण विभिन्न प्रकार का संक्रमण फैलता है तथा लोगों को स्वास्थ्य संबंधी अनेक प्रकार की समस्याओं से दो – चार होना पड़ता है । हाल – फिलहाल जो आई फ्लू का बढ़ता हुआ मामला सामने आ रहा है उसका एक प्रमुख कारण एडोनोवायरस का संक्रमण है लेकिन द्वितीयक संक्रमण के रूप में मुख्यतः बैक्टीरियल और एलर्जिक स्थिति गंभीर समस्या उत्पन्न कर रही है ।
लक्षण :- आई फ्लू की समस्या में मरीज की आँखों में दर्द, सूजन , जलन और लालिमा जैसी परेशानियां होती हैं। इसकी वजह से आंखों से पानी बहने लगता है। संक्रमण बढ़ने पर मरीज को देखने में परेशानी हो सकती है। आई फ्लू के प्रमुख लक्षण कुछ इस प्रकार हैं :-
1. आँखें लाल हो जाना
2. आँखों से पानी चलना
3. आँखों में चुभन और जलन महसूस होना
4. आँखों से अधिक मात्रा में कीची निकलना
5. रात में सोने के बाद सुबह होने पर आँखों का चिपकना
6. आँखों मे सूजन
7. आँखों में दर्द
8. आँखों में खुजली
9. फोटोफोबिया – धूप तथा रोशनी का असह्य होना … आदि
प्रसार तथा बचाव :- आमतौर पर आई फ्लू का संक्रमण व्यक्तिगत संपर्क , संक्रमित सतह , वस्तुएं , गंदगी, धूल-मिट्टी आदि के कारण फैलता है । ज्यादातर मामलों में यह संक्रमण हाथों के जरिये फैलता है अतः नियमित रूप से हाथ को साबुन से धोने पर आप संक्रमण का शिकार होने से बच सकते हैं। गंदे हाथ से आँखों को छूने से बचना चाहिए। इसके अलावा कपड़े, तौलिया, टूथब्रश और मेकअप की चीजों को दूसरे के साथ शेयर न करें। अगर आप सार्वजानिक जगहों पर जाते हैं, तो संक्रमण को फैलने से रोकने के लिए दरवाजों के हैंडल, या किसी भी सतह को छूने से बचें। अगर आप इन चीजों को छूते हैं, तो हाथों को साबुन से साफ करें। इसके अलावा आई फ्लू से संक्रमित व्यक्ति को भी तथा बचने के लिए भी काला चश्मा या सनग्लास का प्रयोग करें ।
उपचार :- आई फ्लू के लक्षण दिखने पर इसे इग्नोर नहीं करें तथा ओवर द काउंटर दवाओं का सेवन करने से बचें। लक्षण दिखने पर तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें और बिना डॉक्टर के परामर्श से किसी भी प्रकार के आई ड्राप के इश्तेमाल से बचें । आमतौर पर डॉक्टर मरीज की स्थिति और लक्षणों के आधार पर दवाओं के इस्तेमाल की सलाह देते हैं। ऐसे लोग जो गंभीर रूप से संक्रमित होते हैं, उन्हें कुछ हाई डोज वाली दवाओं के इस्तेमाल की सलाह दी जा सकती है। आमतौर पर संक्रमण रोकने के लिए डॉक्टर एंटीबायोटिक दवाओं और ड्रॉप्स का इस्तेमाल करने की सलाह देते है । लोगों को बिना डॉक्टर के सलाह के स्टेरॉयड युक्त दवाओं के सेवन से बिल्कुल भी बचना चाहिए अन्यथा उनका कॉर्निया तक क्षतिग्रस्त हो सकता है और उनके आँखों की रोशनी प्रभावित हो सकती है ।

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Author: newsvistabih

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