बेगूसराय | कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में जूनियर डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और मर्डर मामले को लेकर देशभर में विरोध प्रदर्शन जारी है। सुरक्षा को लेकर देशभर के डॉक्टर शनिवार को देशव्यापी हड़ताल पर रहे। इसका असर बेगूसराय में भी देखने को मिला। आइएमए के आह्वान पर पूरे जिले में चिकित्सा संस्थानों में इमरजेंसी को छोड़ ओपीडी सेवाएं बंद रहीं। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों से लेकर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, अतिरिक्त प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, शहरी स्वास्थ्य केंद्र एवं निजी अस्पतालों में भी ओपीडी सेवाओं का बहिष्कार किया गया।
आइएमए बेगूसराय के सचिव डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि सभी चिकित्सक सुबह 9 बजे सदर अस्पताल पहुंचे और यहां से शांतिपूर्ण मार्च निकालते हुए आइएमए भवन पहुंचे। वहीं प्रदेश आइएमए के संयुक्त सचिव सह भासा के कार्यकारी अध्यक्ष डॉ. रामरेखा के नेतृत्व में चिकित्सकों ने चार घंटे तक अधीक्षक के चैंबर के सामने धरना दिया। धरना में डॉ. अखिलेश कुमार, डॉ. राजू, डॉ. हरगोविन्द, डाॅ. अदिति, डॉ. दिव्या, डॉ. स्मृति, डॉ. प्राची, डाॅ. कृष्ण कुमार समेत दर्जनों चिकित्सक शामिल थे।
सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बनाया जाए
बैनर और तख्तियां लेकर जुलूस निकालते हुए चिकित्सक आइएमए भवन पहुंचे। यहां आइएमए और भासा की संयुक्त बैठक की अध्यक्षता आइएमए बेगूसराय के अध्यक्ष डॉ. एके राय ने की। चिकित्सकों ने एक स्वर में कहा कि जब हमलोग ही सुरक्षित नहीं तो काम कैसे करेंगे। अस्पतालों में हवाई अड्डे की तरह हो त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था होनी चाहिए। बैठक में डाॅ. केके सिंह, डाॅ. कामिनी राय, डाॅ. शशिभूषण सिंह, डाॅ. शशिभूषण शर्मा, डाॅ. सुष्मिता प्रकाश, डाॅ. नंदकिशोर सिंह, डाॅ. रामयतन सिंह, डाॅ. एमके चौधरी, डाॅ. एस पंडित आदि ने अपने विचार रखे। अंत में दो मिनट का मौन धारण कर पीड़िता के लिए शोक संवेदना व्यक्त की गई। धन्यवाद ज्ञापन आइएमए बेगूसराय के सचिव डॉ. पंकज कुमार सिंह ने किया।
चिकित्सकों ने सरकार से ये मांगें रखीं
1. अस्पतालों की सुरक्षा व्यवस्था हवाई अडडों की त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था जैसी की जाए।
2. चिकित्सकों के काम के घंटे निर्धारित किए जाएं।
3. चिकित्सकों और चिकित्साकर्मियों की सुरक्षा के लिए केंद्रीय कानून बनाया जाए।
4. महामारी एक्ट 1897 में संशोधन किए जाए।
5. दोषी व्यक्तियों को कठोर सजा दी जाए और पीड़ित परिवार को सम्मानजनक मुआवजा दिया जाए।
फास्ट ट्रैक कोर्ट में केस चले, दोषी को 30 दिन के अंदर फांसी मिले
इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपी बेगूसराय ने सामाजिक कार्यकर्ताओं के साथ शाम 6 बजे से कैंडल मार्च निकाला। कैंडल मार्च आइएमए शाखा बेगूसराय से डीएम कार्यालय बेगूसराय तक निकाला गया। इंडियन एसोसिएशन ऑफ फिजियोथेरेपी बेगूसराय के सचिव डॉक्टर गुंजन ने कहा कि इस तरह के अपराध करने वाले के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए। फास्ट ट्रैक बनाकर दोषी को 30 दिनों के अंदर फांसी दी जाए। डॉक्टर आनंद ने कहा कि समाज में इस घटना से काफी रोष है। आइएमए के निवर्तमान सचिव डॉक्टर रंजन चौधरी ने कहा कि इस प्रकार की मानसिकता वाले को फांसी मिलनी चाहिए।
ऑल इंडिया मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ने भी निंदा की
ऑल इंडिया मेडिकल लेबोरेटरी टेक्नोलॉजी एसोसिएशन ने भी आइएमए की ओर से आयोजित बंद के समर्थन में शनिवार को कार्य बहिष्कार रखा। एसोसिएशन के जिला अध्यक्ष बबन कुमार पवन ने कहा कि इस घृणित कार्य की जितनी निंदा की जाए, कम है। प्रदर्शन में साकेत कुमार, रोहित कुमार, राजीव कुमार, चंदन कुमार, महफूज आलम, वाईपी श्रीवास्तव, शैलेश कुमार, रणधीर कुमार, डॉ. दीपक, डॉ. स्वाती पवन शामिल रहे।
कार्य बहिष्कार का इन्होंने भी समर्थन किया
कार्य बहिष्कार को आइओसी अस्पताल, रेलवे अस्पताल, आयुष चिकित्सक संघ, मेडिकल सेल्स रिप्रजेंटेटिव संघ, आईडीए सहित कई अन्य संगठनों ने भी अपना समर्थन दिया था।