- मदरसा बदरुल इस्लाम में हुई जिला अंजुमन- तरक्की-ए-उर्दू की बैठक
बेगूसराय। उर्दू सिर्फ एक भाषा नहीं है, बल्कि इसमें मुसलमानों का स्वर्णिम इतिहास समाहित है। मुसलमानों का मूल और सच्चा इतिहास केवल उर्दू किताबों में दर्ज है। अन्य भाषाओं में इसे या तो हटा दिया गया है या बहुत काट-छांट के साथ प्रकाशित किया गया है। अपने स्वर्णिम इतिहास को जीवित रखने और अपने उज्ज्वल भविष्य के लिए हमें तन, मन और धन से उर्दू के विकास में भाग लेना होगा। ये बातें रविवार को शहर के मदरसा बदरुल इस्लाम में आयोजित अंजुमन तरक्की उर्दू की जिला स्तरीय बैठक को संबोधित करते हुए अंजुमन तरक्की उर्दू के जिले सचिव और मुंगेर विश्वविद्यालय के सीनेट सदस्य मो. रूहुल्लाह ने कही। उन्होंने कहा कि सरकार ने उर्दू समुदाय के लिए न सिर्फ जिले में बल्कि प्रत्येक प्रखंड में उर्दू अनुवादकों की बहाली की है। कृपया अपने प्रखंड कार्यालयों में यथासंभव उर्दू में आवेदन जमा करें। बैठक में अनुमंडल एवं प्रखंड स्तरीय कमेटी का नवगठन, उर्दू के प्रचार-प्रसार एवं जन जागरूकता के लिए कार्य योजना कार्यक्रम, वक्फ के महत्व एवं जन जागरूकता पर विचार विमर्श किया गया। अंजुमन के जिला उपाध्यक्ष मौलाना परवेज आलम मजाहरी ने कहा कि वर्तमान सरकार वक्फ संपत्ति के साथ छेड़छाड़ करना चाहती है। जबकि यह मुसलमानों के द्वारा गरीबों की सेवा के लिए दान में दी गई संपत्ति है। हर धर्म में दान दी जाने वाली वस्तु से कोई दूसरा दावा-आपत्ति नहीं कर सकता, तो फिर सिर्फ मुसलमानों के दान पर ही प्रहार क्यों किया जा रहा है। बैठक की अध्यक्षता अंजुमन के जिलाध्यक्ष गुलाम मोहिउद्दीन चांद व संचालन हाफिज रूहुल्लाह ने की। कारी अरमान की तिलावत और मो. आरिफ ने नातिया कलाम पेश किया। हाफिज तकमील ने स्वागत और मुफ्ती मजहरुल हक की दुआ के बाद बैठक समाप्त हुआ। मौके पर मौलाना अब्दुल वहीद, मो. शादाब आलम, मौलाना अबू जाफर, मौलाना फजले अकबर मजाहिरी, मास्टर अशरफ रहमानी, मौलाना इश्तियाक सहित अन्य मौजूद थे।