बेगूसराय। सांस्कृतिक विकास केंद्र की नवीनतम प्रस्तुति मंगलवार को बेगूसराय आइटीआइ सभागार लभरचक रामदीरी में सर्वेश्वर दयाल सक्सेना द्वारा लिखित एवं बेगूसराय के युवा रंगकर्मी कुणाल भारती द्वारा निर्देशित नाटक बकरी का मंचन किया गया। नाटक से पूर्व उद्घाटन समारोह में उच्च माध्यमिक विद्यालय गोरगामा के प्रधानाध्यापक नवीन प्रसाद सिंह, भाजपा नेता डॉ बबन कुमार पवन, समाजसेवी ललन प्रसाद सिंह, बेगूसराय के वरिष्ठ रंग निर्देश परवेज युसूफ, संस्था के सचिव रोशन कुमार गौतम, युवा रंगकर्मी सचिन कुमार एवं बेगूसराय के युवा रंग निर्देशक अभिजीत मुन्ना ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर नाटक का उद्घाटन किया। अतिथियों का अंग वस्त्र एवं संस्था के प्रतीक चिन्ह देकर सांस्कृतिक विकास केंद्र के सचिव ने सम्मानित किया।
हमारी सरकार कला – संस्कृति एवं खेल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध : सुरेंद्र मेहता
समारोह को संबोधित करते हुए खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता ने कहा कि हमारी सरकार कला – संस्कृति एवं खेल को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। ग्रामीण बच्चों के नाट्य कला प्रदर्शन को देखने से लगता है कि आज भी गांव में रंगमंच जीवित है। प्रधानाध्यापक नवीन प्रसाद सिंह ने कहा कि युवा रंगकर्मी सचिन कुमार ने विद्यालय के बच्चों को रंगमंच का प्रशिक्षण देकर बकरी नाटक के प्रदर्शन तक लाया है। इसके लिए धन्यवाद का पात्र हैं। डॉ बबन कुमार पवन ने आयोजन समिति को धन्यवाद देते हुए कहा कि बच्चे देश के भविष्य हैं, उन्हें कला संस्कृति से प्रशिक्षित करने का प्रयास सराहनीय है। समाजसेवी ललन प्रसाद सिंह ने कहा कि बच्चों को नाटक कला से अवगत कराना संस्था का उद्देश्य है।
वर्तमान राजनीति पर करारा चोट है बकरी नाटक
नाटक बकरी में युवा निर्देशक कुणाल भारती ने दिखाया है, की तीन डाकू लोगों को लूटता है और पुलिस वाले को ससमय उसका हिस्सा पहुंचा देता है। एक दिन डाकुओं ने आम पब्लिक को लूटने का प्लान बनाया तो पुलिस वाले विचलित हो गए और कहने लगा कि अब मेरा क्या होगा तुम लोग ईमानदार हो जाओगे तो डाकुओं ने कहा कि मेरा धंधा वही रहेगा, बस लूटने का तरीका बदल गया। आप एक बकरी लेकर आओ। एक राम दुलारी नामक औरत जो गरीब लाचार बेबस की बकरी को उठा लगता है और उन डाकुओं के हवाले कर देता है और डाकुओं का कहना है कि इस गांधी जी की बकरी की खोज आज से नहीं 50 वर्षों से की जा रही है। देश के बड़े-बड़े पुलिस पदाधिकारी, सीआईडी, डीआईजी, आईजी सब इस गांधी जी की बकरी की खोज में लगे हुए थे। आज इस गांव में ये बकरी मिली है। ये देवी है। इस बकरी की कृपा से देश की आर्थिक स्थिति ठीक हो जाएगी। क्योंकि, इस बकरी पर जुल्म हो रहा था। अत्याचार हो रहा था, यह बकरी बेचारी कष्ट में थी।इसे गांधी जी की बकरी बात कर चुनाव का मुद्दा बना देता है, राम दुलारी के विरोध करने पर उसे जेल भिजवा देता है।और उस बकरी को लेकर चुनाव जीत जाता है। चुनाव जीतने की खुशी में उस बकरी को ही काट क
इन कलाकारों की भूमिका ने लोगों का दिल जीता
इस नाटक में दुर्जन सिंह की भूमिका में अमृता राज, आदित्य कुमारी ने कर्मवीर की भूमिका में लोगों का दिल जीत लिया। सत्यवीर की भूमिका में खुशी कुमारी, पुलिस की भूमिका में सौम्या कुमारी, रामदुलारी की भूमिका में लक्ष्मी कुमारी लोगों का मन मोह लिया। काकी की भूमिका में राजनंदनी कुमारी, युवक की भूमिका में कल्पना कुमारी, ग्रामीण महिला की भूमिका में मुस्कान कुमारी, पुष्पम कुमारी, सविता कुमारी, शालिनी कुमारी, साक्षी कुमारी, शालू कुमारी, प्रियंका कुमारी बॉडीगार्ड की भूमिका में प्रियांशु कुमार, ओम कुमार राज, कोरस में सत्यम कुमार, अत्यांशु कुमार, विद्यालय के प्रधानाध्यापक नवीन प्रसाद सिंह, शिक्षक राजकुमार ब्रजेश कुमार का भरपूर सहयोग मिला है। मंच संचालन बेगूसराय के युवा रंग निर्देशक अभिजीत मुन्ना ने किया। नाल वादक के रूप में नंदू मालाकार थे। इस अवसर पर संस्था के सचिव रोशन कुमार गौतम संस्था के कलाकार सचिन कुमार, कुंदन कुमार, प्रकाश कुमार, अजय कुमार सिंह, विकास कुमार, मनीष कुमार, प्रियांशु प्रियम, और अन्य लोग थे ।