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Sitaram Yechury : चुनाव प्रचार से थक कर चूर थे काॅमरेड सीताराम येचुरी, कहा- अब चुनाव की बातें नहीं; अंग्रेजी साहित्य और दर्शन की बातें करो

अर्श पर पहुंचने के बाद भी फर्श पर कैसे रहा जाता है या फर्श पर रहने वाले लोगों से कैसे जुड़ा रहा जाता है इसके साक्षात उदाहरण थे कॉमरेड सीताराम येचुरी।

अर्श पर पहुंचने के बाद भी फर्श पर कैसे रहा जाता है या फर्श पर रहने वाले लोगों से कैसे जुड़ा रहा जाता है इसके साक्षात उदाहरण थे कॉमरेड सीताराम येचुरी। पार्टी में शीर्ष पर पहुंचने और सांसद बनने के बावजूद उनकी सादगी में कोई फर्क नहीं दिखा। बात इसी साल अप्रैल-मई की है। किसी काम से दिल्ली गया था। कॉमरेड ‘सीता’ को फोन मिलाया। उन्होंने कहा- शाम को घर आओ, वहीं मुलाकात हाेगी। उनके आवास पहुंचा तो येचुरी लाेकसभा चुनाव प्रचार से लौटे थे। बहुत थके थे। मैंने कौतुहलवश जानना चाहा कि क्या स्थिति है। पार्टी की गतिविधियां कैसी चल रही हैं। तो उन्होंने खटाक से कहा- इतने समय बाद मिले हो, चुनाव की कोई बात नहीं होगी। आज हमलोग अंग्रेजी लिटरेचर की बातें करेंगे। फिर हम दोनों अंग्रेजी साहित्य की दुनिया में करीब दो-तीन घंटे तक खोए रहे। अंग्रेजी साहित्य के अलावा दर्शन पर भी बातें हुईं।

2005 से 2017 तक अपनी राज्यसभा की सांसदी में वे संसद के सर्वप्रिय नेता रहे। कहने की जरूरत नहीं कि सीताराम येचुरी का नाम भारतीय राजनीति के बड़े नामों में से एक था। पैनी समझ रखनेवाला महान मेधावी नेता हमारे बीच से चला गया जो एक से एक धुरंधर विरोधियों के सवाल को अपने हाजिर जवाब से ध्वस्त कर देता। किस तरह संविधान दिवस पर अंबेडकर के उद्धरण से शुरू अपने भाषण से सदन के नेता अरुण जेटली को कायल कर दिया था, अविस्मरणीय क्षण था।

कॉमरेड ‘सीता’ का बेगूसराय से जुड़ाव आत्मीय था। जब भी बिहार आए तो पटना के बाद बेगूसराय में उनका पदार्पण सर्वाधिक हुआ। 1975 से हम मित्र की तरह रहे। पारिवारिक संबंध की तरह हमारा संबंध कायम रहा। नागरिक स्वतंत्रता आंदोलन के अहर्निश योद्धा थे। एक बार वे मेरे घर आए। बातचीत हुई, खाना खाए। इस दौरान छोटे भाई की पत्नी मुरब्बा बना रही थी। देखा तो बाल मन की तरह पूछ बैठे-यह क्या बन रहा है? मैंने कहा-मुरब्बा। कॉमरेड ‘सीता’ ने कहा- अरे खाने की वस्तु है तो खिलाओ। खाने के बाद बोले-बहुत ही शानदार है यह मुरब्बा।

यह मेरी व्यक्तिगत क्षति है : राजेंद्र प्रसाद सिंह
सीपीएम नेता राजेन्द्र प्रसाद सिंह ने कहा कि येचुरी का जाना मेरे लिए व्यक्तिगत क्षति है। जब भी उनके पास गया, खाली हाथ नहीं लौटा। याद है कि 8-10 साल पहले उन्होंने राज्यसभा में मुद्दा उठाया था कि बरौनी में इंडस्ट्रीयल बेल्ट समाप्त हो रहा है। सुधार के लिए काम नहीं किया तो पार्टी स्तर पर आंदोलन खड़ा करेंगे। साल 2020 के विधानसभा चुनाव में मैं मटिहानी विधानसभा क्षेत्र से प्रत्याशी था। कॉमरेड सीताराम येचुरी चुनाव प्रचार के लिए आए थे। वे दिसंबर 2022 में भी दलित शोषण मुक्ति मोर्चा के एक कार्यक्रम में बेगूसराय आए थे।

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हिमांशु शेखर

17 वर्षों से पत्रकारिता का सफर जारी। प्रिंट मीडिया में दैनिक भास्कर (लुधियाना), अमर उजाला (जम्मू-कश्मीर), राजस्थान पत्रिका (जयपुर), दैनिक जागरण (पानीपत-हिसार) और दैनिक भास्कर (पटना) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में कार्य करने के बाद पिछले एक साल से newsvistabih.com के साथ डिजिटल पत्रकारिता।
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