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सीपीएम महासचिव दिवंगत कामरेड सीताराम येचुरी को दी श्रद्धांजलि

बेगूसराय। देश और दुनिया को आवाम के नाम संपूर्ण समर्पण भाव से सर्वस्व समर्पित हो जाने की प्रेरणा बने सीताराम येचुरी ! लाल सलाम !! उपरोक्त बातें गुरुवार को पावर हाउस रोड अवस्थित माध्यमिक शिक्षक संघ भवन के सभागार में आयोजित सीपीएम महासचिव दिवंगत कामरेड सीताराम येचुरी की श्रद्धांजलि सभा में सीताराम येचुरी को याद करते हुए वक्ताओं ने कही । श्रद्धांजलि सह संकल्प सभा की अध्यक्षता माकपा के राज्य कमिटी सदस्य सुरेश यादव ने की एवं संचालन दयानिधि चौधरी ने किया। 

जीवन पर्यंत सीपीएम महासचिव बने रहे सीताराम येचुरी 

वक्ताओं ने कहा उनका जन्म 12 अगस्त 1952 में मद्रास में एक तेलुगू ब्राह्मण परिवार में हुआ था। येचुरी हैदराबाद में पले-बढ़े और उन्होंने दसवीं कक्षा तक हैदराबाद के ऑल सेंट्स हाई स्कूल में पढ़ाई की। 1969 में वो दिल्ली आ गये और केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड उच्चतर माध्यमिक परीक्षा में अखिल भारतीय स्तर पर प्रथम स्थान हासिल किया । इसके बाद दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से अर्थशास्त्र में बीए (ऑनर्स) में और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय से अर्थशास्त्र में एमए किया। दोनों में प्रथम श्रेणी हासिल की। ​​उन्होंने अर्थशास्त्र में पीएचडी करने के लिए जेएनयू में दाखिला लिया लेकिन आपातकाल के दौरान उनकी गिरफ्तारी के कारण वो पीएचडी नहीं कर सके। वो जेएनयू छात्रसंघ के तीन बार अध्यक्ष रहे। गिरफ़्तारी से पहले वे कुछ समय के लिए भूमिगत रहे और आपातकाल के ख़िलाफ़ प्रतिरोध का आयोजन किया था । 1985 में वो एसएफआई के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। 1985 में वो माकपा के केन्द्रीय कमिटी के लिए चुने गए और 1992 में पोलितब्यूरो के सदस्य बने । 2015 में वो 21वीं पार्टी कांग्रेस में महासचिव चुने गए जिस पद पर वो मृत्यु पर्यंत तक बने रहे।

शोषितों एवं पीड़ितों की आवाज से सीताराम येचुरी 

येचुरी बड़ी बुलंदी से सड़क से संसद तक इस बात को रखते थे ” ये आजादी आजादी क्या जिसमें मजदूरों का राज न हो। हम इसके लिए संघर्ष कर रहे हैं और करते रहेंगे “। वो देश और दुनिया के शोषित -पीड़ित, मेहनतकश आवाम , किसान – मजदूर , महिलाओं का मान -सम्मान, छोटे – मझोले व्यवसायियों, उद्यमियों की एक मजबूत और मुखर आवाज थे। बुद्धीजिवियों में भी वो खासे लोकप्रिय थे । वो पूंजीवाद, साम्राज्यवाद और साम्प्रदायवाद के हर पैंतरा को भली-भांति पहचानते थे और इसके खिलाफ हमेशा पूरी ऊर्जा से संघर्ष को आगे बढ़ाने के लिए प्रयासरत रहा करते थे । मार्क्सवाद लेनिनवाद में पूरी दृढ़ता से अपनी मुस्तैदी कायम करते हुए वर्तमान परिस्थिति में देश और देशवासियों के मिजाज को भी भली-भांति पहचानते थे। उनका कहना था जनता की एकता को तोड़कर रखना पूंजीवाद को स्वयं को जीवित रहने के लिए आवश्यक होती है और भारत में धार्मिक आस्था की जड़ें बहुत मजबूत है इसलिए वो यहां की सामाजिक ताने-बाने का टूकडा – टूकडा कर देने वाली पूंजीवाद का साम्प्रदायवादी हथियार के हर वार को समझते थे और इस हथियार से देश के आम जनता की हिफाजत में स्वतंत्रता समानता और सौहार्द व आपसी भाईचारा के लिए समाजवाद की पहली सीढ़ी जनता की जनवादी एका के लिए जनतंत्र और संविधान की रक्षा के वास्ते विभिन्न विचारधारा और राजनीति दलों की एकता के लिए जिवन पर्यंत प्रयासरत रहे। वो काम को आगे बढ़ाने में कभी भी व्यक्तिगत मान सम्मान या पद प्रतिष्ठा की फ़िक्र नहीं किया करते थे चाहे 2004 में यूपीए गठबंधन की बात हो या वर्तमान में इंडिया गठबंधन की जबकि वो इसके मुख्य रणनीतिकारों में से एक थे।

धर्मनिरपेक्षता के प्रबल समर्थक थे सीताराम येचुरी 

वक्ताओं ने आगे कहा कि कामरेड सीताराम पार्टी के नियम, सिद्धांतों एवं फैसले को लागू करने में पूरी दृढ़ता से जीवन भर काम करते रहे और यहां तक कि अपना पार्थिव शरीर भी प्रशिक्षु चिकित्सकों के प्रशिक्षण के लिए एम्स को जीवित रहते दान कर दिया। धर्मनिरपेक्षता के वो प्रबल समर्थक थे और इसी आधार पर वो गठबंधन की राजनीति को अहमियत देते थे। दर्जनों बार उन्होंने बेगूसराय पहुंच कर यहां की वामपंथी, धर्मनिरपेक्ष और जनतांत्रिक आंदोलनों में हिस्सा लिया था। उनके असमय जाने से न सिर्फ माकपा या वामपंथ को अघात पहुंचा है अपितु भारतीय राजनीति समेत संविधान की रक्षा, अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता, धर्मनिरपेक्षता , जनतंत्र और जनतांत्रिक अधिकार के लिए प्रयासरत सभी राजनीतिक दलों एवं समुहों को एक अपूर्णिय क्षति हुई है ।

इनलोगों ने श्रद्धांजलि सभा को किया संबोधित

श्रद्धांजलि सभा में डॉ राहुल कुमार ने येचुरी के याद में कविता पाठ किया जबकि पार्टी जिला कमिटी सदस्य अभिनंदन झा ने जन गीत प्रस्तुत किया। श्रद्धांजलि सभा को सीपीएम राज्य सचिव मंडल सदस्य सह बेगूसराय के पूर्व विधायक राजेंद्र प्रसाद सिंह, सीपीआई के तेघड़ा विधायक रामरतन सिंह, प्रताप नारायण सिंह, भाकपा ( माले) जिला सचिव दिवाकर प्रसाद, राजद के जिला अध्यक्ष मोहित यादव , कांग्रेस जिला उपाध्यक्ष सुबोध कुमार, प्रवक्ता रंजीत कुमार, मार्क्सवादी बुद्धीजीव डॉक्टर भगवान प्रसाद सिंह, जी डी कालेज के हिन्दी विभागाध्यक्ष एवं जलेश के जिला अध्यक्ष राजेंद्र साह, प्रोफेसर डॉ अभिषेक कुंदन, अर्थशास्त्र के व्याख्याता डॉ जकरिउल्ला खान , आई एम ए के बिहार राज्य संयुक्त सचिव डॉ रामरेखा सिंह, सी ए बी एस सी कालेज के प्राचार्य व जलेश के जिला उपाध्यक्ष डॉ चंद्रशेखर चौरसिया, जलेश राज्य सचिव कुमार विनिताभ, सीटू राज्य सचिव अंजनी कुमार सिंह, एटक के केन्द्रीय कमिटी सदस्य ललन लालित्य, एक्टू नेता चंद्रदेव वर्मा, जसम के दीपक सिन्हा, कर्मचारी महासंघ के जिला सचिव मोहन मुरारी , बी एस एस आर यूनियन के आर एस राय, बिहार प्रांतीय खेतीहर मजदूर यूनियन के जिला सचिव रामभजन सिंह, संयुक्त सचिव सूर्य नारायण रजक, माकपा के पूर्व राज्य कमिटी सदस्य आदित्य नारायण चौधरी, किसान महासभा के जिला सचिव बैजू सिंह, बिहार राज्य किसान सभा के संयुक्त सचिव रमेश सिंह, उपाध्यक्ष नेतराम यादव आदि लोगों ने संबोधित किया ।

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Author: newsvistabih

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