- नाटक के माध्यम से निरक्षरता के खिलाफ व बालिका शिक्षा बढ़ावा देने पर बल
- रंग संस्था हुंकार द्वारा प्रशिक्षित बाल कलाकारों के सशक्त अभिनय से दर्शकों का मन मोहा
साहेबपुरकमाल। प्रखंड के आदर्श मध्य विद्यालय तरबन्ना में रंग संस्था हुंकार द्वारा विगत 2 सिंतबर से आयोजित 20 दिवसीय प्रस्तुति परक नाट्य कार्यशाला के अंतिम दिन प्रशिक्षु बाल कलाकारों द्वारा दो नाटकों का मंचन किया गया। बाल कलाकारों द्वारा भारत ज्ञान विज्ञान समिति द्वारा लिखित लड़की पढकर क्या करेगी नाटक के माध्यम से बालिका शिक्षा को बढावा देने का संदेश दिया। कलाकारों ने अपने सशक्त अभिनय से बालिकाओं के उच्च शिक्षा के प्रति सामाजिक उदासीनता व उच्च शिक्षा से वंचित किये जाने के बालिकाओं के दर्द को जीवंत करने का प्रयास करते नजर आये। बेटी की भूमिका में लाडली , मां की भूमिका में राजनंदनी, पिता की भूमिका में शुभम, सूत्रधार की भूमिका में लक्ष्मी, शिक्षक की भूमिका में बिट्टू सहित सहयोगी बाल कलाकारों ने अपने अभिनय उपस्थित दर्शकों प्रभावित किया। निर्देशन कृष्णकांत गांधी ने की। वहीं अवधेश लिखित नाटक मुक्ति का मार्ग के माध्यम से बाल कलाकारों ने शिक्षा के महत्व का संदेश देते हुए बताया कि निरक्षरता अभिशाप है। यह व्यक्तिगत व सामाजिक जीवन में विकास का बाधक है। यमराज की भूमिका में अमित कुमार, चित्रगुप्त की भूमिका में सत्यम, यमदूत की भूमिका में आकाश कुमार, गिरिधर की भूमिका में शुभम, कोरस में संगम, सोहिता, सुप्रिया, मीनाक्षी आदि पटकथा के अनुसार नाटक का संदेश प्रेषित करने में सफल दिखे। निर्देशन मनोज कुमार ने किया। हारमोनियम पर गजेन्द्र यादव व नालवादक विकास कुमार ने संगीत पक्ष को मजबूती प्रदान करते रहे। मेकअप व वस्त्र-सज्जा राजा रौशन, मुरारी राजा व स्वीटी कुमारी का था। कार्यक्रम के दौरान बाल कलाकारों ने लोक गीत झिझिया पर शानदार नृत्य प्रस्तुत कर लोगों का मन मोह लिया।
इससे पहले मंच का उद्घाटन जदयू के वरिष्ठ नेता अमर कुमार सिंह व जिला कला-संस्कृति पदाधिकारी श्याम कुमार सहनी, वरिष्ठ रंग निर्देशक जसम के दीपक सिन्हा, एचएम विभा रानी सहित उपस्थित अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मौके पर जदयू नेता अमर कुमार सिंह ने कहा कि बच्चों के सर्वांगीण विकास के पढाई के साथ खेल व कला की अलग-अगल विधाओं की जानकारी बेहद जरूरी है। रंगमंच बच्चों के बच्चों व व्यक्ति के व्यक्तित्व के विकास के लिये महत्वपूर्ण है। जिला कला-संस्कृति पदाधिकारी ने कहा कि आधुनिक रंगमंच के नाटकों का गांवों में मंचन बेहद सुखद है और यह पहल बेहद सराहनीय है। सरकार शिक्षा के साथ-साथ कला व कला के अलग-अगल विधाओं के विकास के लिये प्रतिबद्ध हैं। रंग निर्देशक दीपक सिन्हा ने कहा कि नाटक व रंगमंच न केवल अभिव्यक्ति का एक सशक्त माध्यम व समाज का दर्पण है बल्कि यह सुसंस्कृत व्यक्तित्व के निर्माण में सहायक होता है। संचालन वरिष्ठ रंगकर्मी दीपक कुमार ने किया। मौके पर जदयू नेत्री फातमा खातून, मुखिया प्रतिनिधि पैक्स अध्यक्ष मो. नासिरूद्दीन, भाजपा के मंडल अध्यक्ष धर्मेन्द्र झा, भाजपा नेता जनार्दन पटेल, सरपंच रणवीर सिंह आदि मौजूद थे।