- राष्ट्र कवि रामधारी सिंह दिनकर की आज 116वीं जयंती
- कला, संस्कृति एवं युवा विभाग की ओर आयोजित है समारोह
- जिला प्रशासन ने अतिथियों के क्रम में प्रोटोकॉल का ध्यान नहीं रखा
- सोशल मीडिया पर प्रतिरोध के बाद जिला प्रशासन ने निमंत्रण कार्ड बदला
बेगूसराय | आज राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर की 116वीं जयंती है। बेगूसराय जन्मभूिम होने के कारण स्वाभाविक रूप से वे यहां के जन-मन में हैं। सिमरिया में तो वो कण-कण में विराजमान में हैं। कहते हैं यहां हर घर की दीवारें दिनकर की पंक्तियां बोलती हैं। बच्चों की जुबान पर सरस्वती नहीं दिनकर विराजमान हैं। दिनकर जी के गांव सिमरिया में कार्यक्रम के अलावा मुख्य कार्यक्रम जिला मुख्यालय में होता है। यहां राष्ट्रीय और जनपदीय स्तर के एक-एक कवि को सम्मानित किया जाता है। कुछ वर्ष पहले राज्य सरकार ने दिनकर जयंती को राजकीय समारोह घोषित किया था। इस कारण कला, संस्कृति एवं युवा विभाग के साथ जिला प्रशासन भी एक अलग कार्यक्रम करता है। विभाग की ओर से इस साल भी यह कार्यक्रम कंकौल स्थित प्रेक्षागृह में आयोजित है। कार्यक्रम कर रहे हैं तो आमंत्रण कार्ड भी छपवाया गया होगा। इस कार्ड में प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री मंगल पांडेय को मुख्य अतिथि, डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा को उद्घाटनकर्ता और मुंगेर प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह (आइएएस) काे विशिष्ट अतिथि बनाया गया। केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह के अलावा जिले के सभी सात विधायक और चार एमएलसी को गरिमामयी उपस्थिति में रखा गया। कार्ड का वितरण भी दो दिन पहले हो गया, लेकिन हंगामा शुरू हुआ कार्यक्रम से एक दिन पहले 22 सितंबर की शाम से।
वाट्सएप ग्रुप का स्क्रीनशॉर्ट जिसके बाद से हंगामा शुरू हुआ
सांसद प्रतिनिधि रहे अमरेंद्र कुमार ने प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया
केंद्रीय मंत्री सह स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह के प्रतिनिधि रहे अमरेंद्र कुमार अमर ने जिला प्रशासन के इस कार्ड को एक वाट्सग्रुप पर डालते हुए प्रोटोकॉल का उल्लंघन बताया। उन्होंने लिखा कि सांसद को गरिमामयी उपस्थिति में रखना और एक आइएएस को विशिष्ट अतिथि बनाना सर्वथा अनुचित है। यह प्रोटोकॉल का उल्लंघन है। कार्यक्रम आयोजित करने वाले अधिकारी को इसका ध्यान रखना चाहिए। इसके बाद इस वाट्सएप ग्रुप पर कई लोगों ने अमरेंद्र कुमार अमर की बातों का समर्थन किया। अमरेंद्र कुमार अमर ने फिर लिखा- केंद्रीय मंत्री गिरिराज जी को ऐसे कार्यक्रम में शामिल नहीं होना चाहिए तथा इसी के अनुरूप वे पटना रवाना हो जाएंगे। उन्होंने सांसद की यात्रा विवरणी को भी शेयर किया। जिसे पढ़ने पर प्रतीत होता है कि सांसद शायद ही इस कार्यक्रम में शिरकत करेंगे।
सांसद का दौरा कार्यक्रम
… और तीन घंटे में ही बदल गए अतिथि
अमरेंद्र कुमार ने वाट्सएप ग्रुप पर शाम करीब 5.44 बजे जिला प्रशासन का निमंत्रण कार्ड शेयर किया था। इसके बाद भाजपा के ही एक कार्यकर्ता ने रात करीब 8.34 बजे इसी वाट्सएप ग्रुप पर जिला प्रशासन की ओर से जारी संशोधित निमंत्रण कार्ड को शेयर किया। हंगामा होने के करीब तीन घंटे में ही मुख्य अतिथि, उद्घाटनकर्ता और विशिष्ट अतिथि बदल गए। यहां तक कि संशोधित निमंत्रण कार्ड से मुंगेर प्रमंडल के प्रमंडलीय आयुक्त संजय कुमार सिंह का नाम तक गायब हो गया।
देखिए, निमंत्रण कार्ड
सवाल : क्या जिला प्रशासन या विभाग ने केंद्रीय मंत्री से समय नहीं लिया
अमरेंद्र कुमार अमर ने केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह की जिस यात्रा विवरणी को वाट्सएप ग्रुप में शेयर किया है उससे तो स्पष्ट है कि सांसद कंकौल स्थित प्रेक्षागृह में आयोजित दिनकर जयंती समारोह में शायद ही भाग लेंगे। तो अब सवाल उठता है कि क्या कला, संस्कृति एवं युवा विभाग या फिर जिला प्रशासन की ओर से केंद्रीय मंत्री से इसके लिए समय नहीं लिया गया था। क्या समय नहीं लेने के कारण ही कार्ड में उनका नाम पहले गरिमामयी उपस्थिति में दिया गया था। अगर समय नहीं लिया गया तो हंगामा मचने के बाद फिर उन्हें कार्यक्रम का विशिष्ट अतिथि क्यों बनाया गया? अगर केंद्रीय मंत्री उपलब्ध नहीं हैं तो हंगामा मचने के बाद प्रदेश के खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता को ही प्रमंडलीय आयुक्त की जगह विशिष्ट अतिथि बना देते।
लोगों के बीच चर्चा कि यहां भी राजनीति
इतना हंगामा होने और कार्ड बदले जाने के बाद लोगों में चर्चा है कि यहां भी राजनीति हो गई। दिनकर हमारे हैं तो हमें ही अपनी इज्जत बचानी होगी। लोगों का कहना है कि प्रशासन की ओर से कार्ड पिछले कुछ दिनों से बांटा जा रहा था। सांसद सह केंद्रीय मंत्री के प्रतिनिधि रहे अमरेंद्र अमर जिला स्तरीय कई कमेटी में सदस्य हैं। निश्चित रूप से उन्हें भी कार्ड मिला होगा। तो अमरेंद्र अमर ने कार्ड मिलने के साथ ही इस सवाल को क्यों नहीं उठाया? चर्चा है कि लोकसभा चुनाव संपन्न होने के बाद अमरेंद्र कुमार अमर का केंद्रीय मंत्री जी के साथ छत्तीस का आंकड़ा चल रहा है। मंत्री जी के पहले टर्म में अमरेंद्र अमर उनके साथ साए की तरह रहते थे, लेकिन अब किसी भी कार्यक्रम में उनके साथ नहीं दिखते। यहां तक कि पटना NIFT की विस्तारित शाखा के उद्घाटन कार्यक्रम में भी अमरेंद्र अमर मौजूद नहीं थे। दिनकर जयंती समारोह से 24 घंटे पहले इस मुद्दे को उठाकर वे खुद को फिर से मंत्री जी के करीब लाना चाह रहे हैं और जो मंत्री जी के करीब हैं उन्हें उनके ज्ञान का स्तर दिखाना चाह रहे।
1 thought on “Dinkar Jayanti : तीन घंटे में ही बदल गए मुख्य अतिथि, उद्घाटनकर्ता और विशिष्ट अतिथि; बलि का बकरा बने मुंगेर प्रमंडलीय आयुक्त”
कवि,लेखक,साहित्यकार को एक छोटे फ्रेम में सीमित कर उस पर राजनीतिक करना कहीं से भी उचित नहीं है.खासकर दिनकर जी जैसे विशाल व्यक्तित्व के साथ तो कदाचित नहीं.दिनकर राष्ट्रीय पहचान और धरोहर हैं.
प्रधानमंत्री का रसूख सत्ता से संबंधित है.जबकि इसके ठीक उलट कवि,लेखक, साहित्यकार की पूंजी जनगण की वेदना,उसके कष्ट,उसकी समस्याएं होती हैं.कवि,लेखकों के नाम पर राजनीति कर अवांछनीय है.
कवि,लेखकों को बेचने से परहेज़ किया जाना चाहिए,यही जयंती व पुण्य तिथि मनाने का उद्देश्य होना चाहिए.
कवि,लेखकों के जयंती अथवा पुण्य तिथि के अवसर पर राजनीतिक लोग/लोगों की उपस्थिति हंसिया के विवाह में खुरपी का गीत जैसा प्रतीत होता है.