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Inquiry Committee : स्कूलों में सबमर्सिबल की गहराई जांचेगी तीन सदस्यीय जांच कमेटी, रिपोर्ट सौंपने की समय सीमा तय नहीं

जिले के 800 स्कूलों में लगाए गए सबमर्सिबल पंप की गहराई की जांच होगी। डीईओ ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। जांच के बाद ही संवेदकों को भुगतान होगा।

बेगूसराय | सरकार की योजना है कि स्कूलों में बच्चों को पीने के लिए स्वच्छ पानी मिले। इसके लिए सभी विद्यालयों में सबमर्सिबल लगाने की योजना बनाई गई। जिले में भी करीब 800 स्कूलों के लिए इस योजना के तहत करीब 21 करोड़ 76 लाख का बजट दिया गया। स्कूलों में करीब 250 से 300 फीट की गहराई में बोरिंग कर सबमर्सिबल पंप लगाने थे, लेकिन इसमें लापरवाही बरती गई। संवेदक ने कहीं 80 फीट तो कहीं 100 या अधिकतम 140 फीट की गहराई में ही बोरिंग कर सबमर्सिबल लगा दिया। कई विद्यालयों के प्रधानाध्यापकों ने इस बारे में जब जिला शिक्षा पदाधिकारी को शिकायत दी तो कार्रवाई शुरू हुई। शनिवार को जिला शिक्षा पदाधिकारी राजदेव राम ने तीन सदस्यीय जांच कमेटी का गठन किया है। हालांकि यह कमेटी कब तक अपनी जांच रिपोर्ट देगी, इसका उल्लेख आदेश में नहीं है।

जैसे-जैसे जांच होगी, उसी आधार पर भुगतान होगा
जांच कमेटी में संबंधित प्रखंड के प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी, प्रखंड के कनीय अभियंता एवं संबंधित विद्यालय के प्रधानाध्यापक होंगे। ये तीनों जांच करने के बाद एक प्रमाणपत्र समग्र शिक्षा के जिला कार्यक्रम पदाधिकारी को सौंपेंगे। प्रमाणपत्र का अध्ययन करने के बाद जिला कार्यक्रम पदाधिकारी रिपोर्ट जिला शिक्षा पदाधिकारी को सौंपेंगे। इसी आधार पर संवेदकों को भुगतान किया जाएगा। कमेटी जैसे-जैसे रिपोर्ट सौंपती जाएगी, संवेदकों को भुगतान मिलता जाएगा। जहां कहीं लापरवाही मिली तो वहां के संवेदक को भुगतान नहीं मिलेगा।

रिपोर्ट में घालमेल तो शिक्षक कर सकते हैं शिकायत
जांच के दौरान अगर किसी विद्यालय के प्रधान खुद को या संवेदक को बचाने के लिए अिधकािरयों के साथ मिलकर गलत रिपोर्ट तैयार करते हैं या कोई घालमेल करते हैं तो शिक्षक इसकी शिकायत डीईओ से कर सकते हैं। अगर विद्यालय के प्रधानाध्यापक अपनी जवाबदेही तय करते हैं तो निश्चित रूप से रिपोर्ट गलत नहीं बनेगी।

योजना के तहत क्या-क्या होना था

  • 250 से 300 फीट की गहराई में बोरिंग कर सबमर्सिबल पंप लगाने का निर्देश था।
  • इसी के साथ विद्यालय में पानी की टंकी लगाने व हैंडवाश स्टेशन का भी निर्माण करना था।
  • हैंडवाश स्टेशन में आधा दर्जन से अधिक नल लगाए जाने थे।
  • बच्चों को शुद्ध पानी मिलने के साथ हाथ धोने व शौचालय के उपयोग में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा।
  • शिक्षा विभाग ने स्कूल प्रधानाध्यापकों से स्कूलों में चापाकल और पेयजल की अन्य सुविधाओं की सूची मांगी थी।
newsvistabih
Author: newsvistabih

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