- पिछले 11 दिनों से एम्स में भर्ती थीं शारदा सिन्हा
- वर्ष 2018 से 2018 से मल्टीपल मायलोमा से जूझ रही थीं
- 30 अक्टूबर को छठ का नया गाना रिलीज किया था
- 62 से अधिक छठ के गानों को आवाज दे चुकीं
नई दिल्ली/एजेंसी | मशहूर लोक गायिका शारदा सिन्हा (72) का मंगलवार (5 नवंबर) को नई दिल्ली AIIMS में निधन हो गया। उन्हें 26 अक्टूबर को एम्स में भर्ती किया गया था। इंफेक्शन बढ़ने के बाद उन्हें आइसीयू में रखा गया था। सोमवार से उनकी तबीयत ज्यादा खराब हो गई थी। ऑक्सीजन लेवल लगातार गिरने के चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। बताते चलें कि शारदा सिन्हा कैंसर से पीड़ित थीं। वह साल 2018 से मल्टीपल मायलोमा से जूझ रही थीं। मल्टीपल मायलोमा एक तरह का ब्लड कैंसर होता है। उनका जन्म 1 अक्टूबर 1952 को सुपौल में हुआ था।
30 अक्टूबर को छठ का नया गाना रिलीज किया था
लोक गायिका शारदा सिन्हा का 30 अक्टूबर को छठ पूजा से पहले नए गाने का वीडियो जारी हुआ है। उनके पुत्र अंशुमन सिन्हा ने उनके ऑफिशियल यूट्यूब चैनल से वीडियो को रिलीज किया था। गाने के बोल हैं… ‘दुखवा मिटाईं छठी मइया…. रउए आसरा हमार… सबके पुरवेली मनसा… हमरो सुनलीं पुकार।’
62 से अधिक छठ के गानों को आवाज दे चुकीं
शारदा सिन्हा अब तक 62 से अधिक छठ के गानों को आवाज दे चुकी हैं। उन्होंने ‘केलवा के पात पर उगलन सूरजमल झुके झुके’ और ‘सुनअ छठी माई’ जैसे कई प्रसिद्ध छठ गीत गाए हैं।
बॉलीवुड में गाए कुछ खास गाने
शारदा ने बॉलीवुड के कुछ फेमस गाने गाए हैं, जिनमें सलमान खान की ‘मैंने प्यार किया’ में ‘कहे तोहसे सजना’, सलमान और माधुरी दीक्षित की ‘हम आपके हैं कौन’ में ‘बाबुल’ और अनुराग कश्यप की ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर 2’ का ‘तार बिजली से पतले हमारे पिया…’ गाना शामिल है। उन्होंने नितिन नीरा चंद्रा की फिल्म ‘देसवा’ में भी एक गाना भी गाया था।
ब्रेन हेमरेज के कारण दो माह पहले पति का हुआ था निधन
इसी साल 22 सितंबर को उनके पति ब्रजकिशोर सिन्हा का निधन हुआ था। घर में ही गिर जाने की वजह से उनके सिर में चोट आई थी। चोट से ब्रेन हेमरेज हो गया था। अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने दम तोड़ दिया था।

शादी की 50वीं वर्षगांठ पर लिखी थीं दिल की बात
पद्मश्री शारदा सिन्हा ने साल 8 मई 2020 को विवाह की 50वीं वर्षगांठ मनाई थी। इस दौरान उन्होंने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट शेयर किया था। जिसमें उन्होंने फिल्म ‘मैंने प्यार किया’ के मशहूर गीत का भी जिक्र किया था। उन्होंने लिखा कि ’कहे तोसे सजना ये तोहरी सजनियां…, पग-पग लिए जाऊं तोहरी बलइयां..’। उन्होंने लिखा था कि ‘आप एक स्तंभ बनकर अडिग खड़े रहे, हर कदम आपका साथ मिला। आज आपके साथ बैठकर हर पल को याद करूंगी। जिसमें दांपत्य जीवन के धैर्य, स्नेह, दृढ़ता, सहिष्णुता, प्रीत और युगल भावनाओं की मिसाल मौजूद रही’।

इस तरह बेगूसराय में पक्की हुई शादी… पिता बोले- बेटी का साथ देने वाला दामाद चाहिए
शारदा सिन्हा के रिश्तेदार (ससुराल पक्ष) ने बताया कि जब शारदा के पिता सुखदेव ठाकुर शादी की बात करने सिहमा (बेगूसराय) आए थे तब ब्रजकिशोर सिन्हा के पिता श्रीराम सिंह उत्तरी सिहमा के सरपंच थे, लेकिन घर फूस का था। सुखदेव ठाकुर ने कहा कि वे बेटी की शादी ब्रज किशोर से करना चाहते हैं। श्रीराम सिंह ने कहा कि मैं आर्थिक रूप से कमजोर हूं, घर फूस का है। आपकी बेटी यहां कैसे रह सकेगी? इस पर सुखेदव ठाकुर ने कहा कि मुझसे इससे कोई दिक्कत नहीं है। बस इतना चाहता हूं कि होने वाला दामाद बेटी का साथ दे। श्रीराम सिंह ने कहा-ठीक है। फिर ब्रज किशोर की शादी समस्तीपुर स्थित एक बीएड कॉलेज में शारदा सिन्हा से हुई।
मार्च में भाभी से कहा था- खोंइछा भरि के पठाउ हमरा, बेटी के जत्ते देबै, नैहर तत्ते बेसी उन्नति करत
शारदा सिन्हा 31 मार्च 2024 को अपने भाई पद्मनाभ के पुत्र के रिशेप्सन में मायके आईं थीं। विवाह गीत गाकर वर-वधू को आशीष दिया था। जब वह मायके से लौटने लगीं तो मिथिला परंपरा के अनुसार दूब-धान खोंइछा में लेकर गई थीं। उन्होंने भाभियों से कहा था कि खोंइछा भरि के पठाउ हमरा। बेटी के जत्ते देबै, नैहर तत्ते बेसी उन्नति करत। (मुझे खोइंछा भर के ससुराल भेजिए। बेटी को जितना नैहर से मिलता है, नैहर उतना ही खुशहाल रहता है।)
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2 thoughts on “Sharda Sinha Death: बिहार कोकिला शारदा सिन्हा का निधन, दिल्ली AIIMS में दम तोड़ा”
Om shanti.
इतनी जानकारी शायद कहीं और नहीं मिले। फोटो का संग्रह भी कमाल का।