- 9 नवंबर 2022 को देश के 50वें CJI के रूप में शपथ ली थी
- 10 नवंबर 2024 को खत्म हो रहा उनका कार्यकाल
- 8 नवंबर को आखिरी वर्किंग डे था, सेरेमोनियल बेंच ने विदाई दी
- CJI चंद्रचूड़ ने 500 से अधिक फैसले लिखे हैं
- पिता वाईवी चंद्रचूड़ भी सीजेआइ (1978-1985) रह चुके
- पिता-पुत्र के सीजेआइ बनने का एकमात्र उदाहरण

नई दिल्ली/एजेंसी | भारत के मुख्य न्यायाधीश जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 10 नवंबर को सेवानिवृत्त हो जाएंगे। इस कारण उनके आखिरी वर्किंग डे 8 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट में विदाई दी गई। इस दौरान उन्होंने CJI के तौर पर देश को आखिरी संदेश भी दिया। डीवाई चंद्रचूड़ 9 नवंबर 2022 को सीजेआइ बने थे। अपनी विदाई भाषण में उन्होंने कहा कि अगर मैंने किसी को जाने-अनजाने में ठेस पहुंचाई हो तो प्लीज मुझे माफ कर देना। कहा कि अदालत में हम ऐसे लोगों से मिलते हैं जिन्हें हम शायद ही जानते हों। उन्होंने कहा कि मैंने कभी अदालत में किसी को ठेस पहुंचाई हो कृपया मुझे माफ कर दें। समारोह में CJI ने कहा कि मैं दिल से सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन को धन्यवाद देना चाहता हूं। इतने बड़े सम्मान के लिए बहुत-बहुत धन्यवाद।
सीजेआइ चंद्रचूड़ ने आखिरी दिन 45 केस सुने
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ ने आखिरी वर्किंग डे पर 45 केस सुने। सेरेमोनियल बेंच की कार्यवाही की लाइव स्ट्रीमिंग हुई। इस बेंच में जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस मनोज मिश्रा, जस्टिस जेबी पारदीवाला के अलावा वरिष्ठ वकील भी शामिल हुए। सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों में CJI चंद्रचूड़ ने सबसे ज्यादा फैसले लिखे हैं। अपने कार्यकाल में CJI चंद्रचूड़ 1274 बेंचों का हिस्सा रहे। उन्होंने कुल 612 फैसले लिखे।
#WATCH | While addressing his farewell function, Chief Justice of India DY Chandrachud says “He (my father) bought this small flat in Pune. I asked him, why on earth are you buying a flat in Pune? When are we going to go and stay there? He said, I know I’m never going to stay… pic.twitter.com/6nqbSH7HKk
— ANI (@ANI) November 8, 2024

जस्टिस संजीव खन्ना होंगे देश के 51वें CJI
जस्टिस संजीव खन्ना सुप्रीम कोर्ट के 51वें चीफ जस्टिस होंगे। CJI डीवाई चंद्रचूड़ ने सरकार से उनके नाम की सिफारिश की थी। हालांकि, उनका कार्यकाल सिर्फ 6 महीने का होगा। 64 साल के जस्टिस खन्ना 13 मई 2025 को रिटायर होंगे। संजीव खन्ना ने कहा कि सीजेआइ डीवाई चंद्रचूड़ ने मेरा काम आसान और मुश्किल दोनों कर दिया है। आसान इसलिए क्योंकि कई रेवोल्यूशन हुए हैं और मुश्किल इसलिए क्योंकि मैं उनकी बराबरी नहीं कर सकता। उनकी कमी हमेशा खलेगी। उनके यंग लुक की चर्चा सिर्फ यहां ही नहीं बल्कि विदेशों में भी होती है। ऑस्ट्रेलिया में बहुत से लोग मेरे पास आए थे और पूछा कि उनकी उम्र क्या है।
सीजेआइ के तौर पर जस्टिस चंद्रचूड़ के अहम फैसले
लास्ट वर्किंग डे पर सीजेआइ डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली बेंच ने अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के अल्पसंख्यक दर्जे को लेकर बड़ा फैसला सुनाया। सुप्रीम कोर्ट ने विश्वविद्यालय के माइनॉरिटी स्टेटस को बरकरार रखा। राम जन्मभूमि विवाद, अनुच्छेद 370 को हटाना और सहमति से बनाए गए समलैंगिक यौन संबंधों को अपराध की श्रेणी से बाहर करने जैसे समाज और राजनीति पर अमिट छाप छोड़ने वाले कई फैसले सीजेआइ डीवाई चंद्रचूड़ के नाम दर्ज हैं। उन्होंने इलेक्टोरल बॉन्ड का खात्मा, समलैंगिक विवाह पर फैसला, आर्टिकल 370, दिल्ली बनाम केंद्र सरकार, वन रैंक-वन पेंशन, मदरसा केस, सबरीमाला मंदिर में महिलाओं के प्रवेश, CAA-NRC पर भी अहम फैसले दिए हैं।