बेगूसराय | संयुक्त किसान मोर्चा, केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों एवं खेतिहर मजदूर यूनियनों के राष्ट्रव्यापी संयुक्त अह्वान पर देशभर के सभी जिला मुख्यालयों में 26 नवम्बर को सरकार की किसान-मजदूर विरोधी एवं जनविरोधी नीतियों के खिलाफ चेतावनी प्रतिरोध मार्च निकाला जाएगा। बेगूसराय में इसे सफल बनाने के लिए संयुक्त किसान मोर्चा, केन्द्रीय ट्रेड यूनियनों एवं खेतिहर मजदूर यूनियनों की संयुक्त बैठक सीटू जिला कार्यालय बी टी रणदिवे भवन में हुई। बैठक की अध्यक्षता सीटू राज्य सचिव सुरेश प्रसाद सिंह ने की।
बिहार राज्य किसान सभा के जिला सचिव दयानिधि चौधरी ने बताया कि वैश्विक उदारीकरण की आर्थिक नीतियों की विफलता के बावजूद केंद्र सरकार इसे और अधिक द्रुतगति से लागू कर रही है। इसी कारण अंधाधुंध निजीकरण और राष्ट्रीय संपदा कौड़ी के दाम पर बेचे जा रहे हैं। बेगूसराय में खुलने वाले कल-कारखानों में स्थानीय लोगों की बहाली की गारंटी के लिए देश का निर्माण करने वाले मजदूर और अन्नदाता किसान 26 नवंबर को सरकार को चेतावनी देने के लिए एकजुट होकर सड़कों पर उतरेंगे।
चोर दरवाजे से कॉरपोरेट खेती को बढ़ावा दे रही सरकार
दयानिधि चौधरी ने कहा कि केंद्र सरकार चोर दरवाजे से कॉरपोरेट खेती को बढ़ावा दे रही है। इसके अलावा न्यूनतम समर्थन मूल्य की कानूनी गारंटी पर केन्द्र सरकार का नकारात्मक रुख, 8 घंटे से अधिक काम, शिक्षा, स्वास्थ्य और लोक कल्याणकारी अवधारणाओं को ध्वस्त किए जाने संवैधानिक संस्थाओं और संविधान पर लागातार हमला, बढ़ती मंहगाई, बिजली के बहाने लूट का यंत्र प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने, खाद बीज की किल्लत, हत्या अपराध और बेरोजगारी के खिलाफ तथा खेतिहर मजदूरों के लिए न्यूनतम मजदूरी कानून और सामाजिक सुरक्षा, संविदाकर्मियों को प्रतिमाह उचित एवं नियमित वेतन, ठेका प्रथा पर रोक लगाने की मांग की जाएगी।
इन लोगों ने विचार और सुझाव रखे
बैठक में सीटू के अंजनी कुमार सिंह, रामविनय सिंह, अभिनंदन झा,एटक के प्रहलाद सिंह, एक्टू के चंद्रदेव वर्मा, इंटक के चुनचुन राय, कर्मचारी महासंघ के मोहन मुरारी, शंकर मोची, किसान महासभा के बैजू सिंह, बिहार राज्य किसान सभा के रामाशीष राय,रमेश सिंह आदि नेतागण ने अपने विचार और सुझाव रखे।