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जनजातीय समाज को सनातन सभ्यता से जोड़ता है भगवान बिरसा का जीवन दर्शन : डॉ अभिमन्यु

भारत के एकमात्र आदिवासी पुरोधा जिनके नाम के आगे भगवान लगाया जाता है l उनके नाम के आगे भगवान लगाया जाना इस बात का प्रतीक है कि ये अपने मूल स्वभाव से सनातनी थे l
  • जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर एबीवीपी ने ‘बिरसा मुंडा : सनातन के संरक्षक एवं स्वतंत्रता आंदोलन के जनजातीय नायक ‘ विषय पर आयोजित किया वेबीनार

बेगूसराय।भारत के एकमात्र आदिवासी पुरोधा जिनके नाम के आगे भगवान लगाया जाता है l उनके नाम के आगे भगवान लगाया जाना इस बात का प्रतीक है कि ये अपने मूल स्वभाव से सनातनी थे l इसीलिए स्वयं और पूरे परिवार के ईसाई धर्म में धर्मांतरण के बाद भी ये सनातन परंपरा के करीबी बने रहे और अंततः अपने साथ-साथ ईसाई धर्म में धर्मांतरित हजारों आदिवासियों को पुनः सनातन परंपरा से जोड़ने का काम किया l उक्त वक्तव्य अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा जनजातीय गौरव दिवस के अवसर पर आयोजित वेबीनार में इतिहास विभाग जीडी कॉलेज के सहायक आचार्य एवं जनजातीय इतिहास के विद्वान डॉ अभिमन्यु प्रसाद ने दी l उन्होंने कहा कि आज भी इतिहास की कई पुस्तक भगवान बिरसा का तथ्यहीन मूल्यांकन कर रही है। भगवान बिरसा के आंदोलनात्मक कार्य का एक दशांश भी सशस्त्र नहीं था किंतु उनके संपूर्ण कार्य को केवल सशस्त्र क्रांति कहकर उनके साथ अन्याय किया जाता है। उनके 90% कार्य धार्मिक एवं सांस्कृतिक पुनर्जागरण से संबंधित था।

युवाओं को भगवान बिरसा के जीवन दर्शन से प्रेरणा ग्रहण करना चाहिए 

वेबीनार में विशिष्ट रूप से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ उत्तर बिहार प्रांत के महाविद्यालयीन छात्र कार्य प्रमुख एवं प्रचारक राकेश कुमार ने अपना प्रारंभिक उद्बोधन रखा। इन्होंने कहा कि आज संपूर्ण राष्ट्र जनजातीय गौरव दिवस मना रहा है किंतु जनजातीय गौरव दिवस के पीछे के दर्शन एवं वर्तमान समाज में इसकी स्वीकार्यता तथा प्रसिद्धी कितनी है , यह विचारणीय बिंदु है। शिक्षित वर्ग को यह जिम्मेदारी लेनी होगी कि एक 25 वर्ष के जनजातीय युवा यदि ब्रिटिश सत्ता के खिलाफ संघर्ष का बिगुल बजाकर उसे नाको दम कर देता है और अंततः ब्रिटिश सत्ता उसे अपना शत्रु मानकर षडयंत्र पूर्वक उनकी हत्या करती है किंतु आज युवाओं के सर्वाधिक जनसंख्या वाला देश बनकर भी भारत विकासशील राष्ट्र की श्रेणी में ही लंबे समय से खड़ा है। आज के युवाओं को भगवान बिरसा के जीवन दर्शन से प्रेरणा ग्रहण कर अपने समाज और राष्ट्र की उन्नति के लिए अपना सर्वोच्च योगदान देने हेतु आगे आना चाहिए।

जनजातीय समाज में औपनिवेशिक मानसिकता के लेखक एवं स्वयंसेवी संगठनों ने भ्रम फैलाया

विषय प्रवेश करते हुए विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय कार्यकारिणी सदस्य पुरुषोत्तम कुमार ने कहा कि विद्यार्थी परिषद जनजातीय समाज में औपनिवेशिक मानसिकता के लेखक एवं स्वयंसेवी संगठनों के द्वारा फैलाई गई भ्रांतियों तथा गलत तथ्यों का पर्दाफाश करते हुए उनके प्राचीन गौरव की पुनर्स्थापना हेतु लगातार कार्य कर रही है। विद्यार्थी परिषद के राष्ट्रीय कार्यक्रम में जनजातीय गौरव दिवस का कार्यक्रम भी सम्मिलित है। इसलिए हम सभी इस दिवस को बड़े ही बृहद स्वरूप में मानते हैं। इस अवसर पर संपूर्ण भारत में विद्यार्थी परिषद भिन्न-भिन्न प्रकार के कार्यक्रम आयोजित कर रही है।

भगवान बिरसा के जीवन दर्शन से कार्यकर्ताओं को अवगत कराया 

नगर मंत्री अजीत कुमार एवं जीडी कॉलेज अध्यक्ष प्रहलाद कुमार ने भी उपस्थित कार्यकर्ताओं को भगवान बिरसा के जीवन दर्शन से अवगत कराया। इस कार्यक्रम में तकनीकी सहायक के रूप में मनीष कुमार कार्य कर रहे थे l उक्त कार्यक्रम के माध्यम से विद्यार्थी परिषद के सक्रिय कार्यकर्ता कृष्ण कुमार, तेघड़ा के नगर मंत्री शशि कुमार, गोविंद कुमार, अमन कुमार, छोटू ,मंगल आदित्य , सचिन, राकेश सहित कई कार्यकर्ता एवं महाविद्यालय पुस्तकालय के कई पाठक तथा प्वाइंट में पढ़ने वाले छात्र-छात्राओं का वेबीनार के माध्यम से जनजातीय गौरव दिवस पर वैचारिक प्रबोधन हुआ l

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Author: newsvistabih

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