- तबादला नीति को और स्पष्ट करने के लिए कोर्ट ने सरकार को तीन सप्ताह का समय दिया
- मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2025 को होगी, इसी के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा
- ट्रांसफर के लिए 22 नवंबर तक मांगा गया था आवेदन, 1 लाख 20 हजार शिक्षकों ने किया था अप्लाई
पटना | पटना हाई कोर्ट ने राज्य में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर तत्काल रोक लगाते हुए राज्य सरकार को तीन सप्ताह में स्थिति स्पष्ट करने का निर्देश दिया है। जस्टिस प्रभात कुमार सिंह ने इस संबंध में दायर याचिकाओं पर सुनवाई की। मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2025 को होगी। सरकार की ओर से हलफनामा दायर होने के बाद अंतिम फैसला लिया जाएगा। शिक्षकों की तरफ से अधिवक्ता मृत्युंजय कुमार और सरकार की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता ललित किशोर पेश हुए। पटना हाई कोर्ट के फैसले के बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई है।
च्वाइस पोस्टिंग, करीब सवा लाख ने किया आवेदन
बताते चलें कि 22 नवंबर 2024 तक करीब 1 लाख 20 हजार शिक्षकों ने ट्रांसफर के लिए आवेदन किया है। विभाग की तरफ से च्वाइस पोस्टिंग के लिए आवेदन भी लिए जा रहे थे। आवेदन के बाद कैटेगरी के आधार पर शिक्षकों को विभाजित किया जाना था। फिर वर्गवार पोस्टिंग की प्रक्रिया शुरू होती। ट्रांसफर-पोस्टिंग की पूरी प्रक्रिया दिसंबर में पूरी की जानी थी। क्रिसमस के अवकाश के बाद जब स्कूल खुलेगा, तो शिक्षक पोस्टिंग वाले स्कूल में सीधे पहुंचेंगे। इसी बीच औरंगाबाद के कुछ शिक्षकों ने ट्रांसफर नीति के खिलाफ कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिसके बाद कोर्ट ने यह फैसला सुनाया।