राजगीर | भारतीय महिला हॉकी टीम ने लगातार दूसरी बार एशियाई चैंपियंस ट्रॉफी अपने नाम किया। बुधवार को खेले गए फाइनल मैच में चीन को 1-0 से हराकर भारत ने पूरे टूर्नामेंट में अपना अजेय रिकॉर्ड कायम रखा। फाइनल मैच में पहला और निर्णायक गोल दीपिका ने तीसरे क्वार्टर के दूसरे मिनट में पेनाल्टी कॉर्नर से किया। दीपिका ने इस टूर्नामेंट में कुल 11 गाेल दागे।
चीन ने की आक्रामक शुरुआत
पहले क्वार्टर में चीन ने आक्रामक शुरुआत की। हालांकि, जल्दी ही भारतीय टीम अटैकिंग पोजिशन ले ली। पहला क्वार्टर गोलरहित समाप्त हुआ। दूसरे क्वार्टर में चीन ने अटैक किया। हालांकि, भारतीय डिफेंस ने करारा जवाब दिया। चीन ने 18वें मिनट में पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। जुएलिंग जेंग ने ड्रैगफ्लिक लिया, लेकिन भारतीय डिफेंस ने रोक दिया और उसे रिबाउंड पर एक और मौका मिला, लेकिन इस बार गोलकीपर बिचू देवी ने बचा लिया। 19वें मिनट में डेंग किउचन को पीला कार्ड मिला और भारत ने पहला पेनल्टी कॉर्नर हासिल किया। हालांकि दीपिका इसका फायदा नहीं उठा सकीं। इसके बाद भारत को तीन बैक-टू-बैक पेनल्टी कॉर्नर मिले, लेकिन एक भी फायदा नहीं उठा सकीं। हाफ टाइम तक भारत और चीन एक भी गोल नहीं कर सके। 31वें मिनट में भारत के लिए पहला गोल आया। सलीमा टेटे के बेहतरीन इंजेक्टर किया और दीपिका ने बेहतरीन गोल दागा।
हाफ टाइम के बाद भारत आक्रामक रहा
दीपिका को 41वें मिनट में पेनल्टी स्ट्रोक मिला। यहां चाइनीज गोलकीपर ली टिंग ने बेहतरीन बचाव करके भारत को 2-0 की बढ़त लेने से रोक दिया। 48वें मिनट में भारत को एक और पेनल्टी कॉर्नर मिला। भारत एक बार फिर नाकाम रहा। सलीमा ने इंजेक्ट किया और सुशीला गोल करने से चूक गईं।
भारत ने तीसरी बार ट्रॉफी जीती
भारतीय महिला टीम पिछले साल रांची में और 2016 में सिंगापुर में यह खिताब जीत चुकी है। भारतीय टीम ने जबर्दस्त तालमेल और संयम का परिचय देते हुए चीन को हाशिये पर रखा। पहला हाफ गोलरहित रहने के बाद दूसरे हाफ के पहले ही मिनट में भारत को मिले पेनल्टी कॉर्नर पर दीपिका ने गोल करके खचाखच भरे बिहार खेल यूनिवर्सिटी स्टेडियम में मौजूद दर्शकों में उत्साह का संचार कर दिया।