- एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक आवेदन कर सकेंगे शिक्षक
- 10 अनुमंडल के विकल्प को खत्म कर दिया गया है
- जो पहले आवेदन कर चुके उन्हें फिर से अप्लाई करना होगा
- पहले करीब 1 लाख 20 हजार शिक्षकों ने आवेदन किया था
पटना | बिहार में शिक्षकों की ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर शुक्रवार (22 नवंबर) को शिक्षा विभाग की ओर से गाइडलाइन जारी हो गई है। सात श्रेणियां तय की गई हैं जिसके आधार पर शिक्षक ट्रांसफर के लिए आवेदन कर सकेंगे। माध्यमिक शिक्षा निदेशक पंकज कुमार की ओर से इस संबंध में जानकारी दी गई है। एक दिसंबर से 15 दिसंबर तक आवेदन का समय तय किया गया है। आवेदन ऑनलाइन लिया जाएगा। शिक्षकों को वर्तमान पोस्टिंग और चॉइस पोस्टिंग के बीच की दूरी बतानी होगी। ई-शिक्षा पोर्टल पर सारी जानकारी डालने के बाद टीचर्स अपना लिखित आवेदन स्कैन कर अपलोड करेंगे। इसके बिना फॉर्म सबमिट नहीं माना जाएगा।
BPSC, सक्षमता पास शिक्षक भी कर सकेंगे अप्लाई
BPSC, सक्षमता पास शिक्षक ट्रांसफर पोस्टिंग के लिए अप्लाई कर सकेंगे। इसके लिए शिक्षकों को 3 विकल्प देना होगा। नई गाइडलाइन में अब 10 अनुमंडल के विकल्प को खत्म कर दिया गया है। जिन शिक्षकों ने पहले आवेदन दिया है उनका आवेदन रद्द माना जाएगा। 1 लाख 20 हजार से अधिक शिक्षक आवेदन कर चुके थे। अब नए प्रावधान के तहत आवेदन लिया जाएगा।
स्थानांतरण के लिए 10 विकल्प, 3 भरना जरूरी
स्थानांतरण के लिए इच्छुक शिक्षक/शिक्षिका को 10 विकल्प देने का अवसर मिलेगा। इसमें कम-से-कम तीन विकल्प देना अनिवार्य होगा। अन्य सात विकल्प अनिवार्य नहीं होगा। विकल्प चयन करते समय जिला, प्रखंड का चयन करते हुए पंचायत/नगर निकाय का चयन किया जाएगा। ट्रांसजेंडर के लिए महिला शिक्षिका के लिए निर्धारित विकल्प उपलब्ध रहेंगे।
ट्रांसफर पाॅलिसी पर हाई कोर्ट की रोक
मालूम हो कि, औरंगाबाद के शिक्षकों ने सरकार के ट्रांसफर पॉलिसी को लेकर याचिका दायर की थी। इस पर सुनवाई के दौरान कोर्ट ने फिलहाल स्टे लगा दिया है। न्यायाधीश प्रभात कुमार सिंह ने इस दायर याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश जारी किया है। इसके बाद शिक्षा मंत्री सुनील कुमार ने बताया कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ विचार-विमर्श के बाद फैसला लिया गया है। स्थानांतरण नीति तत्काल स्थगित करने का निर्णय लिया गया है। अभी जो शिक्षक जहां हैं, वहीं नियुक्त होंगे। 5 चरण की सक्षमता परीक्षा के बाद शिक्षकों का स्थानांतरण होगा। जरूरत पड़ी तो स्थानांतरण नीति में कुछ बदलाव भी किए जाएंगे।