- मल्हीपुर मौजे के जमीन की जमाबंदी रद्द होने व सिमरिया मौजे के जमीन का लगान रसीद नहीं काटने से आक्रोशित हैं किसान
- चकिया में किसानों ने बैठक कर डीएम कार्यालय के समक्ष धरना देने व पैदल मार्च निकालने का लिया निर्णय
बेगूसराय। सिमरिया गंगातट के समीप आद्यौगिक क्षेत्र को विस्तार करने के लिए जिला प्रशासन के द्वारा मल्हीपुर मौजे के खाता नं. 261 के सैकड़ो एकड़ जमीन की जमाबंदी रद्द करने व सिमरिया मौजे के खाता संख्या 458 के सैकड़ो एकड़ जमीन का लगान रसीद नहीं काटने से आक्रोशित सैकड़ो किसानों ने रविवार को चकिया स्थित दुर्गा स्थान में बैठक कर जिला प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी कर कई निर्णय लिए हैं। बैठक में चकिया के अलावे मल्हीपुर, विष्णुपुर चांद, बीहट, कसहा, बरियाही समेत कई अन्य गांव के किसानों ने हिस्सा लिया। बैठक की अध्यक्षता किसान महिंद्र सिंह व संचालन मुकेश कुमार राय ने किया। किसान जगदीश राय, शशि भूषण सिंह, राम अशीष सिंह, अनिल सिंह, रोहित कुमार, अवधेश राय व सरोज कुंवर ने कहा कि हमलोगों के पुरखों की जमीन सरकार से वापस लेंगे। कहा कि हमलोगों की जमीन पर पूर्व में बरौनी थर्मल प्रतिष्ठान की स्थापना हुई, बरौनी रिफाइनरी का पाइप लाइन बिछाया गया व विद्युत खंभा लगाया गया। सभी कार्यो में सरकार के द्वारा हमलोगों को जमीन का मुआवजा दिया गया है। इसके अलावे हजारों किसानों ने इसी जमीन पर बैंक से करोड़ों ऋण भी लिए हैं, लेकिन आज इसी जमीन से हमलोगों को सरकार व जिला प्रशासन एक सोची-समझी साजिश के तहत बेदखल कर देना चाहते हैं जो किसी भी सूरत में हम सब किसान होने नहीं देंगे।
डीएम कार्यालय के समक्ष देंगे धरना
किसानों ने कहा कि अपनी जमीन को लेकर हम लोग डीएम कार्यालय के समक्ष धरना देंगे व पैदल मार्च निकालेंगे। अगर जरूरत पड़ी तो हमलोग सड़क पर भी उतर मर मिटने के लिए तैयार रहेंगे। बीहट नगर परिषद के उप मुख्य पार्षद ऋषिकेश कुमार ने कहा कि किसानों की ज़मीन अधिग्रहण को लेकर किसानों में काफ़ी आक्रोश है। कहा कि उक्त मामले को लेकर सभी किसान सीएम को भी पत्र के माध्यम से अवगत करवाएंगे।
किसानों की जमीन वापस नहीं हुई तो किसान कभी भी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे
उपमुख्य पार्षद ने कहा कि किसानों की जमीन वापस नहीं हुई, तो किसान कभी भी आंदोलन के लिए बाध्य होंगे। किसान शशि भूषण यादव, बबलू यादव, रामजी यादव व राम जन्म यादव ने कहा कि हमलोगों के 458 खाता में आने वाले सैकड़ो एकड़ पुस्तैनी जमीन जो राष्ट्रकवि दिनकर के पैतृक गांव सिमरिया समेत कसहा, बरियाही, चानन, रुपनगर, बिंदटोली व सिमरिया गंगाघाट में पड़ता है, उस जमीन का लगान रसीद जिला प्रशासन के द्वारा लगभग पिछले चार वर्षो से नहीं काटा जा रहा है। इससे किसानों व ग्रामीणों को काफी परेशानी का सामना करना पर रहा है।
मौके पर ये लोग मौजूद थे
मौके पर किसान दिलीप सिंह, मुन्ना कुमार सिंह, रामाधार सिंह, राजेश कुमार सिंह, रंजीत कुमार, रामचंद्र पासवान, जापान राय, नवीन कुंवर, शशि भूषण कुमार, इंद्रदेव राय, वैद्यनाथ राय, शेखर राय समेत कई अन्य किसान मौजूद थे।