- महेश्वर एक प्रतिरोध के कवि, कथाकार, गीतकार, नाटककार और कलाकार थे : दीपक सिन्हा
बेगूसराय। जन संस्कृति मंच ( जसम ) ने अपने दिवंगत राष्ट्रीय महासचिव महेश्वर की 75वीं जयंती कमलेश्वरी भवन में मनाई। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए जसम के जिला अध्यक्ष विजय सिन्हा ने कहा कि आज के दौर में जनसरोकार से जुड़े संस्कृतिकर्मी महेश्वर को याद करना जरुरी है। महेश्वर ने संस्कृतिकर्मियों को आह्वान करते हुए कहा था कि उन्हें एक निर्णायक भूमिका निभानी होगी।
जसम के राज्य सचिव दीपक सिन्हा ने कहा कि महेश्वर एक प्रतिरोध के कवि, कथाकार, गीतकार, नाटककार और कलाकार थे। उनका गीत सृष्टिबीज का नाश न हो / हर मौसम की तैयारी है – यह एक आह्वान गीत है जो मजदूरों और मजलूमो की लड़ाई लड़ने का रास्ता बताता है।
वरिष्ठ रंगनिर्देशक अरविंद सिन्हा ने कहा कि कलाकार न डरा होगा न बिकाऊ होगा। यह बात महेश्वर ने अपने नाटकों और गीतो में कहा है। वरिष्ठ गीतकार – रंगकर्मी देवेंद्र कुंवर ने कहा कि हम महेश्वर के सपनों के साथ सांस्कृतिक आंदोलन को तेज करेंगे।
जसम ने हमेशा चुनौतियों का सामना किया है
माले के नगर सचिव राजेश श्रीवास्तव ने कहा कि सांस्कृतिक -साम्प्रदायिक राष्ट्रवाद के इस काल में जसम के सामने उसके खिलाफ जसम की एक बड़ी चुनौती है। विषय को आगे बढ़ाते हुए किसान नेता बैजू सिंह ने कहा कि जसम ने हमेशा चुनौतियों का सामना किया है। रामललित यादव ने कहा कि सांस्कृतिक मूल्यों के साथ किसी भी प्रकार का समझौता नही किया जा सकता है। इस अवसर पर रंगनायक द लेफ्ट थियेटर के कलाकारों ने कई जनवादी गीतो के साथ-साथ महेश्वर के गीतों को गाया।
मौके पर ये लोग थे मौजूद
इस अवसर पर रंगकर्मी दिलीप भारद्वाज, चंद्रभूषण भारती, रंगकर्मी पंकज कुमार सिन्हा, अधिवक्ता कैलाश महतो, अधिवक्ता भारतभूषण मिश्रा, कौशल पंडित, बुद्धिजीवी राजाराम आर्य, अजय चौधरी, रामानुज, गजेंद्र पंडित, शशि पंडित, मनोज पासवान, संतोष कुमार दास, गणेश साह, विपिंद्र पासवान, आशा देवी की गरिमामयी उपस्थिति रही।
