Search
Close this search box.
Search
Close this search box.

Download App from

किशोर कुणाल का निधन : Cardiac arrest बना कारण, जिस अस्पताल को बनवाया था उसी में ली अंतिम सांस

पूर्व IPS और महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष किशोर कुणाल (74) का रविवार को निधन हो गया। कार्डियक अरेस्ट के बाद उन्हें महावीर वात्सल्य अस्पताल लाया गया था।
  • राम मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य थे किशोर कुणाल अयोध्या
  • 1972 में गुजरात कैडर से भारतीय पुलिस सेवा में शामिल हुए
  • कल हाजीपुर के कोनहारा घाट पर अंतिम संस्कार होगा
  • महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष और सामाजिक कार्यकर्ता रहे

पटना | पूर्व IPS अधिकारी और महावीर मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष किशोर कुणाल (74) का रविवार की सुबह पटना में निधन हो गया। कार्डियक अरेस्ट के बाद उन्हें महावीर वात्सल्य अस्पताल लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। किशोर कुणाल अयोध्या मंदिर ट्रस्ट के संस्थापक सदस्य और बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने पटना में महावीर मंदिर, महावीर कैंसर अस्पताल और महावीर वात्सल्य अस्पताल की स्थापना की थी। उन्होंने उसी अस्पताल में आखिरी सांस ली, जिसे खुद बनवाया था।
आचार्य किशोर कुणाल की अंतिम यात्रा सोमवार सुबह 9 बजे आवास से शुरू होगी। पार्थिव शरीर को पहले महावीर वात्सल्य अस्पताल लाया जाएगा। यहां से फिर महावीर मंदिर में अंतिम दर्शन के लिए रखा जाएगा। हाजीपुर के कोनहारा घाट पर उनका अंतिम संस्कार होगा।

मुजफ्फरपुर में हुआ जन्म, 1972 में IPS बने
किशोर कुणाल का जन्म 10 अगस्त 1950 को मुजफ्फरपुर के कोठिया गांव में हुआ था। पिता रामचंद्र शाही एक किसान और समाजसेवी थे और मां रूपमती देवी गृहिणी थीं। बरुराज गांव से स्कूली शिक्षा ली। बाद में पटना यूनिवसिर्टी से इतिहास और संस्कृत में ग्रेजुएशन किया। 1972 में आइपीएस बने और गुजरात कैडर मिला। उनकी पहली पोस्टिंग आनंद में पुलिस अधीक्षक के रूप में हुई। 1978 में अहमदाबाद के पुलिस उपायुक्त बने।

1983 में पटना के एसएसपी बने, संस्कृत विवि दरभंगा के कुलपति भी रहे
1983 में उन्हें प्रमोशन मिला और पटना के सीनियर एसपी बने। 1990 से 1994 तक गृह मंत्रालय में ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी रहे। 2001 में पुलिस से स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति लेने के बाद उन्होंने कामेश्वर सिंह संस्कृत विश्वविद्यालय, दरभंगा के कुलपति का पदभार संभाला। इस पद पर वे 2004 तक बने रहे। बाद में वे बिहार राज्य धार्मिक न्यास बोर्ड (BSBRT) के प्रशासक बने और प्रचलित जातिवादी धार्मिक प्रथाओं में सुधार की शुरुआत की। कुणाल पटना के महावीर मंदिर के सचिव भी थे। उन्होंने महावीर मंदिर का जीर्णोद्धार कार्य 30 अक्टूबर 1983 को शुरू कराया। इसका उद्घाटन 4 मार्च 1985 को हुआ। महावीर ट्रस्ट ने बाद में महावीर कैंसर संस्थान की स्थापना की।
अपनी किताब ‘दमन तक्षकों का’ में कई खुलासे किए
किशोर कुणाल ने अपनी किताब दमन तक्षकों का, में कई खुलासे किए थे। बिहार में चर्चित बॉबी हत्याकांड का जिक्र करते हुए उन्होंने लिखा था कि गड़े हुए मुर्दे को भी निकाल कर जांच की गई थी। 15 दिनों तक उनके हाथ कुछ भी नहीं लगा और वह पटना के महावीर मंदिर में आकर बैठ गए, लेकिन, अगले 3 दिनों में ही इस घटना में सफलता मिली, लेकिन जांच को सीबीआइ को सौंप दिया गया था। इस मामले में कई सफेदपोशों को यह डर था उनका चरित्र जनता के बीच उजागर हो जाएगा इसलिए 40 विधायक 2 मंत्रियों ने मिलकर इस केस की जांच सीबीआइ को दिलवा दी।

स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कई संस्थानों की स्थापना की
आचार्य किशोर कुणाल ने स्वास्थ्य और शिक्षा के क्षेत्र में कई महत्वपूर्ण संस्थानों की स्थापना की। उन्होंने महावीर कैंसर संस्थान, महावीर वात्सल्य अस्पताल, महावीर नेत्रालय और ज्ञान निकेतन स्कूल जैसी संस्थाओं की स्थापना की, जो आज भी हजारों लोगों के जीवन में बदलाव ला रही हैं। इन संस्थानों के माध्यम से उन्होंने समाज में स्वास्थ्य सेवाओं और शिक्षा की पहुंच को बेहतर बनाने की कोशिश की। उनके सामाजिक, सांस्कृतिक, शैक्षणिक योगदान को देखते हुए वर्ष 2008 में भगवान महावीर पुरस्कार से नवाजा गया। तत्कालीन राष्ट्रपति प्रतिभा पाटिल ने उन्हें यह पुरस्कार प्रदान किया था।
किशोर कुणाल के निधन पर क्या कुछ कहा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने

newsvistabih
Author: newsvistabih

Leave a Comment

Share this post:

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

  • HUF Registration Services In India
  • Digital marketing for news publishers

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: wetter in Indien morgen

राशिफल

error: Content is protected !!