- क्रिएटिव विजन की दूसरी कड़ी में बच्चों ने कैथी लिपि में लगाई प्रदर्शनी
- 6 दिवसीय कैथी लिपि प्रशिक्षण कार्यशाला सम्पन्न
बेगूसराय (बीहट) | किसी भी विषय को समझना तब और आसान हो जाता है जब समझाने या बताने वाला आपका सहपाठी हाे। कुछ इसी तरह का प्रयोग मध्य विद्यालय बीहट के प्रधानाध्यापक रंजन कुमार ने कैथी लिपि के छह दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला में किया। उन्होंने ‘क्रिएटिव विजन’ की दूसरी कड़ी के तहत अपने ही स्कूल के पांच बच्चों कामिनी, अनामिका, राधा, शिवम् एवं अंशु को कैथी लिपि का प्रशिक्षण देने का जिम्मा सौंपा जिन्होंने भागलपुर के तिलका मांझी विश्वविद्यालय से इसका ऑनलाइन प्रशिक्षण लिया था। इनके नेतृत्व में स्कूल के 56 बच्चों ने कैथी लिपि की वर्तमान में प्रचलित मिश्रित शैली सहित मिथिला, मगध और भोजपुर क्षेत्र की पारंपरिक शैलियों में लेखन एवं पठन का व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया। यह कार्यशाला 10 फरवरी 2025 से प्रारंभ होकर शनिवार को प्रदर्शनी एवं प्रस्तुति मेले के साथ सफलतापूर्वक संपन्न हुई।
इन विशेषज्ञों का रहा मार्गदर्शन
कार्यशाला तिलका मांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर के मैथिली विभागाध्यक्ष प्रो. राम कुमार सिंह एवं अतिथि प्राध्यापक प्रमोद कुमार के दिशा बोध तथा काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरातत्व विभाग के शोधार्थी एवं कैथी विशेषज्ञ प्रीतम कुमार के मार्गदर्शन में आयोजित की गई।
विद्यालय प्रशासन एवं शिक्षकों की भूमिका
कार्यशाला के समापन सत्र में विद्यालय के प्रधानाध्यापक रंजन कुमार ने कहा कि यह कार्यशाला विद्यार्थियों के बौद्धिक एवं व्यावसायिक कौशल को निखारने के साथ-साथ इतिहास, लिपि विज्ञान और पुरातत्व में रुचि रखने वाले छात्रों के लिए नए अवसर उत्पन्न करेगी। समापन समारोह में धन्यवाद ज्ञापन शिक्षक राजन कुमार एवं विकास कुमार ने किया।
