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Begusarai में बिहार का पहला समर्थ ट्रेनिंग सेंटर शुरू, गिरिराज सिंह बोले- बेगूसराय को टेक्सटाइल हब बनाऊंगा

बेगूसराय के पचम्बा में स्थित जीविका दीदी कौशल एवं उत्पादन केंद्र में वस्त्र मंत्रालय और शाही एक्सपोर्ट के सहयोग से समर्थ योजना की शुरुआत की गई।
  • केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री ने कौशल विकास प्रशिक्षण केंद्र का उद्घाटन किया
  • कहा- जब तक जीविका दीदियां रहेंगी, मैं उनके साथ काम करता रहूंगा

बेगूसराय | बेगूसराय के पचम्बा में स्थित जीविका दीदी कौशल एवं उत्पादन केंद्र में वस्त्र मंत्रालय और शाही एक्सपोर्ट के सहयोग से समर्थ योजना की शुरुआत की गई। बिहार के पहले समर्थ ट्रेनिंग सेंटर की शुरुआत करते हुए केंद्रीय टेक्सटाइल मंत्री सह स्थानीय सांसद गिरिराज सिंह ने कहा कि जीविका दीदी आज मौन क्रांति की ध्वजवाहिका हैं। जिले में साढ़े तीन लाख से 4 लाख जीविका दीदी हैं। इनमें से करीब 70 हजार जीविका दीदी गाय और भैंस पालती हैं। समर्थ योजना से कौशल विकास का प्रशिक्षण लेने के बाद वे और सामर्थ्य होंगी। इनके कारण ग्रामीण क्षेत्रों की अर्थव्यवस्था में सुधरी है। मैं सांसद/मंत्री रहूं या न रहूं, जब तक जीविका दीदियां रहेंगी मैं उनके साथ काम करता रहूंगा। बिहार में डबल इंजन की सरकार है। प्रदेश में फिर से NDA की सरकार बनने पर मैं बेगूसराय को टेक्सटाइल हब बनाकर रहूंगा। मैं विभिन्न राज्यों के व्यापारी से कह रहे हैं कि बेगूसराय और बिहार आइए।

थकने से पहले जीविका से जुड़ने की बात कही
केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज महिलाएं जीविका से तब जुड़ती हैं जब वे थक-हार जाती हैं। लेकिन मैं कहना चाहता हूं कि वे थकने से पहले जीविका से जुड़ें। थक-हार कर जीविका से जुड़ने वाली जो महिलाएं आज 10 से 20 हजार रुपए प्रति महीने कमा रही हैं अगर वे थकने से पहले जीविका से जुड़ती हैं तो निश्चित रूप से वे प्रति माह लाख रुपए तक कमा सकती हैं। गरीब कभी बेईमान नहीं होता है। जीविका दीदियों को विभिन्न सेक्टरों में रोजगार के अवसर मिले। समर्थ योजना के तहत प्रशिक्षण के लिए 116 कपड़ा उद्योगों, 12 केंद्रीय/राज्य सरकार एजेंसियों और मंत्रालय के 3 क्षेत्रीय संगठनों के साथ भागीदारी की गई है।

क्या कुछ कहा केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने, सुनिए

क्या है समर्थ योजना का उद्देश्य
वस्त्र उद्योग में काम करने वाले लोगों को प्रशिक्षित करना।
उन्हें रोजगार मुहैया कराना।
मांग आधारित और प्लेसमेंट की जरूरतों को पूरा करना।

IIT-MBA वालों को रोजगार की गारंटी नहीं, समर्थ में रोजगार की गारंटी : सर्वेश
उद्घाटन कार्यक्रम को संबोधित करते हुए दरभंगा स्नातक क्षेत्र के विधान पार्षद सर्वेश कुमार ने कहा कि बिहार में जीविका सबसे मजबूत हैं। जीविका को सर्वाधिक बैंक लोन भी बिहार में ही मिला। पशुपालन के बाद टेक्सटाइल ही ऐसा क्षेत्र है जिसमें महिलाओं को सर्वाधिक रोजगार मिल रहा है। विधान पार्षद ने कहा कि IIT-MBA करने वालों को रोजगार की गारंटी नहीं है, लेकिन समर्थ में प्रशिक्षण लेने वालों को रोजगार की गारंटी है। उन्होंने कहा कि हम 102 देशों में एक्सपोर्ट करते हैं जबकि नई दिल्ली में 14 से 17 फरवरी तक आयोजित मेगा ग्लोबल टेक्सटाइल इवेंट में 120 देशों के प्रतिनिधि आए थे। हमारा एक्सपोर्ट 600 बिलियन डॉलर का है।

हर घर में कारखाना चले : कुंदन कुमार
नगर विधायक कुंदन कुमार ने कहा कि बेंगलुरु वाले लोग यहां आएं। व्यापारी यहां आएं। कारोबार को फैलाएं। मैं चाहता हूं कि बेगूसराय के हर घर में कारखाना चले। अन्य प्रदेश के कारोबारी यहां आएंगे तो निश्चित रूप से जीविका दीदियां एंटरप्रेन्योर बनकर निकलेंगी।

नई सोच और नई तकनीक से आगे बढ़ेंगे : अजय गुप्ता
वस्त्र मंत्रालय के संयुक्त सचिव अजय गुप्ता ने कहा कि समर्थ योजना से जीविका दीदियों का कौशल विकास होगा। उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे। यहां प्रशिक्षण पाने वाली जीविका दीदियां नई सोच और नई तकनीकी से आगे बढ़ेंगी। नई सोच और नई तकनीक से आगे बढ़ेंगे तभी हमारा देश विश्व में कौशल की राजधानी बनेगा।

पूर्वी भारत का टेक्सटाइल हब बने बेगसराय : डीएम
डीएम तुषार सिंगला ने कहा कि यहां सिलाई मशीनें बढ़ेंगी तो यह सिलाई का केंद्र बनेगा। हमें बहुत जल्द पटना से कुछ मशीनें मिल जाएंगी। जीविका दीदियों को अन्य जिलों से भी ऑर्डर मिल रहा है। जिले को पूर्वी भारत का टेक्सटाइल हब बनाने के लिए स्थिति अच्छी है। समर्थ योजना शुरू होने से जीविका दीदियों का स्किल डेवलप होगा। यह जिला पहले से ही औद्योगिक क्षेत्र के जाना जाता है अब टेक्सटाइल में भी बेगूसराय का नाम हो।

रोजगार और स्वरोजगार के साथ बिहार आगे बढ़े : अंजनी मिश्र
शाही एक्सपोर्ट के स्किल हेड अंजनी कुमार मिश्र ने कहा कि यह केंद्र आत्मनिर्भर बनने की नई राह खोलेगा। यहां गारमेंट मेन्यूफैक्चरिंग में हमारे सहयोगी जीविका दीदियों को स्किल्ड करेंगे। जीविका दीदी का कौशल विकास होने से रोजगार और स्वरोजगार के अवसर बढ़ेंगे। इससे बिहार भी आगे बढ़ेगा। उन्होंने कहा कि प्रशिक्षण नि:शुल्क दिया जाएगा। एक बैच में 30 महिलाएं होंगी। प्रशिक्षण पाने वालों की उम्र 18 से 45 के बीच होनी चाहिए। एक बैच 45 से 60 दिनों तक प्रशिक्षण लेगा। शाही एक्सपोर्ट में हर साल 20 हजार लाेगों को रोजगार देने की क्षमता है।

समर्थ के बारे में क्या कहा अंजनी मिश्र ने

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Author: newsvistabih

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