- जिले का पहला मध्य विद्यालय जहां हॉकी का प्रशिक्षण मिलेगा
- मध्य विद्यालय बीहट राज्य के उन 5 प्रारंभिक विद्यालयों में जहां 17 विधाओं में चल रहा खेल अभ्यास
- ट्रायल सेशन के लिए बालक-बालिकाओं की टीम 15 दिनों तक प्रशिक्षण लेगी
बेगूसराय (बीहट) | मध्य विद्यालय बीहट बुधवार को बिहार के उन गिने-चुने 5 प्रारंभिक विद्यालयों में शामिल हो गया जहां कुल 17 विधाओं में खेल का अभ्यास कराया जाता है। बुधवार को यहां विधिवत रूप से हॉकी प्रशिक्षण की शुरुआत हुई। जिला खेल पदाधिकारी ऐश्वर्य कश्यप ने बच्चों और शिक्षकों के बीच हॉकी स्टिक बांटे। यह विद्यालय अब प्रशिक्षित ट्रेनरों के मार्गदर्शन में हॉकी प्रशिक्षण प्रदान करने वाला जिले का पहला मध्य विद्यालय बन गया है।
खिलाड़ियों का कौशल और निखरेगा : रंजन कुमार
विद्यालय के प्रधानाध्यापक रंजन कुमार ने कहा कि आज से शुरू हुए 15 दिवसीय ट्रायल सेशन में 15 बालकों और 15 बालिकाओं की एक टीम प्रशिक्षक सैयद मेराजुल इस्लाम से प्रशिक्षण लेगी। यह प्रशिक्षण निश्चित रूप से इन खिलाड़ियों के कौशल को निखारेगा और उन्हें भविष्य के लिए तैयार करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा। विद्यालय हमेशा से ही छात्रों के सर्वांगीण विकास के लिए प्रतिबद्ध रहा है और हॉकी प्रशिक्षण की यह पहल इसी दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
राष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेडल जीत रहे बच्चे
करिक्यूलम एक्टिविटीज की को-ऑर्डिनेटर अनुपमा सिंह की निरंतर प्रयत्नों से प्राप्त आर्थिक अनुदान के कारण ही यह संभव हो पाया कि यहां हॉकी प्रशिक्षण की शुरुआत हुई। उन्होंने बताया कि बच्चों को विद्यालय में उनकी मानसिक और शारीरिक क्षमता के साथ साथ उसकी अभिरुचि एवं दिलचस्पी के अनुसार खेल का प्रशिक्षण दिया जाता है। ये बच्चे अवसर मिलने पर कमाल की उपलब्धि हासिल करते हैं। स्कूल के बच्चे टेबल टेनिस, सेपक टकर जैसे खेल सीख कर राष्ट्रीय प्रतियोगिता में मेडल भी जीत रहे हैं।
जिनके कारण हॉकी प्रशिक्षण की शुरुआत हुई : प्रधानाध्यापक रंजन कुमार और जिला खेल पदाधिकारी ने बेगूसराय के जाने माने व्यवसायी प्रेम मंगोतिया और चिकित्सक डॉक्टर राहुल कुमार को मध्य विद्यालय बीहट में हॉकी के विकास के लिए उनके बहुमूल्य वित्तीय सहयोग के लिए धन्यवाद दिया। कहा कि उनके इस योगदान से ही विद्यालय में हॉकी प्रशिक्षण की व्यवस्था संभव हो पाई है। यह पहल न केवल विद्यालय के छात्रों को खेल के क्षेत्र में आगे बढ़ने का अवसर प्रदान करेगी, बल्कि राष्ट्रीय खेल हॉकी के प्रति उनकी रुचि और जुड़ाव को भी बढ़ावा देगी।
