- बिहार में स्थानिक दाखिल-खारिज प्रणाली शुरू
- दाखिल-खारिज प्रक्रिया अब कंप्यूटरीकृत
पटना | प्रदेश में स्थानिक दाखिल-खारिज प्रणाली शुरू हो गई। राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने इससे जुडे पोर्टल का शुभारंभ किया। उन्होंने कहा कि पोर्टल के काम करने से आने वाले वक्त में भूमि विवाद की समस्या पूरी तरह समाप्त हो जाएगा। इसके साथ ही बिहार में अब जमीन की खरीद-बिक्री के साथ ही न केवल जमांबदी होगी बल्कि नक्शा भी स्वत: अपडेट हो जाएगा। देश का बिहार पहला राज्य होगा जहां इस सेवा की शुरुआत हुई है। वर्तमान में तीन जिलों के 80 से अधिक गांवों से इसकी शुरुआत हो रही है। इसके बाद फीडबैक के आधार पर क्रमवार इसमें सुधार किया जाएगा। पोर्टल को आइआइटी रूड़की ने विकसित किया है। नई प्रणाली में दाखिल-दाखिल (Bihar Land Mutation 2025) की पूरी प्रक्रिया कंप्यूटराइज होगी।
31 दिसंबर 2026 तक भूमि सर्वेक्षण होगा पूरा : पटना के शास्त्री नगर स्थित सर्वे भवन में आयोजित कार्यक्रम में मंत्री सरावगी ने कहा कि भूमि सुधार और डिजिटाइजेशन के क्षेत्र में विभाग लगातार आगे बढ़ रहा है। पहले विभागीय कर्मी झोला लेकर चलते थे, लेकिन अब वो परिपाटी भी खत्म हो गई है। अब पोर्टल लॉन्च कर दिया गया है। पूरा विभाग ऑनलाइन है। बिहार में 31 दिसंबर 2026 तक भूमि सर्वेक्षण का काम पूरा हो जाएगा।
एक जमीन बार-बार नहीं बिकेंगे : विभागीय सचिव जय सिंह ने कहा कि जब हम म्यूटेशन करते हैं तो व्यक्ति का नाम और आंकड़े तो बदल जाते हैं लेकिन नक्शे में कोई बदलाव नहीं होता है। जिससे ऐसे विवाद बड़ी संख्या में सामने आते हैं कि एक ही प्लॉट को कई बार बेचा गया। इसी समस्या को ध्यान में रखते हुए ही इस पोर्टल को विकसित किया गया है। उन्होंने बताया कि इस प्रणाली से एक भाई अगर अपना हिस्सा बेचता है तो उसका नक्शा भी स्वतः उसके साथ लग जाएगा। ज्वाइंट प्रॉपर्टी में किसने अपना कहां का हिस्सा बेचा यह जानकारी आसानी से लग जाएगी।
अब फायदा क्या होगा? स्वत: अपडेट हो जाएगा नक्शा : स्थानिक दाखिल–खारिज के तहत अब भूमि की खरीद-बिक्री के बाद राजस्व मानचित्र और अधिकार अभिलेख स्वतः अपडेट हो सकेंगे। नई प्रणाली से यह बदलाव ऑटोमेटेड हो जाएगा। आईएलआरएमएस की इस पहल से न सिर्फ प्रक्रिया पारदर्शी और तेज होगी बल्कि जमीन विवादों में भी उल्लेखनीय कमी आएगी। नई प्रणाली के तहत सभी डिजिटल सेवाएं दाखिल-खारिज, लगान भुगतान, ई–मापी, भू-संवर्तन, न्यायालय प्रबंधन आदि एक ही पोर्टल पर उपलब्ध होंगे।
माननीय राजस्व एवं भूमि सुधार मंत्री श्री @sanjay_saraogi नेतृत्व में विभाग द्वारा एकीकृत भू-अभिलेख प्रबंधन प्रणाली (#ILRMS) – स्थानिक दाखिल-खारिज पोर्टल का शुभारंभ एक महत्वपूर्ण कदम है, जो बिहार के विकास और नागरिकों के लिए सुविधाजनक साबित होगा। #MIS #portal#DigitalBihar pic.twitter.com/Rjz72zxGCt
— Revenue and Land Reforms Department (@BiharRevenue) July 15, 2025
सरकारी भूमि छेड़छाड़ से बची रहेगी : इस प्रक्रिया के तहत अगर किसी खेसरा के सम्पूर्ण रकबा का दाखिल-खारिज होता है तो खेसरा का संख्या में कोई बदलाव नहीं होगा। लेकिन अगर खेसरा के विभाजन की स्थिति में नए खेसरा को एक नया संख्या मिलेगा। साथ ही इस नयी प्रक्रिया में सभी रैयतों को एक खाता नंबर दिया जाएगा और भूमि के क्रय के पश्चात वह खेसरा उसके खाते में जुड़ जाएगी। इस प्रक्रिया के तहत सरकारी भूमि आम रैयतों के लॉगिन में उपलब्ध नहीं रहेगी, इससे सरकारी भूमि छेड़छाड़ से बची रहेगी।
