- प्रगतिशील लेखक संघ बेगूसराय ने मनाई प्रेमचंद की जयंती
बेगूसराय। महान उपन्यासकार एवं कथाकार प्रेमचंद की 145वीं जयंती के अवसर पर प्रगतिशील लेखक संघ बेगूसराय की ओर से कर्मयोगी सभागार कर्मचारी भवन बेगूसराय में एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसका विषय “प्रेमचंद के साहित्य में धर्मनिरपेक्षता एवं समाजवाद” था। अध्यक्षता डॉ० सीताराम प्रभंजन एवं संचालन शगुफ्ता ताजवर ने की। कार्यक्रम की शुरुआत प्रेमचंद की तैल चित्र पर पुष्पांजलि किया गया।
कुंदन कुमारी लिखित काव्य पुस्तक दर्द का दर्पण का हुआ लोकार्पण
प्रलेस बेगूसराय की सचिव कुंदन कुमारी की पहली काव्य पुस्तक “दर्द का दर्पण” का लोकार्पण उपस्थित अतिथियों ने किया। संगोष्ठी को संबोधित करते हुए बनारस हिन्दी विश्वविद्यालय के हिंदी विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो० अवधेश प्रधान ने कहा कि प्रेमचंद उस जमाने के जो खौलते हुए सवाल थे उन्हें साहित्य के माध्यम से उठाते थे। आज संविधान को उलट देने की बात हो रही है। धर्मनिरपेक्षता एवं समाजवाद शब्द को संविधान से बाहर करने का प्रयास हो रहा है। यह प्रयास बहुत पहले से चल रहा है। प्रेमचंद हिन्दी उर्दू के विश्वसनीय लेखक हुए। आज धर्म का मुद्दा उठाकर पूरा देश को उसमें उलझाया जा रहा है। प्रेमचंद ने उस वक्त ही धर्म की राजनीति से लोगों को आगाह किया था। हिंदी-उर्दू को करीब लाने का काम प्रेमचंद ने किया। आज साहित्य से ही उम्मीद है राजनीति से नहीं। यही देश को बचा सकता है। प्रलेस के पूर्व महासचिव राजेन्द्र राजन ने कहा कि जो यथार्थ को लिखे आज संविधान से समाजवाद और धर्मनिरपेक्षता शब्द को ही हटाने का प्रयास हो रहा है। प्रेमचंद चाहते थे समाज में बराबरी कायम हो, किसान मजदूर का राज हो।
प्रेमचंद हिन्दी पट्टी में सबसे लोकप्रिय रचनाकार : डॉ सुशील कुमार
अध्यक्ष हिंदी विभाग एपीएसएम कॉलेज बरौनी के डॉ० सुशील कुमार ने कहा कि प्रेमचंद हिन्दी पट्टी में सबसे लोकप्रिय रचनाकार हैं। इनका साहित्य आमजन की भाषा है। वे गैर बराबरी, समतामूलक समाज बनाना चाहते थे। पश्चिमी सभ्यता के घनघोर विरोधी थे। राजकिशोर सिंह ने कहा कि प्रेमचंद जनता के लेखक थे। प्रेमचंद की आत्मा गांव में बसती है। संगोष्ठी को जिले के वरिष्ठ कवि कस्तूरी झा कोकिल, जी० डी० कॉलेज हिंदी विभाग के डॉ० श्रव्यसुमी कुमारी ने भी अपनी बातों को रखा। राजनारायण राय ने गीत एवं वरिष्ठ कवयित्री मुकुल लाल ने कविता का पाठ किया।
मौके पर ये लोग थे मौजूद
इस अवसर पर प्रलेस राज्य सचिव राम कुमार सिंह, अनिल पतंग, नरेंद्र कुमार सिंह, अमरनाथ सिंह, शशिकांत राय, राजेंद्र नारायण सिंह, विश्वंभर राय, अगम कुमार, कामिनी कुमारी, कुंदन कुमार, दिलेर अफगन, मुन्ना बाबू, अमरशंकर झा सुब्बा, भूषण सिंह, मनोरंजन विप्लवी, कमल वत्स, कन्हाई पंडित, संतोष ईश्वर, अमित कुमार आदि उपस्थित थे। धन्यवाद ज्ञापन प्रलेस उपाध्यक्ष डॉ रामरेखा सिंह ने किया।