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कृषि मंत्री शिवराज ने मानी MLC सर्वेश कुमार की मांग, किसानों को चार माह पहले मिलेगा उर्वरक

बिहार में किसानों को अब एडवांस में चार महीने पहले ही खाद मिल जाएगा। ये बातें केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने MLC सर्वेश कुमार की मांग पर कही।
  • किसान संवाद में विधान पार्षद ने केंद्रीय कृषि मंत्री से रखी थी मांग

पटना / बेगूसराय | बिहार में हिंदुस्तान उर्वरक एवं रसायन लिमिटेड (HURL) होने के बावजूद खादों के आवंटन की व्यवस्था दुरुस्त नहीं है। खाद आवंटन के सेंट्रलाइज पैटर्न पर विचार करने की जरूरत है। किसानों को रबी और खरीफ सीजन में फर्टिलाइजर के लिए परेशान होना पड़ता है। इससे छुटकारा दिलाने के लिए किसानों को एडवांस में खाद देने की व्यवस्था होनी चाहिए। ये बातें दरभंगा स्नातक क्षेत्र से विधान पार्षद सर्वेश कुमार ने बिहार कृषि प्रबंधन एवं प्रसार प्रशिक्षण संस्थान (बामेती), पटना के सभागार में शनिवार को आयोजित किसान संवाद में कही।

कार्यक्रम में हिस्सा लेते हुए केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने विधान पार्षद सर्वेश कुमार की मांग को मानते हुए कहा कि खादों के वितरण मसले पर वे उर्वरक और कृषि मंत्रालय के अधिकारियों से बात करेंगे। किसानों को रबी और खरीफ दोनों सीजन के लिए एडवांस में चार महीना पहले ही उर्वरक मिल जाएगा। किसान संवाद कार्यक्रम में केंद्रीय कृषि मंत्री के अलावा डिप्टी सीएम विजय कुमार सिन्हा, पशु एवं मत्स्य संसाधन मंत्री रेणु देवी के अलावा सैकड़ों की संख्या में प्रदेश के प्रगतिशील किसान मौजूद थे।

बेगूसराय जिले में 1.5 लाख टन फर्टिलाइजर की जरूरत
एमएलसी सर्वेश कुमार ने कहा कि बेगूसराय स्थित हर्ल के फर्टिलाइजर प्लांट से उत्पादित उर्वरक का 10 प्रतिशत ही प्रदेश में उपयोग होता है शेष अन्य राज्यों को जाता है। जबकि अन्य प्रदेशों से भी बिहार में खाद की आपूर्ति की जाती है। ऐसे में ट्रांसपोर्टेशन का खर्च अधिक होने के साथ-साथ समय की भी बर्बादी होती है। बेगूसराय जिले में पूरे साल में लगभग 1.5 लाख टन फर्टिलाइजर की आवश्यकता है।

फीड बनाने वाले कारखानों को मोलेसेज का लाइसेंस मिले
विधान पार्षद ने कहा कि पशु आहार बनाने के लिए मोलेसेज का उपयोग किया जाता है, लेकिन बिहार में इसका उपयोग प्रतिबंधित है। इस कारण इसका लाइसेंस नहीं दिया जाता है। इस नीति के कारण बिहार में हजारों करोड़ का पशु आहार दूसरे राज्यों से आता है। पशुपालकों पर आर्थिक बोझ बढ़ता है। बिहार में ग्रेन बेस्ड इथेनॉल के 17 प्लांट हैं। इथेनॉल बनने के बाद प्रतिदिन हजारों टन डी०जी०एस दूसरे राज्यों में जाता है। फिर उन राज्यों से पशु आहार बनकर बिहार में विक्रय के लिए आता है। इससे बिहार के रोजगार को नुकसान होता है, सरकार को टैक्स का नुकसान होता है। ऐसी स्थिति में या तो फीड बनाने वाले कारखानों को मोलेसेज का लाइसेंस दिया जाय या मोलेसेज को किसी और चीज में मिलाकर प्री मिक्स में लाने की अनुमति दी जाए।

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हिमांशु शेखर

17 वर्षों से पत्रकारिता का सफर जारी। प्रिंट मीडिया में दैनिक भास्कर (लुधियाना), अमर उजाला (जम्मू-कश्मीर), राजस्थान पत्रिका (जयपुर), दैनिक जागरण (पानीपत-हिसार) और दैनिक भास्कर (पटना) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में कार्य करने के बाद पिछले एक साल से newsvistabih.com के साथ डिजिटल पत्रकारिता।
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विनोद कर्ण
BINOD KARN
24 days ago

MLC सर्वेश कुमार ने खाद की समस्या को केंद्रीय कृषि मंत्री के समक्ष उठा कर नेक काम किया है। लगता है केंद्रीय कृषि मंत्री के दिल में किसानों के लिए जगह है। हर्ल का प्रदुषण बेगूसराय जिले के लोग झेल रहे थे और खाद का लाभ दूसरे जिले के किसानों को मिल रहा था। एमएलसी सर्वेश कुमार के सूझ-बूझ की जितनी तारीफ की जाय कम होगी।

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