बेगूसराय | संबंध केवल हम मानवों के बीच ही सीमित नहीं होते हैं बल्कि इनका विस्तार पेड़-पौधे, पशु और नदियों तक भी है। हम सब भी पेड़ों के कारण ही जीवित हैं। वायु, जल, भोजन एवं कई अन्य उपकार पेड़ों का हमारे ऊपर है। इन पेड़ों की रक्षा का वचन हमें लेना चाहिए। इसी सूत्र वाक्य को भारद्वाज गुरुकुल के बच्चों ने अपनाया है। जिस तरह कलाई पर राखी बंधने के बाद भाई अपनी बहनों को रक्षा का वचन देते हैं उसी तरह यहां के विद्यार्थी भी स्कूल परिसर में लगे पेड़-पौधों को रक्षा सूत्र उनकी रक्षा का वचन लेते हैं। यहां के बच्चों ने रक्षाबंधन से एक दिन पूर्व शुक्रवार को पेड़ों को रक्षा सूत्र बांधे और उनके प्रति आभार जताते हुए शपथ ली। बच्चे इसे वृक्षाबंधन कहते हैं।
भारद्वाज गुरुकुल के निदेशक शिव प्रकाश भारद्वाज ने कहा कि पेड़ साक्षात ईश्वर हैं। यह प्राणवायु न दे तो हम तीन मिनट में मर जाएंगे। भोजन और जल से ही हमारा अस्तित्व है। श्रावण मास में प्रकृति हमें अरबों लीटर जल देती है। यही जल हमारे जीवन का आधार है। 200 वर्ष पूर्व सीमेंट के आविष्कार से पहले पेड़-पौधे ही मंदिर होते थे। कुछ जगह ही पत्थर के मंदिर बनाए गए थे। आज भी पेड़-पौधे पूजनीय हैं। इनसे ही हमारा जीवन है।