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politics : ये मोह मोह के धागे

मटिहानी विधानसभा सीट से चार बार विधायक चुने गए नरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने राजद का दामन थाम लिया। वर्ष 2020 में उन्हें राजकुमार सिंह ने हराया था।

बिहार में विधानसभा चुनाव में अभी देरी है, लेकिन प्रदेश चुनावी मूड में आ गया है। टिकट की आस में दल बदलने का सिलसिला भी शुरू हो चुका है। इसी बीच 18 अगस्त 2025 को इस बात की चर्चा होने लगी कि मटिहानी विधानसभा सीट से वर्ष 2020 में जदयू से चुनाव लड़ने वाले नरेन्द्र कुमार सिंह उर्फ बोगो सिंह ने राजद का दामन थाम लिया। बोगो सिंह को लोजपा के उम्मीदवार रहे राजकुमार सिंह ने 333 वोटों से हराया था। राजकुमार सिंह वर्तमान में जदयू के सचेतक हैं। बोगो सिंह के राजद में जाने के साथ साल 2015 में आई फिल्म ‘दम लगा के हईशा’ के गाने ‘ये मोह मोह के धागे, तेरी उंगलियों से जा उलझे…’ मेरे मन-मस्तिष्क को झंकृत कर रहे हैं। इस गाने के बाेल मेरे अंदर अचानक से ठीक उसी तरह बजने लगे जैसे आपको नहाते-नहाते कोई गाना याद आ जाता है और आप उसे दिन भर गुनगुनाते रहते हैं।

आस व मोह ये वो शब्द हैं जो जीवन को दिशा देने के साथ ही सामाजिक जीवन में उलझाए रखते हैं। और राजनीति में तो ये दोनों शब्द बिल्कुल HIT और FIT हैं। बिना किसी आस और मोह के कोई राजनीति नहीं करता। राजनीति में कुछ बनने की आस लिए कोई व्यक्ति अगर एक बार भी विधानमंडल की चौखट लांघ लेता है तो सदन के अंदर बिछी लाल-हरी कालीन से उसे ऐसा माेह हो जाता है कि वह उसमें बार-बार उलझना चाहता है। गाने के बोल हैं –

ये मोह मोह के धागे, तेरी उंगलियों से जा उलझे,
कोई टोह टोह ना लागे, किस तरह गिरहा ये सुलझे।
है रोम रोम एक तारा, जो बादलों में से गुजरे।
तू होगा जरा पागल, तूने मुझको है चुना
कैसे तूने अनकहा, तूने अनकहा सब सुना।

गाने के बाेल का पॉलिटिकल अर्थ समझिए…

 

 

Picture of हिमांशु शेखर

हिमांशु शेखर

17 वर्षों से पत्रकारिता का सफर जारी। प्रिंट मीडिया में दैनिक भास्कर (लुधियाना), अमर उजाला (जम्मू-कश्मीर), राजस्थान पत्रिका (जयपुर), दैनिक जागरण (पानीपत-हिसार) और दैनिक भास्कर (पटना) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में कार्य करने के बाद पिछले एक साल से newsvistabih.com के साथ डिजिटल पत्रकारिता।
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Bhagwan Prasad Sinha
Bhagwan Prasad Sinha
9 days ago

शास्त्रीय विवेचना है.बधाई हो

Ranjan Kumar
Ranjan Kumar
9 days ago

उत्कृष्ट आकलन .. दिलचस्प एवं पृथक अंदाज ..!!

Sanjay Jha
Sanjay Jha
9 days ago

Chayawadi viweychana! Sarahniye. JDU se ticket na milney ke umeed mein Party chodd RJD ka daman thama hey Bogo Singh ney. Loktantra mein dukandari chaleney ka parampara toh hey he.

Avnish Rajan
Avnish Rajan
8 days ago

आपकी शैली तो लाजबाव है ही, लेकिन मटिहानी के संदर्भ में फिलवक्त ये गाना ज्यादा शूट करता है –

इक दिल के टुकड़े हज़ार हुए,
कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा
बहते हुए आँसू रुक न सके,
कोई यहाँ गिरा कोई वहाँ गिरा..

जिन टुकड़े के बल पर पूर्व पदस्थापित थे वो अवसरवादी ही थे, सो निकल लिए। एक एक दुकड़ा इनसे खिसक गया, और ये अब आंक चुके हैं अपनी क्षमता इसलिए जिनको पानी पी पी कर गाली दिया करते थे उसके चौखट पर माथा पटक रहें हैं, मान ना मान मैं तेरा मेहमान के सहारे वैतरणी पार करना चाहते हैं, जो असंभव है।
पूर्व जो कर रहे हैं इसको प्रेशर पॉलिटिक्स कहते हैं। कोई आधिकारिक घोषणा नहीं है राजद की और अफवाहों का बाजार गर्म किए हुए है।
काठ की हांडी बार बार खाना नहीं पका सकती। काठ के हांडी की नियति है जल के खाक हो जाना।

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