बेगूसराय | सामाजिक संस्था ‘बच्चों की पाठशाला’ में रविवार को बिहार राज्य बाल अधिकार संरक्षण आयोग (BSCPCR) के सदस्य डॉ. सुग्रीव दास पहुंचे। अभिभावकों से संवाद के दौरान डॉ. दास ने कहा कि बच्चों की अच्छी परवरिश और शिक्षा में परिवार की भूमिका सबसे अहम होती है। सरकार बाल संरक्षण और अधिकारों को लेकर लगातार प्रयासरत है, लेकिन समाज की भागीदारी भी उतनी ही जरूरी है।
बच्चों को क्या सलाह दी
उन्होंने बच्चों से बातचीत करते हुए उनकी पढ़ाई, जीवनशैली और सपनों के बारे में जाना। बच्चों को प्रेरित करते हुए कहा कि शिक्षा ही उनके उज्ज्वल भविष्य की कुंजी है। उन्होंने आत्मनिर्भर बनने और अपने अधिकारों को समझने की सलाह दी।

वृहद बाल आश्रय गृह बनाने की मांग
संस्था के संचालक रौशन कुमार ने डॉ. दास को एक मांग पत्र सौंपा। इसमें उन्होंने सरकार द्वारा विधवा महिलाओं के बच्चों को दी जा रही स्पॉन्सरशिप योजना में लाभार्थियों की संख्या बढ़ाने और बेगूसराय में एक वृहद बाल आश्रय गृह की स्थापना की मांग की। उन्होंने कहा कि इस तरह की योजनाएं जरूरतमंद बच्चों के जीवन में बड़ा बदलाव ला सकती हैं।
समाज के लिए प्रेरणास्रोत है यह संस्था
डॉ. दास ने मांग पत्र को गंभीरता से लेते हुए कहा कि वे इसे आयोग और संबंधित विभागों तक पहुंचाएंगे। उन्होंने ‘बच्चों की पाठशाला’ द्वारा किए जा रहे कार्यों की सराहना करते हुए इसे समाज के लिए एक प्रेरणास्रोत बताया। मौके पर मौजूद शिक्षक रजनीकांत, अशोक, सोनी, रीता, मणिकांत और विक्की भाटिया ने बच्चों की शिक्षा में हो रहे प्रयासों और चुनौतियों को साझा किया।












बेहतरीन पत्रकारिता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण