Download App from

हवा-पानी और मिट्टी हमारी साझी विरासत : सर्वेश कुमार

गंगा ग्लोबल इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट एंड स्टडीज में सोमवार को ‘ग्रामीण विकास में स्वामी सहजानंद सरस्वती का योगदान’ विषय पर दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन हुआ।
  • गंगा ग्लोबल इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट एंड स्टडीज में दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन
  • ग्रामीण विकास में स्वामी सहजानंद सरस्वती का योगदान विषय पर वक्ताओं ने रखे विचार
दीप प्रज्जवलित कर सेमिनार का उद्घाटन करते अतिथि।

बेगूसराय | गंगा ग्लोबल इंस्टीटयूट ऑफ मैनेजमेंट एंड स्टडीज (GGIMS) रमजानपुर में सोमवार को दो दिवसीय सेमिनार का उद्घाटन हुआ। ‘ग्रामीण विकास में स्वामी सहजानंद सरस्वती का योगदान’ विषय पर आयोजित सेमिनार में विषय प्रवेश कराते हुए विधान पार्षद सर्वेश कुमार ने कहा कि स्वामी सहजानंद सरस्वती पहले किसान नेता थे जिन्होंने यह सोचा कि किसान कैसे सुदृढ़ होंगे। उनका विकास कैसे होगा। बिना किसानों की बात किए ग्रामीण क्षेत्रों का विकास नहीं हो सकता। हमें भी सोचना होगा कि ग्रैन्युल और केमिकल फर्टिलाइजर के उपयोग को कम करते हुए लिक्विड फर्टिलाइजर की उपयोगिता कैसे बढ़ाएंगे। हमें उस दिशा में काम करना होगा जिससे हमारी उत्पादकता बढ़े और किसान सुदृढ़ हों। हमें हवा और पानी की चिंता करनी होगी। हवा-पानी-मिट्‌टी हमारी साझी विरासत है। इसे हर हाल में सहेजना होगा।

कृषि-खेत से दूर हुए तो सामाजिक ताना-बाना टूटा : प्रो. विजय बहादुर
आर्यभट्‌ट ज्ञान विश्वविद्यालय के पूर्व डीन प्रो. विजय बहादुर ने कहा कि हमारे देश की आत्मा गांव में बसती है। यही आत्मा ग्रामीण अर्थव्यवस्था से सीधी जुड़ी है। स्वामी सहजानंद सरस्वती का जीवन किसानों को समर्पित रहा है। हम कृषि और खेत से दूर हुए तो सामाजिक ताना-बाना टूट गया है। जरूरत है गांव में लौटने की, लेकिन इसके लिए लगाव भी होना चाहिए। लेकिन हम गांव इस शर्त पर लौटें कि जिन जरूरतों के लिए शहर गए थे वे अब गांव में ही उपलब्ध हों। केवल इंफ्रास्टक्चर देने भर से काम नहीं चलेगा।
मैनेजमेंट के बच्चों को गांव की परेशानी देखनी होगी : प्रो. स्वप्ना चौधरी
श्रीकृष्ण महिला कॉलेज की पूर्व प्रिंसिपल स्वप्ना चौधरी ने सेमिनार में कहा कि किसान जागेगा तो भारत जागेगा, यह भाषा आज के नेता के नहीं बल्कि स्वामी सहजानंद सरस्वती की भाषा है। स्वामी सहजानंद ने किसानों को केवल पहचान भर ही नहीं दिलाई बल्कि उन्हें मजबूत आधार पर प्रदान किया। मैनेजमेंट के बच्चों को गांव की परेशानी देखनी होगी, उनसे बाहर निकालने के उपाय ढूंढने होंगे। उन्होंने ग्रामीण युवाओं से मत्स्य पालन को बढ़ावा देने की अपील की।
एग्रीकल्चर में देश के कल्चर की झलक : आयुष
इंटरप्रेन्योर आयुष कुमार ने कहा कि 63 प्रतिशत आबादी गांव में रहती है। इन 63 प्रतिशत आबादी पर 50 प्रतिशत अर्थव्यवस्था टिकी है। ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूत बनाने का जो सपना स्वामी सहजानंद सरस्वती ने देखा था उसे अब तक जमीन पर पूर्ण रूप से नहीं उतारा जा सका है। हमारे एग्रीकल्चर में देश के कल्चर की झलक है।
श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन… गाकर किया स्वागत
इससे पहले BCA चतुर्थ सेमेस्टर की छात्रा सपना और अन्य छात्राओं ने श्रीराम चंद्र कृपालु भजमन हरण भव भय दारुणम् … गाकर अतिथियों का स्वागत किया। फिर अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर इस दो दिवसीय सेमिनार की विधिवत शुरुआत की। विधान पार्षद सर्वेश कुमार, जीजीआइएमएस की प्राचार्य डॉ. सुधा झा और कॉलेज के अन्य प्रोफेसरों ने अतिथियों का स्वागत चादर, पाग, किताब से किया। मंच संचालन प्रो. परवेज युसूफ ने, कार्यक्रम संयोजन प्रो. सबाहत अंजुम और प्रो. विवेक कुमार ने जबकि धन्यवाद ज्ञापन डॉ. अभिजित कुमार ने किया।
स्वागत गान प्रस्तुत करती BCA चतुर्थ सेमेस्टर की छात्राएं।

Picture of हिमांशु शेखर

हिमांशु शेखर

17 वर्षों से पत्रकारिता का सफर जारी। प्रिंट मीडिया में दैनिक भास्कर (लुधियाना), अमर उजाला (जम्मू-कश्मीर), राजस्थान पत्रिका (जयपुर), दैनिक जागरण (पानीपत-हिसार) और दैनिक भास्कर (पटना) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में कार्य करने के बाद पिछले एक साल से newsvistabih.com के साथ डिजिटल पत्रकारिता।
4.5 2 votes
Article Rating
Subscribe
Notify of
guest
0 Comments
Oldest
Newest Most Voted
Inline Feedbacks
View all comments

Share this post:

खबरें और भी हैं...

लाइव क्रिकट स्कोर

Digital marketing for news publishersHUF Registration Services In India

कोरोना अपडेट

Weather Data Source: wetter in Indien morgen

राशिफल

error: Content is protected !!
0
Would love your thoughts, please comment.x
()
x