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राजस्व विभाग ने 110 संविदा कर्मियों को बर्खास्त किया

राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में 110 संविदा कर्मियों की सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है।
  • बर्खास्त होने वालों में विशेष सर्वेक्षण अमीन, कानूनगो, सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं सर्वेक्षण लिपिक

पटना | राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने हड़ताल के लिए भड़काने और सरकारी कार्य में बाधा डालने के आरोप में 110 विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिक की संविदा सेवा तत्काल प्रभाव से समाप्त कर दी है। इनमें तथाकथित संघ की अध्यक्ष रौशन आरा और सचिव विभूति कुमार के नाम प्रमुख रूप से शामिल हैं। भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि बर्खास्त किए गए विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिक ने अनुचित मांगों को लेकर हड़ताल की राह अपनाई। इन लोगों ने विभागीय कार्य बाधित किया।

विभागीय निदेशक ने अपने आदेश में क्या लिखा
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग के निदेशक जे. प्रियदर्शिनी ने अपने आदेश में स्पष्ट लिखा है कि संघ की अध्यक्ष रौशन आरा ने तथाकथित संघ की अध्यक्ष की हैसियत से 16 अगस्त से अनिश्चितकालीन हड़ताल का आह्वान किया। संघ के सचिव विभूति कुमार उसी दिन से अपने दायित्वों का निर्वहन छोड़कर हड़ताल पर चले गए। विभाग ने माना कि इनका आचरण अनुशासनहीनता और सरकारी आदेश की अवहेलना की श्रेणी में आता है।
बर्खास्तगी मामले में क्या कहता है नियम
विभाग ने स्पष्ट किया कि सभी संविदा विशेष सर्वेक्षण अमीन, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण सहायक बंदोबस्त पदाधिकारी एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिक की नियुक्ति संविदा नियमावली 2019 एवं संशोधित नियमावली 2022 के तहत हुई थी। नियमों के मुताबिक यह सेवा किसी भी परिस्थिति में नियमित नियुक्ति में परिवर्तित नहीं होगी। बावजूद पदनाम बदलने, नियमितीकरण और समतुल्य वेतनमान जैसी अनुचित मांगों को लेकर हड़ताल पर जाना शपथपत्र और संविदा शर्तों का खुला उल्लंघन है।

हड़ताल के कारण प्रभावित हुई राजस्व महा अभियान
राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने स्पष्ट किया है कि हड़ताल से सरकार के महत्वाकांक्षी राजस्व महा–अभियान की गति प्रभावित हुई। इस अभियान के तहत राज्यभर में जमाबंदी में त्रुटि सुधार, ऑफलाइन जमाबंदी को ऑनलाइन करना, बंटवारा नामांतरण और उत्तराधिकार नामांतरण जैसी सेवाएं आमजन तक पहुंचाई जा रही हैं। ऐसे में हड़ताल का कदम जनता को सीधे तौर पर प्रभावित करने वाला साबित हुआ।

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हिमांशु शेखर

17 वर्षों से पत्रकारिता का सफर जारी। प्रिंट मीडिया में दैनिक भास्कर (लुधियाना), अमर उजाला (जम्मू-कश्मीर), राजस्थान पत्रिका (जयपुर), दैनिक जागरण (पानीपत-हिसार) और दैनिक भास्कर (पटना) में डिप्टी न्यूज एडिटर के रूप में कार्य करने के बाद पिछले एक साल से newsvistabih.com के साथ डिजिटल पत्रकारिता।
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