- इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल दिल्ली एवं IMA बेगूसराय के संयुक्त तत्वावधान में CME का आयोजन
- हेड एवं नेक कैंसर के आधुनिक उपचार एवं हृदय शल्य चिकित्सा पर विशेष जाेर रहा
बेगूसराय | इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल दिल्ली एवं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA) बेगूसराय के संयुक्त तत्वावधान में IMA हॉल, बेगूसराय में सतत चिकित्सा शिक्षा (CME) का आयोजन किया गया। संगोष्ठी का विषय “हेड एवं नेक कैंसर के आधुनिक उपचार एवं हृदय शल्य चिकित्सा की नई तकनीकें” रहा। कार्यक्रम का शुभारंभ IMA बेगूसराय की वैज्ञानिक समिति के चेयरमैन डॉ. विनय कुमार एवं IMA सचिव डॉ. पंकज कुमार सिंह ने किया।
कैंसर से घबराएं नहीं, मुकाबला करें : अपोलो अस्पताल की वरिष्ठ हेड एवं नेक सर्जिकल ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. तापस्विनी प्रधान ने मुख, गले एवं गर्दन के विभिन्न प्रकार के कैंसर, उनके उपचार एवं रोगियों की सफल कहानियों के माध्यम से यह संदेश दिया कि कैंसर से घबराने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि साहस एवं दृढ़ मानसिकता के साथ उसका मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि चिकित्सक को कभी भी मरीज को “ना” नहीं कहना चाहिए, बल्कि उपलब्ध सभी चिकित्सा पद्धतियों का उपयोग करना चाहिए। उन्होंने बनारस के एक मरीज का उदाहरण प्रस्तुत किया, जो पिछले 25 वर्षों से बार-बार मुख कैंसर से जूझते हुए भी हर बार सफल शल्य चिकित्सा के बाद सामान्य जीवन जी रहे हैं।

अब हार्ट सर्जरी करना बहुत आसान हुआ : अपोलो अस्पताल के वरिष्ठ कार्डियक सर्जन डॉ. मुकेश गोयल ने हृदय शल्य चिकित्सा की नवीनतम तकनीकों पर विस्तार से प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि जहां पहले बड़े चीरे के साथ हृदय शल्य क्रिया की जाती थी, वहीं अब छोटी चीरा तकनीक से न केवल सफल ऑपरेशन संभव है, बल्कि मरीज की शीघ्र रिकवरी होती है तथा कॉस्मेटिक लाभ भी मिलता है। विशेषकर युवा महिलाओं के मामले में यह तकनीक अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो रही है, क्योंकि बड़े निशान के कारण विवाह जैसी सामाजिक समस्याएँ उत्पन्न हो जाती थीं।
ऐसे आयोजन से चिकित्सकों को नई जानकारियां मिलती हैं : IMA सचिव डॉ. पंकज कुमार सिंह ने बताया कि इस प्रकार की CME से चिकित्सकों को लगातार नई-नई तकनीकों की जानकारी मिलती रहती है। विश्वभर में होने वाली इन संगोष्ठियों का सीधा लाभ क्षेत्र के मरीजों को मिलता है। CME में डॉ. के.के. सिंह, डॉ. एस.बी.पी. सिंह, डॉ. शैलेंद्र लाल, डॉ. रमणरेश सिंह, डॉ. आर.एस. पंडित, डॉ. गणेश कुमार, डॉ. पियूष कुमार, डॉ. प्रेमचंद कुमार, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. नंदलाल, डॉ. रामरेखा, डॉ. बिपिन कुमार, डॉ. दिवाकर सिंह एवं डॉ. संतोष कुमार मौजूद रहे।











