बेगूसराय भाजपा की राजनीतिक हांडी अब उबाल मारने लगी है। जिस आग (मुद्दे) को फरवरी 2025 में विनोद तावड़े के समक्ष हवा दी गई थी उसकी धाह बुधवार को पटना में आयोजित भाजपा की कोर कमेटी की बैठक में शीर्ष नेतृत्व ने भी महसूस किया। बैठक डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी के आवास पर हुई। इसमें प्रदेश भाजपा अध्यक्ष दिलीप जायसवाल, प्रदेश संगठन महामंत्री भीखूभाई दलसानिया, भाजपा प्रदेश प्रभारी विनोद तावड़े, केंद्रीय वस्त्र मंत्री सह सांसद गिरिराज सिंह, खेल मंत्री सुरेंद्र मेहता, बेगूसराय विधायक कुंदन कुमार के अलावा कोर कमेटी के सदस्य मौजूद रहे। बैठक में पहुंचे बेगूसराय के कार्यकर्ताओं ने सभी शीर्ष पदाधिकारियों को एक लिफाफा थमाया। लिफाफा के अंदर जो पत्र था उसका मजमून था विधायक कुंदन कुमार से नाराजगी और विधायक प्रत्याशी के लिए जमीनी कार्यकर्ताओं की अनदेखी न हो। पत्र पर करीब 70 कार्यकर्ताओं के हस्ताक्षर हैं। वर्करों की नाराजगी से इस बात का अंदाजा लगाया जा रहा है कि कहीं इस बार विधायक कुंदन कुमार का पत्ता साफ न हो जाए। चर्चा है कि इस बार करीब दो दर्जन भाजपा विधायकों का पत्ता साफ हो सकता है।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने बैठक में गिरिराज सिंह से कहा कि आपने बेगूसराय से पहली बार लोकसभा चुनाव लड़ा था तो कहा था कि अभिभावक बनकर काम करूंगा। लेकिन जीतने के बाद आप कुछ लोगों से ही घिरकर रह गए। 2024 में आप दुबारा सांसद प्रत्याशी बने तो कहा कि हमारा समर्थन कीजिए, इस बार कोई शिकायत का मौका नहीं दूंगा, लेकिन चुनाव जीत जाने के बाद भी आप अभिभावक नहीं बन सके।
सांसद और विधायक के खिलाफ खुलकर बोले : सूत्रों ने बताया कि कोर कमेटी की बैठक में बेगूसराय के कार्यकर्ताओं ने सार्वजनिक रूप से सांसद और विधायक के खिलाफ खुलकर बोला। कार्यकर्ताओं का कहना था कि वे लोगों के बीच ऐसी बातें नहीं कह सकते, लेकिन कोर कमेटी में शीर्ष नेतृत्व के बीच ये बातें कहनी जरूरी हैं। कार्यकर्ता जब गिरिराज सिंह और विधायकों की शिकायत कर रहे थे तो एक बार अचानक से गिरिराज सिंह उठकर चलने लगे। इस पर उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी ने हाथ पकड़ कर उन्हें रोक लिया और बैठने को कहा।
साइकिल से चलने वाला 40 हजार मतों से जीतता है : कार्यकर्ताओं ने कहा कि विधायक का उम्मीदवार उसे बनाया जाए जो पुराने हों और लोगों के बीच पकड़ हो। एक वरिष्ठ कार्यकर्ता ने कहा कि बेगूसराय की राजनीति ऐसी है कि साइकिल से चलने वाला प्रत्याशी 40 हजार मतों से जीतता है। कार्यकर्ता 15 हजार वोट से और चांदी का चम्मच लेकर पैदा होने वाला केवल 4 हजार वोट से जीतता है।
विनोद तावड़े अलाकमान को वस्तुस्थिति से अवगत करा चुके : बेगूसराय के भाजपा विधायक कुंदन कुमार के खिलाफ बगावत की सुगबुगाहट रजौड़ा में आयोजित होली मिलन समारोह से हुई। इससे पहले 9 फरवरी को विनोद तावड़े आए थे। यहां भी कार्यकर्ताओं ने विधायक के प्रति नाराजगी जाहिर की थी। अब कार्यकर्ताओं की नाराजगी पटना तक पहुंच गई है। बेगूसराय से लौटने के बाद विनोद तावड़े सारी वस्तुस्थिति से अलाकमान को अवगत करा चुके हैं।
विधायक बेगूसराय के और ज्यादातर समय रहते हैं पुणे में : कार्यकर्ताओं ने शीर्ष नेतृत्व को जो ज्ञापन सौंपा उसमें आरोप लगाया कि विधायक कुंदन कुमार मटिहानी के निवासी और मतदाता हैं। उनके प्रतिनिधि कुंदन भारती चेरिया बरियारपुर और पीए सीवान के रहने वाले हैं। विधायक का परिवार स्थाई रूप से पुणे रहता है। विधायक भी ज्यादातर वहीं रहते हैं। ऐसे में चाहकर भी कार्यकर्ता विधायक से नहीं मिल पाते हैं। विधायक कुंदन कुमार जब भी 2-4 दिन के लिए बेगूसराय आते हैं तो खास व्यक्तियों से ही घिरे रहते हैं।
सम्राट बोले- भाजपा को भाजपा से ही खतरा
कार्यकर्ताओं की बात सुनने के बाद डिप्टी सीएम सम्राट चौधरी ने कार्यकर्ताओं से पूछा कि बेगूसराय में भाजपा को किससे खतरा है। इस पर सभी कार्यकर्ता चुप हो गए। सम्राट चौधरी ने कहा कि बेगूसराय में भाजपा को भाजपा से ही खतरा है। अगर एकजुट होकर चुनाव लड़े तो निश्चित है कि सभी सीट जीतेंग, लेकिन विरोध के स्वर ऐसे ही उठते रहे तो परिणाम कहना मुश्किल है।
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बहुत अच्छी और एक्सक्लूसिव स्टोरी
बेगूसराय भाजपा के लिए कड़वी खुराक जरूरी है।