- बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र से कांग्रेस दे रहे प्रत्याशी की दावेदारी
- जदयू में रहते हुए भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ लड़ा था चुनाव
बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र। अधिकांश विधानसभा चुनाव में यहां मुकाबला आमने-सामने का ही रहा है। कभी-कभार ही त्रिकोणात्मक बना है, लेकिन मुकाबला त्रिकोणात्मक बनाने वाले भी चर्चा में रहे हैं। बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र से अभी किसी भी पार्टी से ऐसे नेता का नाम सामने उभर कर नहीं आ रहा जिसके बारे में कहा जा सके कि उसका टिकट पक्का है। कुंदन कुमार अभी भाजपा से विधायक हैं। ऐसे में माना जा रहा है कि वे निश्चित रूप से दावेदार होंगे, लेकिन पार्टी में उनके विरोध को देखते हुए राजनीतिक पंडितों ने भी अभी चुप्पी साध रखी है।
कांग्रेस की बात करें तो 2015 में विधायक रहीं अमिता भूषण प्रबल दावेदार हैं। हालांकि 2020 के चुनाव में उन्हें 4,554 वोटों से हार का सामना करना पड़ा था बावजूद क्षेत्र में उनकी मजबूत पकड़ देखी जा रही है। इसी बीच कांग्रेस से एक और दावेदार सामने आए हैं। नाम है राजेश कुमार। पिछड़े वर्ग (कुर्मी) से आते हैं। 21 सितंबर को ही जदयू का दामन छोड़ कांग्रेस के हाथ को थामा था। कांग्रेस ज्वाइन करने के लिए उन्होंने बेगूसराय विधानसभा क्षेत्र ही नहीं पूरे जिले से हजारों में अति पिछड़ा अधिकार सह बहुजन सम्मेलन आयोजित कर अपना शक्ति प्रदर्शन किया था। इस सम्मेलन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम सहित कई नेता पधारे थे। लेकिन टिकट के सवाल पर चुप्पी साधे रखा। इसलिए यह कहना अभी आसान नहीं कि राजेश कुमार को टिकट मिलना पक्का है। हालांकि पिछले कई दिनों से वे दिल्ली की दौड़ लगा रहे हैं, लेकिन उनके विरोधी कहते हैं कि बड़ा सवाल यह कि टिकट नहीं मिला तो वो कांग्रेस में कितने दिन टिकेंगे।


चुनाव लड़ने का परिणाम… पार्टी से 6 साल का निष्कासन और अब कांग्रेस में
NDA में रहने के बावजूद भाजपा प्रत्याशी के खिलाफ चुनाव लड़ने के कारण जदयू ने राजेश कुमार को 6 साल के लिए पार्टी से निकाल दिया। पार्टी ने दल से निकाला, लेकिन दिल से नहीं। क्योंकि हाल फिलहाल तक जदयू के कई मंत्री राजेश कुमार के यहां आते-जाते रहे हैं। चुनाव लड़ने का परिणाम देखते हुए राजेश ने इस बार पलटी मारी और टिकट की ख्वाहिश लिए कांग्रेस में शामिल हो गए। अति पिछड़ा अधिकार सह बहुजन सम्मेलन में कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश राम ने उन्हें क्या आश्वासन दिया यह तो नहीं पता लेकिन इतना तय है कि टिकट हासिल करना उनके लिए टेढ़ी खीर है।
संबंधित खबर
Bihar Assembly Elections : कम्युनिस्ट पार्टी का दायरा और सीटें दोनों सिमटीं
Bahut hein rochak andaz mein likhi jai khabar hey. Yeh bhartiya loktantra mein hein sambhav hey. Kiss tarah sei satta sukh prapt karney ke liye ummidwar alliance dharam ka palan kiye bina sajhedar party ke pratyasi ke khilaf chunav larta hey jiskey chaltey usey party se niskasit kar diye jata hey.eskey baad wah Congress party ka daman thamta hey aur ticket paney key liye aire choti ka prayas karta hey.Sambhavtah ticket na milney per nirdaliye party sey chunav larney ko taiyar hey.Sahi mayney mein kursi prapt karney ke liye political ideology ko tak per rakh yah hathkanda apna tein hey.