- स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व मुखिया स्मृतिशेष केदार सिंह की 25वीं पुण्यतिथि मनाई गई
बेगूसराय। स्वतंत्रता सेनानी व पूर्व मुखिया स्मृतिशेष केदार सिंह की 25वीं पुण्यतिथि के अवसर पर प्रत्यक्ष गवाह कार्यालय इटवा बेगूसराय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम सम्पन्न हुआ, जिसकी अध्यक्षता प्रधान संपादक पुष्कर प्रसाद सिंह ने की। पुरानी यादों को तरोताजा करते हुए इतिहासकार प्रो० फुलेश्वर सिंह ने कहा कि नौलागढ़ के पूर्व मुखिया केदार सिंह के संघर्ष को मैंने करीब से देखा है। वे आजादी की लड़ाई में भागलपुर के सियाराम सिंह ग्रुप के फाइटर थे और बुलेट की ताकत पर क्रांतिकारियों के लिए धन संग्रह कर हथियार जुटाते थे।उन्होंने देश सेवा की कीमत पेंशन के रूप में नहीं ली और एक जनप्रतिनिधि के रूप में अपने पंचायत के गरीबों के हक की लड़ाई में डटे रहे। आज सामान्य जनप्रतिनिधि बनने के बाद वह आर्थिक रूप से सम्पन्न हो जाता है जबकि केदार सिंह अपनी सम्पत्ति और क्षमता को जनता के हित में समर्पित कर आदर्श मुखिया बने। आज सिद्धांत को बेचकर जनप्रतिनिधि बनने वालों के लिए केदार सिंह प्रेरणा हैं।
संघर्ष के प्रतीक थे केदार सिंह : अविनाश कुमार
बैंक के पूर्व मुख्य प्रबंधक अविनाश कुमार ने कहा कि केदार सिंह संघर्ष के प्रतीक थे। हलांकि वे गरम दल के योद्धा थे लेकिन जैसा सुना हूँ कि आजादी के बाद वे अपना रिवाल्वर डी.एम. को सुपुर्द कर जनतांत्रिक प्रणाली के अन्तर्गत सोशलिस्ट पार्टी के सदस्य बने। मुखिया के रुप में उनकी पहचान एक समाजसेवी की रही। आयोजन में पूर्वज स्मृति सह सम्मान समारोह की ओर से डॉ० संजय भारद्वाज और डॉ० विश्वजीत कुमार कुमुद ने केदार सिंह को मरणोपरांत कर्तव्य रत्न सम्मान उनकी स्मृति में समर्पित कर उन्हें सम्मानित किया। इस अवसर पर समाजसेवी दिलीप कुमार सिन्हा ने कहा कि पूर्वज के बताए रास्ते पर चलकर ही दिग्भ्रमित समाज और राजनीति को संतुलित कर सकते हैं,जिसके लिए क्रांतिकारी केदार सिंह जैसे पूर्वजों के संघर्ष की दास्तान को लोगों बताना अनिवार्य है।