बेगूसराय। दिवाली प्रकाश और आतिशबाजी का पर्व है और इस पर्व में पटाखों से होने वाली आंखों की चोटों का खतरा बढ़ जाता है। प्रत्येक साल, खासकर बच्चों में, जलने, जलन और कॉर्निया में खरोंच जैसी समस्याएं आम हो जाती हैं। अगर समय पर इलाज न मिले तो ये चोटें दृष्टिहीनता का कारण भी बन सकती हैं। आजकल बाजार में ग्रीन पटाखे की धूम मची है ।ग्रीन पटाखे , जो पर्यावरण के लिए बेहतर माने जाते हैं, वह भी आँखों के लिए उतना ही खतरनाक है जितना पारम्परिक पटाखे । ग्रीन पटाखे कम धुआं छोड़ते हैं, जिससे वे पर्यावरण के अनुकूल होते हैं , लेकिन उनमें ऐसे रसायन होते हैं जो आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं। इसलिए, इनसे बचाव के लिए वही सावधानियां बरतना जरूरी हैं। एक अच्छी बात यह है कि कम उत्सर्जन के कारण ये पारंपरिक पटाखों की तुलना में आंखों में कम जलन पैदा करते हैं। फिर भी, सुरक्षा से कभी समझौता नहीं करना चाहिए।
अगर किसी व्यक्ति को पटाखे जलाते समय चोट लग जाए, तो
1. आंख को रगड़ें नहीं और न ही कोई घरेलू नुस्खा आजमाएं।
2.चोटिल आंख को कम से कम 10-15 मिनट तक साफ पानी या सलाइन से अच्छी तरह धोना चाहिए। फिर आंख को किसी साफ कपड़े या आई शील्ड से ढीला ढक देना चाहिए। चोटिल आंख की स्थिति को ऐसा रखें कि धोने वाला पानी आंख के अंदरूनी कोने से बाहरी कोने की ओर बहे, ताकि चोट और न बढ़े ।
3. बिना डॉक्टर के सलाह से आँखों में कोई भी ड्राप नहीं डालें । स्टेरॉयड ( डेक्सामेथासोन , बिटामेथासोन , प्रेडनिसोलोन ) युक्त दवा तो भूलकर भी नहीं डालें इससे आपके आँखों की कॉर्निया स्थाई रूप से क्षतिग्रस्त हो सकती है ।
4. तुरंत अपने नजदीकी नेत्र विशेषज्ञ के पास जाएं ।
कुछ आवश्यक सावधानियों को अपनाकर आप सुरक्षित दीवाली मना सकते हैं –
1.पटाखे जलाते या देखते समय सुरक्षित दूरी बनाए रखें।
2.सुरक्षा चश्मा पहनें; साधारण, बिना पावर वाले चश्मे भी काम आते हैं।
3.कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से बचें।
4.खराब हो चुके पटाखों को दोबारा जलाने की कोशिश न करें; उन्हें निपटाने से पहले 15 मिनट इंतजार करें।
5.बच्चों की निगरानी हमेशा किसी वयस्क की देखरेख में ही हो।
6.फर्स्ट-एड किट हमेशा तैयार रखें।
✍️ डॉ. अभिषेक कुमार
Ph. d. clinical opt.
कंसलटेंट नेत्र विशेषज्ञ, एस. एन. मेमोरियल विजन केयर सेंटर, बैंक ऑफ इंडिया के नीचे, पटेल चौक, बलिया, बेगू., बिहार।