बिहार की राजनीति में राजद के टूटने को लेकर कयासों का दौर जारी है। बिहार के वरिष्ठ पत्रकार इसको हवा देने में लगे हैं। पत्रकार ही नहीं जदयू के राष्ट्रीय प्रवक्ता सह नीरज कुमार भी कहने से नहीं चूकते कि राजद के 17-18 विधायक उनके संपर्क में हैं। नीरज कुमार यह भी कहने से नहीं चूकते कि उन्होंने उन विधायकों से कहा है कि वे अपने पार्टी नेतृत्व के समक्ष अपनी बातों को रखें। पत्रकारों के सवाल पर वे कहने से नहीं चूकते कि राजद ऐसे विधायक अभी वेटिंग लिस्ट में शामिल हैं।

… तो जदयू-भाजपा के लिए आत्मघाती कदम होगा
राजनीतिक विश्लेषक विश्लेषण के समय शायद इस बड़े तथ्य को भूल जाते हैं कि बिहार में जंगलराज का मुद्दा महिलाओं को 10 हजार रुपए देने या अन्य मुद्दों से बड़ा मुद्दा है। हालांकि पुरानी कहावत है नेपाल की नौकरी, पेरिस की छोकरी व बिहार की राजनीति कब किस करवट बैठेगी, दावे के साथ नहीं कहा जा सकता। राजद नहीं टूटेगी या दोनों ही दल उसे तोड़ने का प्रयास नहीं करेगी, यह भी नहीं कहा जा सकता, लेकिन यह अवश्य कहा जा सकता है कि राजद को तोड़ना जदयू और भाजपा दोनों के लिए आत्मघाती कदम हो सकता है।











