बेगूसराय | शिक्षा केवल किताबों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि इसे व्यावहारिक और आनंदमयी बनाना आवश्यक है। टीएलएम ((शिक्षण अधिगम सामग्री) के माध्यम से बच्चे कठिन से कठिन विषयों को भी आसानी से और खेल-खेल में समझ सकते हैं। ये बातें जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष नन्द लाल राय ने बुधवार को बेगूसराय प्रखंड स्थित उच्च माध्यमिक विद्यालय रचियाही में कहीं। मौका था ‘टीएलएम (शिक्षण अधिगम सामग्री) मेला सह बाल आनन्द मेला’ के भव्य आयोजन का।

इससे पूर्व मेले का विधिवत उद्घाटन मुख्य अतिथि और जिला परिषद के पूर्व उपाध्यक्ष नन्द लाल राय, संकुल संचालक सह उच्च माध्यमिक विद्यालय रचियाही के प्रधानाध्यापक राकेश कुमार, उत्क्रमित मध्य विद्यालय रचियाही के प्रधान संजय कुमार पोद्दार और वरीय शिक्षिका अर्चना कुमारी ने दीप प्रज्वलित कर किया। कार्यक्रम की शुरुआत के दौरान मुख्य अतिथि के साथ ही सभी शिक्षक- शिक्षिका ने भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ राजेन्द्र प्रसाद की जयंती के उपलक्ष्य में उनके तैल चित्र पर पुष्प अर्पित कर उन्हें नमन किया।

बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए ऐसे आयोजन जरूरी
मुख्य अतिथि श्री राय ने कहा कि बाल आनंद मेला जैसे आयोजन बच्चों के सर्वांगीण विकास के लिए मील का पत्थर साबित होते हैं। इससे बच्चों में न केवल रचनात्मकता (Creativity) का विकास होता है बल्कि उनमें नेतृत्व क्षमता, टीम वर्क और संवाद करने की कला भी निखरती है। आज बच्चों द्वारा बनाए गए मॉडल और स्टॉल उनकी अद्भुत प्रतिभा का प्रमाण हैं।

आगंतुकों ने स्वनिर्मित टीएलएम की खूब प्रशंसा की
शिक्षकों ने विज्ञान, गणित और भाषा पर आधारित स्वनिर्मित टीएलएम (Teaching Learning Material) प्रदर्शित किए, जिनकी आगंतुकों ने खूब सराहना की। बाल आनंद मेले के तहत बच्चों ने विभिन्न प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजनों के स्टॉल लगाए, जिसका लुत्फ अतिथियों और ग्रामीणों ने उठाया। अंत में मुख्य अतिथि ने टीएलएम मेले में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले शिक्षकों को प्रोत्साहित किया और विद्यालय परिवार के इस प्रयास की सराहना की। इस अवसर पर विद्यालय के सभी शिक्षक- शिक्षिका और अन्य गणमान्य व्यक्ति भी उपस्थित रहे।


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