डेस्क | पूर्वजों की आत्मा की मुक्ति का पर्व है पितृपक्ष। धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दौरान पितरों का श्राद्ध करने से उनकी आत्मा को मुक्ति मिलने के साथ मोक्ष की प्राप्ति होती है। पितर खुश रहें तो सुख-समृद्धि व वंश वृद्धि का आशीष प्राप्त होता है। धार्मिक दृष्टि से हर साल भाद्र पद महीने के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा से पितृ पक्ष की शुरुआत होती है और आश्विन महीने के कृष्णपक्ष की अमावस्या को समाप्त होती है। पंचांग के अनुसार, इस साल पितृ पक्ष की शुरुआत 17 सितंबर से होगी और इसका समापन 2 अक्टूबर को होगा।
गया में 50 हजार लोग एक साथ कर सकेंगे फल्गु में तर्पण
17 सितंबर से 2 अक्टूबर तक गया में पितृ पक्ष मेला लगेगा। पितृ पक्ष के दौरान देश-विदेश के लाखों लोग पूर्वजों की आत्मा की मुक्ति के लिए पिंडदान करने आते हैं। गया के जिला अधिकारी त्यागराजन एसएम ने बताया कि तीर्थयात्री गया जिले में आकर विष्णुपद, देवघाट सहित अन्य वेदी स्थलों में तर्पण करते हैं। ऐसे में श्मशान घाट से लेकर गया जी डैम तक एक समय में एक साथ 40 से 50 हजार तीर्थयात्री एक साथ बैठकर तर्पण कर सकते हैं।
मेला क्षेत्र को 17 सुपर जोन में बांटा गया
डीएम त्यागराजन ने बताया कि श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा के लिए मेला क्षेत्र को 17 सुपर ज़ोन, 43 जोन एव 324 सेक्टर में बांटा गया है। सभी सेक्टर में दंडाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी, महिला दंडाधिकारी, महिला पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल तैनात किए गए हैं।
विदेश से आने वालों के लिए टेंट सिटी में होगी कई सुविधाएं
पितृपक्ष मेले में देश विदेश सेआनेवाले पिंडदानियों के ठहरने के लिए बिहार सरकार गया शहर में टेंट सिटी का निर्माण करा रही है। गांधी मैदान इलाके में करीब 2500 पिंडदानियों के ठहरने की व्यवस्था होगी। पर्यटन विभाग की ओर से बन रहे इस टेंट सिटी में ठहरने के लिए किसी प्रकार का शुल्क नहीं लिया जाएगा। डीएम ने निर्देश दिया कि टेंट सिटी पूरी तरह हवादार होनी चाहिए। जमीन से कम से कम चार इंच का वुडेन फ्रेम कराएं, ताकि जमीन से पानी लगने की समस्या ना आए।
श्राद्ध 2024 की तिथियां और तारीख
17 सितंबर (मंगलवार) : पूर्णिमा श्राद्ध
18 सितंबर (बुधवार) : प्रतिपदा का श्राद्ध
19 सितंबर (गुरुवार) : द्वितीया का श्राद्ध
20 सितंबर (शु्क्रवार) : तृतीतया का श्राद्ध
21 सितंबर (शनिवार) : चतुर्थी का श्राद्ध
22 सितंबर (रविवार) : पंचमी का श्राद्ध
23 सितंबर (सोमवार) : षष्ठी का श्राद्ध
24 सितंबर (मंगलवार) : सप्तमी का श्राद्ध
25 सितंबर (बुधवार) : अष्टमी का श्राद्ध
26 सितंबर(गुरुवार) : नवमी का श्राद्ध
27 सितंबर (शुक्रवार) : दशमी का श्राद्ध
28 सितंबर (शनिवार) : एकादशी का श्राद्ध
29 सितंबर (रविवार) : द्वादशी का श्राद्ध
30 सितंबर (सोमवार) : त्रयोदशी का श्राद्ध
01 अक्टूबर (मंगलवार) : चतुर्दशी का श्राद्ध
02 अक्टूबर (बुधवार) : सर्व पितृ अमावस्या