- नाटक में स्त्री अपने अस्तित्व को खोजती नजर आयी
बेगूसराय। नगर के कंकौल स्थित प्रेक्षागृह सह आर्ट गैलरी में सोमवार को रंग संस्था नवोदित द्वारा “चांद जमीन का टुकड़ा और मैं” नाटक का मंचन किया गया। मंच उपस्थित अभिनेता व अभिनेत्रियों ने बेहतरीन अभिनय से नाटक को मंच पर जीवंत करते नजर आये और नाटक की पटकथा को संप्रेषित करने में सफल दिखे। पूरे नाटक में पटकथा के अनुसार नाटक की नायिका इस पितृसत्तात्मक समाज में स्त्री के अस्तित्व को खोजती नजर आयी। नाटक में साफ-साफ दिखा कि स्त्री स्वतंत्र अस्तित्व एक तरफ जहां पितृसत्तात्मक समाज को कबूल नहीं है तो दूसरी तरफ स्त्री की आजादी को खुद स्त्रियां ही सामाजिक बिडम्बनाओं के बीच तथाकथित परिवार की इज्जत व मान को लेकर नकार स्त्री को पुरुषों से अधिक प्रताड़ित करती है।
कलाकारों ने किया शानदार अभिनय
नाटक की नायिका लतिका की भूमिका में दिव्यांका भारद्वाज अपने बेहतरीन भावपूर्ण अभिनय से लगातार स्त्री के अस्तित्व को खोजती नजर आती है। वहीं लतिका की मां की भूमिका में संगीता कुमारी पितृसत्तात्मक समाज में रची बसी एक महिला को प्रदर्शित करने में कोई कोर-कसर नहीं छोड़ा। वहीं लतिका के पिता की भूमिका में दीपक कुमार सिंह एक पिता की बिडम्बनाओं को जीवंत करते दिखे। अधिवक्ता की भूमिका में पंकज गौतम अपने सशक्त अभिनय से नाटक को उत्कर्ष पर ले गये और लोगों को खूब प्रभावित किया। इंस्पेक्टर की भूमिका में धनराज कुमार साजन ने पुलिसिया पुट के साथ भूमिका के साथ न्याय करते नजर आये। अर्पित सरकार की भूमिका में मनोज व अभिषेक की भूमिका में रवि राज ने भी बखूबी पटकथा के साथ खुद को जोड़ पटकथा के कथानक को संप्रेषित करते नजर आये। नाटक की परिकल्पना, आवाज व निर्देशन हरिशंकर गुप्ता ने किया। वस्त्र विन्यास व रूप सज्जा बृजबिहारी का था।
अतिथियों ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया समारोह का उद्घाटन
इससे पहले उद्घाटन समारोह के मुख्य अतिथि जदयू प्रदेश कार्यकारिणी समिति के सदस्य वरिष्ठ नेता अमर कुमार सिंह, जिला कला-संस्कृति पदाधिकारी श्याम कुमार सहनी, उपस्थित रंग निर्देशक डाॅ अमित रौशन, सामाजिक कार्यकर्ता संजय गौतम, दीपक सिन्हा, अनिल पतंग, मध्य विद्यालय तरबन्ना की एचएम विभा रानी ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। मौके पर अभिजीत मुन्ना, कृष्ण कांत गांधी, राजा रौशन, मुरारी राजा सहित दर्जनों रंगकर्मी व कलाकार मौजूद थे।