एजेंसी | मणिपुर एक बार हिंसा की आग में झुलस रहा है। गुस्साई भीड़ ने मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह के आवास पर हमला किया। भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े। सूत्रों के अनुसार, घटना के वक्त सीएम बीनेन सिंह उस घर में नहीं थे। उन्होंने बताया सीएम अपने ऑफिस में पूरी तरह सुरक्षित हैं। घटना के बाद से पहाड़ी, घाटी जिलों में इंटरनेट सेवाएं भी 2 दिनों के लिए बंद कर दी गई हैं।
क्यों भड़की हिंसा
मणिपुर की राजधानी इंफाल में तीन लोगों की हत्या के बाद भड़के विरोध प्रदर्शनों के मद्देजनर छह जिलों में इंटरनेट सेवाएं रोक दी गई हैं। इससे पहले प्रदर्शनकारियों ने इंफाल में दो मंत्रियों और तीन विधायकों के घरों पर धावा बोला। जिसके बाद विरोध हिंसक हो गया। अधिकारियों ने बताया कि भीड़ ने इंफाल पश्चिम जिले के लांफेल सनकेथेल में स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्री सपम रंजन के आवास पर हमला किया और उपभोक्ता मामले और सार्वजनिक वितरण मंत्री एल. सुसिन्द्रो सिंह के घर को भी निशाना बनाया।
स्थानीय समाचार पत्र के कार्यालय पर भी हमला
केशमथोंग निर्वाचन क्षेत्र के टिड्डिम रोड में निर्दलीय विधायक सपम निशिकांत सिंह के आवास पर जमा हुए प्रदर्शनकारियों ने विधायक के स्वामित्व वाले एक स्थानीय समाचार पत्र के कार्यालय पर हमला कर दिया। प्रदर्शनकारियों को बताया गया था कि विधायक राज्य से बाहर हैं। भीड़ ने इमारत के बाहर अस्थायी ढांचों को भी क्षतिग्रस्त कर दिया। इंफाल पश्चिम के जिलाधिकारी टी. किरणकुमार ने हिंसा के बाद शनिवार शाम 4:30 बजे से कर्फ्यू लगाने का आदेश जारी किया.
गृह मंत्रालय ने दिए सख्त निर्देश
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने मणिपुर में तैनात सभी सुरक्षा बलों को राज्य में शांति बहाल करने के लिए आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए हैं। गृह मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, ‘मणिपुर में सुरक्षा हालात पिछले कुछ दिनों से नाजुक बना हुए हैं। संघर्ष में शामिल दोनों समुदायों के हथियारबंद बदमाश हिंसा में शामिल रहे हैं, जिससे जान-माल का दुर्भाग्यपूर्ण नुकसान हुआ है और कानून-व्यवस्था बाधित हुई है।