- आशीर्वाद रंगमंडल की ओर से टाउन हॉल में नाटक पश्मीना का हुआ मंचन
- लोगों के अंदर खत्म हो रही संवेदनाओं को निर्देशक अमित राैशन ने बखूबी उभारा
- कलाकारों ने अपने जीवंत चरित्र चित्रण से दर्शकों को बांधे रखा
बेगूसराय | लोगों में संवेदनाएं कैसे खत्म हो रही हैं इसे मृणाल माथुर ने अपने नाटक ‘पश्मीना’ में बेहतर तरीके से शब्दाें के जरिए से उकेरा है। आशीर्वाद रंगमंडल के सचिव डॉ. अमित रौशन के उम्दा निर्देशन से दिनकर कला भवन (टाउन हॉल) में बैठक दर्शकों को नाटक ‘पश्मीना’ इस सर्द भरे मौसम में मानवीय संवेदनाओं की गर्माहट दे गया। कलाकारों ने जिस तरीके से पात्रों का जीवंत चरित्र चित्रण किया वह काबिले तारीफ है।
नाटक का मूल घटनाक्रम क्या है
अमर सक्सेना और विभा सक्सेना पति-पत्नी हैं। मध्यम वर्ग से आते हैं। उनका बेटा अतुल सक्सेना आर्मी में है जो आतंकी हमले में मारा जाता है। वह मां के लिए पश्मीना शॉल लाने वाला था। लेकिन गोली लगने से बह रहे खून को रोकने के लिए साथी उसी पश्मीना का इस्तेमाल करते हैं। जब शव को घर लाया गया तो पश्मीना शॉल खून से लथपथ था। अमर उसे पत्नी विभा को नहीं दिखाते हैं। दूसरी तरफ इसी आतंकी हमले में आर्मी की गोली से पश्मीना शॉल बेचने वाले मुस्लिम दुकानदार के बेटे आदिल की मौत हो जाती है।
नाटक का संदेश : दोनों परिवार के मां-बाप के दर्द के इर्द-गिर्द घूमता यह नाटक साबित करता है कि मौत कहीं भी हो, किसी की भी हो दर्द एकसमान ही होता है। चाहे वह हिन्दू हो या फिर मुस्लिम। नाटक में बाजारवाद को रविन्द्र ढिल्लो और स्वीटी के माध्यम से दिखाए गया है, जो घूमने और व्यापार ही सब जगह देखता है।
रंगकर्मी मोहित मोहन की दिवंगत मां को समर्पित रहा नाटक
नाट्य प्रस्तुति का उद्घाटन गंगा समग्र के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेंद कुमार सिंह उर्फ लल्लू बाबू, बेगूसराय नगर निगम की महापौर पिंकी देवी, पूर्व महापौर संजय कुमार, उप महापौर अनिता राय, वार्ड पार्षद डॉ. शगुफ्ता ताजवर, सदर अनुमंडल पदाधिकारी राजीव कुमार, वरिष्ठ रंग निर्देशक अवधेश सिंह, वरिष्ठ चित्रकार सीताराम, कला संस्कृति पदाधिकारी श्याम साहनी, वरीय शिक्षक रंजन कुमार, रंगमंडल अध्यक्ष ललन प्रसाद सिंह और सचिव डॉ. अमित रौशन ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया। नाटक, रंगकर्मी मोहित मोहन की दिवंगत माता ज्योत्सना वर्मा को समर्पित किया गया।

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किसी पोर्टल पर खबर को प्रिंट मीडिया की तरह सजाने को लेकर जितनी तारीफ की जाय कम होगी। Newsbista की इस छवि को बनाए रखें।