- नियुक्ति प्रधानमंत्री के साथ उनके कार्यकाल जितनी रहेगी
- 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के IAS अधिकारी रहे हैं दास
- 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर बने थे
नई दिल्ली/एजेंसी | भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के पूर्व गवर्नर शक्तिकांत दास को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘प्रधान सचिव-2’ नियुक्त किया गया है। यह नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल तक या अगले आदेश तक जारी रहेगी। गुजरात कैडर के सेवानिवृत्त आइएएस अधिकारी पी के मिश्रा इस समय प्रधानमंत्री के प्रधान सचिव हैं। शक्तिकांत दास इससे पहले भी कई अहम पदों पर रह चुके हैं। उनकी नई नियुक्ति से प्रशासनिक फैसलों में मजबूती आने की संभावना जताई जा रही है। शक्तिकांत दास 2018 में भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के 25वें गवर्नर बने थे।
1980 बैच के आइएएस हैं शक्तिकांत दास
शक्तिकांत दास 1980 बैच के तमिलनाडु कैडर के आइएएस अधिकारी रहे हैं। उन्होंने एक सिविल सेवक के रूप में मुख्य रूप से वित्त, कराधान, निवेश और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों में काम किया। वह भारतीय रिजर्व बैंक के 25वें गवर्नर बने और उन्होंने भारत के जी20 शेरपा तथा 15वें वित्त आयोग के सदस्य के रूप में भी काम किया है। आरबीआइ के गवर्नर के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कई महत्वपूर्ण आर्थिक सुधार हुए, जिनमें महंगाई नियंत्रण, डिजिटल पेमेंट्स को बढ़ावा और बैंकिंग सुधार शामिल रहे।
Former RBI Governor Shaktikanta Das, appointed as Principal Secretary-2 to Prime Minister Narendra Modi. pic.twitter.com/uUWt7SfLjj
— ANI (@ANI) February 22, 2025
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शक्तिकांत दास को ही क्यों चुना?
⇒ IAS, IFS, IRS, और IPS अधिकारियों को प्रशासनिक कामकाज, नीतियों के क्रियान्वयन और सरकार के भीतर फैसले लेने की गहरी समझ होती है। जब कोई पूर्व नौकरशाह सरकार में मंत्री या शीर्ष पदों पर आता है, तो उसे प्रशासनिक पेचीदगियों को समझने में ज्यादा वक्त नहीं लगता।
⇒ एस. जयशंकर इसकी एक बड़ी मिसाल हैं। वह भारत की कूटनीति में गहरी पकड़ रखते हैं। विदेश नीति को लेकर मोदी सरकार के ‘आक्रामक’ और ‘राष्ट्रवादी’ रुख को जयशंकर ने बखूबी आगे बढ़ाया। वहीं 1974 बैच के भारतीय विदेश सेवा अधिकारी हरदीप सिंह ने 2009 से 2013 तक संयुक्त राष्ट्र में भारत के स्थायी प्रतिनिधि के रूप में कार्य किया। पुरी 2019 में आवास और शहरी मामलों के अलावा नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बने। मोदी सरकार 3.0 में वह पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं।
⇒ आइएएस अधिकारी रहे वैष्णव को जब रेलवे और IT मंत्रालय सौंपा गया, तो उन्होंने न सिर्फ वंदे भारत जैसी हाई-प्रोफाइल परियोजनाओं को तेजी से आगे बढ़ाया बल्कि डिजिटल इंडिया के तहत भी बड़ी नीतिगत पहल की।
⇒ वित्त मंत्रालय में मुख्य सचिव रह चुके शक्तिकांत दास को इससे पहले आरबीआइ गवर्नर बनाया गया था। नोटबंदी और GST जैसे फैसलों के समय वह अपना लोहा भी मनवा चुके हैं। मोदी सरकार की यह रणनीति अब तक सफल रही है। विदेश नीति, आर्थिक नीतियां, रक्षा सौदे, इंफ्रास्ट्रक्चर विकास- हर क्षेत्र में इन पूर्व नौकरशाहों का प्रदर्शन प्रभावी रहा है।
