- शाम तक रांची लाया जाएगा पार्थिव शरीर
- झारखंड में 3 दिन का राजकीय शोक
नई दिल्ली/एजेंसी | झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री शिबू सोरेन का सोमवार को निधन हो गया। वे 81 साल के थे। दिशोम गुरु के नाम से ख्यात सोरेन ने दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में अंतिम सांस ली। अस्पताल के चिकित्सकों ने उन्हें सुबह 8.56 बजे मृत घोषित किया। शिबू सोरेन जून 2025 से दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में भर्ती थे। वे किडनी रोग से पीड़ित थे। उन्हें डायबिटीज थी। हृदय संबंधी जटिलताओं के कारण हाल ही में उन्हें ब्रेन स्ट्रोक हुआ था। इससे उनके शरीर के बाईं ओर पैरालिसिस हो गया था। वे पिछले एक महीने से लाइफ सपोर्ट सिस्टम पर थे।
शिबू सोरेन डायलिसिस पर थे। उनकी बायपास सर्जरी भी हो चुकी थी। जुलाई 2025 में उनके स्वास्थ्य में मामूली सुधार हुआ था। अगस्त की शुरुआत में उनकी हालत फिर से गंभीर हो गई। इसके चलते उन्हें वेंटिलेटर पर रखा गया था। दिल्ली के सर गंगाराम अस्पताल में विशेषज्ञ डॉक्टरों की टीम उनका इलाज कर रही थी।
इधर, शिबू सोरेन के निधन पर झारखंड सरकार ने 3 दिन के राजकीय शोक की घोषण की है। बताया गया कि शिबू सोरेन का पार्थिव शरीर आज शाम 5-6 बजे तक रांची लाया जाएगा।
आदरणीय दिशोम गुरुजी हम सभी को छोड़कर चले गए हैं।
आज मैं शून्य हो गया हूँ…
— Hemant Soren (@HemantSorenJMM) August 4, 2025
1977 में राजनीति की ओर कदम रखा
1972 में झारखंड मुक्ति मोर्चा के गठन के बाद शिबू सोरेन ने पहली बार 1977 में लोकसभा और टुंडी विधानसभा क्षेत्र का चुनाव लड़ा, लेकिन दोनों चुनाव हार गए। 1980 में दुमका लोकसभा क्षेत्र से चुनाव जीतकर जेएमएम के पहले सांसद बने।
झारखंड राज्य के लिए जनांदोलन चलाया
1980 में जब वे जेएमएम के पहले सांसद बनकर संसद पहुंचे तो उन्होंने संसद में आदिवासियों के मुद्दों को उठाना शुरू किया। आदिवासियों की संस्कृति, भाषा, जल-जंगल-जमीन पर उनके अधिकारों की बात की और अलग राज्य के आंदोलन के अलग दिशा दिया। परिणामस्वरूप 15 नवंबर 2000 को झारखंड अलग राज्य का गठन हुआ।
झारखंड के 3 बार मुख्यमंत्री बने शिबू सोरेन
15 नवंबर, 2000 को बिहार से अलग करके झारखंड अलग राज्य बना। इस राज्य के पहले मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी थे, लेकिन शिबू सोरेन ने राज्य की बागडोर 3 बार संभाली। शिबू सोरेन ने झारखंड के तीसरे मुख्यमंत्री के रूप में 2005 में शपथ ली, लेकिन वे महज 10 दिन के लिए सीएम बने। इनका कार्यकाल 2 मार्च, 2005 से लेकर 11 मार्च, 2005 तक रहा। इसके बाद दूसरी बार वे 2008 में मुख्यमंत्री बने। इस बार कार्यकाल 27 अगस्त, 2008 से 12 जनवरी, 2009 तक रहा।, तीसरी बार वर्ष 2009 में सीएम बने। यह सरकार 5 महीने ही चली।
शिबू सोरेन का सफर
- 1944: रामगढ़ जिले के नेमरा गांव में जन्म।
- 1970 का दशक: आदिवासी अधिकारों की लड़ाई के लिए संघर्ष की शुरुआत।
- 1973: झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की स्थापना।
- 1980-90 का दशक: झारखंड को अलग राज्य बनाने के आंदोलन का नेतृत्व।
- 2000: झारखंड को बिहार से अलग कर राज्य का गठन, सोरेन को जननायक का दर्जा मिला।
- 2004: मनमोहन सिंह सरकार में केंद्रीय कोयला मंत्री बने।
- 2005-2010: तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री बने।
- 2025: लंबी बीमारी के बाद निधन।
- सात बार लोकसभा के सदस्य रहे।