बेगूसराय | जन संस्कृति मंच (जसम) की नाट्य इकाई रंगनायक-द लेफ्ट थियेटर, बेगूसराय ने अख्तर अली लिखित नाटक ‘एक अजीब दास्तां’ की प्रस्तुति दिनकर कला भवन, बेगूसराय के रिहर्सल स्पेस में दी। नाटक राजनीति में ईश्वर और धर्म के इस्तेमाल पर गहरी बहस को प्रस्तुत करता है। नाटक की कथा एक आरोपी पर ईश्वर की हत्या के जुर्म में चल रहे मुकदमे के इर्द-गिर्द घूमती है। नाटक की कहानी और पात्रों के माध्यम से लेखक ने बहुत ही प्रभावशाली ढंग से इस मुद्दे को उठाया है। इसमें आरोपी ने इस कारण से ईश्वर की हत्या करने का दावा किया है क्योंकि उसकी नजर में ईश्वर कमजोर हो गया है। वह अब किसी काम का नही रहा। दूसरी ओर वकील का कहना है कि ईश्वर की हत्या हो ही नहीं सकती है क्योकि वह निराकार है। नाटक इसी तानबाना में चलता है कि अब नए ईश्वर की जरूरत है जो एकदम आधुनिक होगा। वह साइंस की तमाम तकनीक से लैस होगा।
