- प्रसिद्ध इतिहासकार डाक्टर रामशरण शर्मा की 14वीं पुण्यतिथि आयोजित
बेगूसराय | प्रसिद्ध इतिहासकार डाक्टर रामशरण शर्मा की 14वीं पुण्यतिथि के अवसर पर जीडी कॉलेज के फिजिक्स गैलरी में बुधवार को संगोष्ठी एवं पुस्तक लोकार्पण का आयोजन हुआ। विषय प्रवेश करते हुए राजकिशोर सिंह ने रामशरण के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के प्रारंभ में अतिथियों ने डाक्टर रामशरण के तैल्य चित्र पर पुष्प अर्पित किया एवं राजकिशोर सिंह द्वारा लिखित सुर्ख चिराग की लौ पुस्तक का विमोचन किया। स्वागत भाषण सीपीआइ के जिला मंत्री अवधेश कुमार राय ने दिया। महिला कॉलेज की छात्रा बबली कुमारी ने देशभक्ति गीत की प्रस्तुति दी।
डॉ. शर्मा को कोई भी लेखन मिथक नहीं है : शत्रुघ्न प्रसाद सिंह
अध्यक्षता करते हुए पूर्व सांसद शत्रुघ्न प्रसाद सिंह ने कहा कि डाक्टर शर्मा का कोई भी लेखन मिथक या कल्पना नहीं है। इनका इतिहास लेखन वैज्ञानिक चिंतन पर आधारित है। ये गरीब गुरबों एवं आम जनता की भाषा में इतिहास लेखन का कार्य किया। शुद्रों का इतिहास पुस्तक की चर्चा करते हुए उन्होंने कहा कि डॉक्टर शर्मा की सच्ची श्रद्धांजलि के लिए हिन्दुवादी इतिहास लेखन और इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने वालों के खिलाफ संघर्ष करने के लिए आगे आने की जरूरत है।

डॉ. शर्मा की सभी पुस्तकें ग्लोबल हैं : केके मंडल
तिलका मांझी विश्वविद्यालय, भागलपुर के प्राध्यापक केके मंडल ने कहा कि शर्मा जी की सभी पुस्तकें समाजोपयोगी एवं ग्लोबल हैं। भारत में साइंटिफिक इतिहास लेखन खतरे में है। आज मनगढ़ंत इतिहास लिखा जा रहा है जिसका प्रतिकार करने की जरूरत है। प्रो. राम इकबाल सिंह ने कहा कि डाक्टर रामशरण शर्मा ने धर्म निरपेक्ष होकर इतिहास लेखन किया। उन्होंने गरीबों मजलुमों का इतिहास लिखा।
रामशरण शर्मा के नाम पर हो तेघड़ा स्टेशन का नाम : विधायक रामरतन
तेघड़ा विधायक रामरतन सिंह ने कहा कि सुर्ख चिराग की लौ के रचनाकार राजकिशोर सिंह बधाई के पात्र हैं। इस एतिहासिक पुस्तक को पढ़ने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि डाक्टर रामशरण शर्मा ने नाम पर बरौनी फ्लैग स्टेशन हो, इसके लिए हम कृतसंकल्पित हैं और प्रयासरत हैं। प्रताप नारायण सिंह ने रामशरण शर्मा से जुड़े संस्मरण को सुनाया।

इन लोगों की मौजूदगी रही
कार्यक्रम में मंच संचालन प्रवीण प्रियदर्शी ने और अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापन डॉक्टर कुंदन कुमार ने किया। मौके पर एसएन आजाद, रामकुमार, अमर शंकर झा सुब्बा, विश्वम्भर सिंह, संजीव फिरोज, राम कल्याण सिंह, अनिल अंजान, शंभू देवा, अमीन हमजा, संजीत कुमार, अमरनाथ सिंह, संतोष महतो, अरविंद सिंह आदि मौजूद थे।

















