- सीपीआई बेगूसराय अंचल परिषद का 26 वां सम्मेलन संपन्न
बेगूसराय। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी बेगूसराय अंचल परिषद का 26 वां सम्मेलन शनिवार देर शाम कामरेड कमली महतो नगर, शहीद कामरेड उमेश सिंह कला मंच राजशाहीपुर इनियार में गगन भेदी नारों के साथ संपन्न हुआ। वोट चोर -गद्दी छोड़! बदलो सरकार -बचाओ बिहार का नारा गूंज उठा। 1 सितंबर को पटना चलो के नारे से पूरा वातावरण गूंजायमान हो उठा। सम्मेलन का शुभारंभ वरिष्ठ कम्युनिस्ट नेता कामरेड जगदीश सिंह ने झंडोतोलन से किया। जनसेवा दल के नायक कामरेड रामनंदन सिंह के नेतृत्व में जनसेवा दल के जवानों ने झंडे को सलामी दी। झंडा गीत के पश्चात शहीद बेदी पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गई। तत्पश्चात प्रतिनिधि सत्र का शुभारंभ किया गया। कामरेड पवन सदा मुखिया, कामरेड इंद्रदेव कुमार एवं कामरेड चंद्रशेखर भगत पूर्व मुखिया ने संयुक्त रूप से अध्यक्षता की। पूर्व एमएलसी कामरेड उषा सहनी ने उद्घाटन भाषण में कहा कि नीतीश एवं मोदी सरकार की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। वोट की चोरी पकड़े जाने, विपक्ष की एकजुटता एवं संघर्ष तथा चुनाव आयोग का न्यायालय में फजीहत और जनलामबंदी से एनडीए सरकार घबरा गई है। किसी भी राजनीतिक दल का कार्यालय जनतंत्र का मंदिर होता है। पटना से लेकर बेगूसराय तक कांग्रेस पार्टी के कार्यालय पर हमला कर उन्होंने बता दिया कि वह जनतंत्र विरोधी है।

जनतंत्र और संविधान बचाने की लड़ाई का हो चुका है श्री गणेश
समापन भाषण में राज्य परिषद सदस्य अनिल कुमार अंजान ने कहा कि पूरा विश्व जनतांत्रिक मुल्क होने के नाते भारत को आदर व सम्मान के साथ देखा करता था। आज वही जग हसाई का पात्र बनता जा रहा है। यह पहला मौका है जब चुनाव आयोग एक पार्टी के पक्ष में खुल्लम-खुल्ला चोरी और बेईमानी पर उतर आया है। बिहार जनतंत्र की जननी रही है। सवाल मात्र सत्ता परिवर्तन का नहीं देश की जनतंत्र और संविधान का है। इसे बचाने की लड़ाई का श्री गणेश बिहार से हो चुका है। कार्यक्रम की शुरुआत में दिवंगत हुए पार्टी नेता कामरेड सुधाकर रेड्डी, कामरेड अतुल कुमार अंजान एवं कामरेड कमली महतो सहित दर्जनों नेता और शहीद सैनिकों के सम्मान में कामरेड सुनील कुमार के द्वारा लाए गए शोक प्रस्ताव पर 2 मिनट का खड़ा होकर मौन श्रद्धांजलि दी गई। अंचल मंत्री कामरेड चंद्र मोहन शाह अकेला के द्वारा राजनीतिक एवं सांगठनिक प्रस्तुत प्रतिवेदन को बहसोपरांत स्वीकृत किया गया ।

कामरेड श्याम बहादुर सिंह बने अंचल मंत्री
25 सदस्यीय अंचल परिषद का गठन किया गया ।सर्वसम्मति से कामरेड श्याम बहादुर सिंह को अंचल मंत्री और कामरेड सुनील कुमार को सहायक अंचल मंत्री बनाया गया । कुशमहौत सहित अन्य जगहों पर भी भू माफिया, शासन एवं प्रशासन गठजोड़ के खिलाफ आर पार की लड़ाई लड़ने एवं मटिहानी विधानसभा को भाकपा का परंपरागत सीट बताते हुए महागठबंधन की सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते चुनाव लड़ने का प्रस्ताव सर्वसम्मति से पारित किया गया।









