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11 सूत्री मांगों को लेकर कार्यपालक सहायकों ने किया प्रदर्शन

  • संविदा के आधार पर 15 साल से दे रहे सेवा
  • सकारात्मक पहल नहीं हुई तो अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे

बेगूसराय | बिहार राज्य कार्यपालक सहायक सेवा संघ, जिला इकाई बेगूसराय के आह्वान पर रविवार को विभिन्न विभागों में कार्यरत कार्यपालक सहायकों ने अपनी लंबित मांगों को लेकर समाहरणालय के दक्षिणी द्वार पर धरना प्रदर्शन किया। विरोध प्रदर्शन में सैकड़ों कार्यपालक सहायक शामिल हुए। धरना प्रदर्शन की अध्यक्षता संघ के जिलाध्यक्ष पप्पू कुमार ने और संचालन जिला उपाध्यक्ष कृष्ण कुमार ठाकुर ने किया। अराजपत्रित कर्मचारी संघ के मोहन मुरारी ने आंदोलन को अपना समर्थन दिया। उन्होंने कहा कि यह केवल प्रतीकात्मक प्रदर्शन नहीं है, बल्कि सरकार की नीतियों और लगातार हो रही उपेक्षा के खिलाफ गहरी नाराजगी और असंतोष का स्पष्ट संदेश है।

… तो दो दिनों का सामूहिक अवकाश लेंगे
नेताओं ने कहा कि कार्यपालक सहायकों की सेवाएं पिछले 14 से 15 वर्षों से संविदा (कॉन्ट्रैक्ट) आधार पर ली जा रही हैं, लेकिन अब तक स्थायीकरण, राज्यकर्मी का दर्जा, वेतनमान, ईपीएफ, चिकित्सीय लाभ नहीं दिया जा रहा है। बार-बार मांगों के बावजूद सरकार और बीपीएसएम की चुप्पी से कर्मचारियों में गहरी नाराजगी है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर 10 सितंबर तक मांगों पर कार्रवाई नहीं हुई तो सभी कार्यपालक सहायक दो दिन का सामूहिक अवकाश लेंगे। इसके बाद भी सकारात्मक पहल नहीं होने पर अनिश्चितकालीन हड़ताल करेंगे।
मांगों पर ध्यान नहीं दे रही सरकार
संघ के मीडिया प्रभारी तुषार रंजन ने कहा कि कार्यपालक सहायक वर्षों से जिले के विभिन्न विभागों में काम कर रहे हैं, लेकिन उनकी मांगों पर सरकार ध्यान नहीं दे रही। मौके पर दुर्गेश नंदन कुमार, अनिल कुमार, विकास कुमार, नितीश कुमार, हीरा पासवान, राजीव कुमार, शशि सिद्धार्थ पांडे, अभिषेक कुमार, शालिनी कुमारी, हिमांशु कुमार, मुकेश कुमार, विभा कुमारी, निशा कुमारी, सुमित झा, रमन कुमार पाठक, पल्लवी कुमारी, नंदिनी कुमारी समेत बड़ी संख्या में कार्यपालक सहायक मौजूद रहे। अंत में एक शिष्टमंडल ने जिला पदाधिकारी से मिलकर मांग पत्र सौंप धरना के समाप्ति की घोषणा की।
संघ की 11 सूत्री मांगें
  • सेवा संवर्ग का गठन कर स्थायीकरण और राज्यकर्मी का दर्जा मिले।
  • पे-मैट्रिक्स के आधार पर वेतन निर्धारण किया जाए।
  • पूर्व में हटाए गए कार्यपालक सहायकों का समायोजन किया जाए।
  • पूर्व हड़ताल अवधि को अवकाश में समायोजित कर मानदेय का भुगतान हो।
  • नियुक्ति तिथि से ईपीएफ का आच्छादन हो।
  • चिकित्सा सेवा का लाभ दिया जाए।
  • पद की न्यूनतम योग्यता मैट्रिक से बढ़ाकर इंटरमीडिएट की जाए।
  • सेवा के दौरान मृत्यु पर आश्रित को अनुकंपा पर नौकरी दी जाए।
  • आकस्मिक निधन पर कम से कम ₹40 लाख का उपादान दिया जाए।
  • सेवाओं का स्थायीकरण करते हुए सभी संविदा कर्मियों को समान अधिकार दिए जाएं।
  • लंबित अन्य मांगों पर त्वरित कार्रवाई हो।
Picture of विनोद कर्ण

विनोद कर्ण

पत्रकारिता में 37 वर्षों का अनुभव। 1988 में पटना से प्रकाशित होने वाले हिन्दी दैनिक नवभारत टाइम्स से जुड़े। 1995 से 2000 तक मधुबनी से हिन्दी दैनिक आज के जिला संवाददाता रहे। अप्रैल 2000 से अगस्त 2002 तक अमर उजाला के जालंधर संस्करण में अबोहर के ब्यूरो चीफ रहे। गंभीर रूप से दुर्घटनाग्रस्त होने के कारण इस पेशे से 4 साल दूर रहे। 2006 में दैनिक जागरण, बेतिया से नई पारी शुरू की। तीन माह बाद सिल्लीगुड़ी स्थानांतरित। फिर पटना तबादला। 2008 से 2014 तक दैनिक जागरण, बेगूसराय और खगड़िया में ब्यूरो चीफ रहे। 2014 से 2017 तक दैनिक जागरण भागलपुर में डेस्क पर सीनियर सब एडिटर रहे। उसके बाद से न्यूज पोर्टल लाइव सिटीज, बिफोर प्रिंट और टॉप हिन्दी न्यूज से जुड़े रहे। वर्तमान में समकालीन तापमान के साथ-साथ newsvistabih.com न्यूज पोर्टल में स्वतंत्र रूप से लेखन जारी।
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