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कावर किसानों की जटिल समस्याओं का सरकार जल्द करे निदान नहीं तो किसान आर-पार की लड़ाई लड़ने को होंगे बाध्य

बेगूसराय ( मंझौल)।18 सितंबर को कावर किसानों की तरफ से किसान नेता बल्लभ बादशाह ने कावर मजदूर, किसानों एवं मछुआरों के दशकों से की जा रही मांग को लेकर आमरण अनशन शताब्दी मैदान मंझौल के प्रांगण में शुरू किया। शुरूआत में यह कार्यक्रम अनुमंडल कार्यालय मंझौल के नजदीक प्रस्तावित था परंतु प्रशासन द्वारा मारपीट और जबरन विरोध के बाद प्रदर्शन स्थल को बदला गया। इस अवसर पर किसान अजय कुमार, अंगद कुमार, संजीव सिंह, अमित कुमार सिंह गप्पू एवं छात्र नेता कन्हैया कुमार ने कहा कि भारत कृषि प्रधान देश है और इसी भारत के अंदर बेगूसराय जिला अंतर्गत मंझौल अनुमंडल के किसानों के साथ सरकार व स्थानीय प्रशासन सहयोग करने के बजाय नकारात्मक रवैया के साथ पेश आ रही है, जिसकी हम सभी किसान व युवा निंदा करते हैं एवं सरकार से मांग  करते हैं कि किसान के अधिकार एवं समस्याओं का हल जल्द करें नहीं तो किसान सड़क से सदन तक लड़ाई लड़ने के लिए विवश होंगे।

कावर की जमीन की सरकार कर रही अनदेखी
किसान रामउदय सिंह, शिशुपाल सिंह, पवन कुमार, लल्लू सिंह, नंदकिशोर सिंह ने कहा कि हम सभी किसानों का कहना है कि मुख्यमंत्री ने अपने जनवरी 2025 के कार्यक्रम में यह आह्वान किया था कि 6500 एकड़ जमीन पक्षी अभयारण्य के लिए लेकर बाकी जमीन किसानों को वापस की जाएगी। इसके बावजूद  7 महीने तक कोई सुधार नहीं हुआ। सुधार की जगह पर कभी चेक डेम बनाकर जमीन को जलप्लावित करने का उपाय किया गया, फिर राजस्व महाभियान में भी कावर की जमीन की अनदेखी की गई।

प्रशासन का तरीका एकदम गैरकानूनी
कावर से जुड़े किसान राकेश कुमार सिंह, रंजन कुमार सिंह, राजू सिंह, रविशंकर सिंह, राजकुमार सिंह, अजय सिंह, रामप्रीत सिंह, विजय सिंह ने कहा कि हम सभी किसान सड़क पर संघर्षरत हैं और स्थानीय प्रशासन सहायक होने की जगह, शांतिपूर्ण धरने में बल प्रयोग कर रही है। आमरण अनशन पर बैठे किसान बल्लभ बादशाह ने कहा कि आमरण अनशन अपना अधिकार मांगने का लोकतांत्रिक अधिकार और हथियार है। स्थानीय प्रशासन का तरीका एकदम गैरकानूनी है। 

किसानों की मुख्य मांग
जनवरी 2025 में नीतीश कुमार, मुख्यमंत्री बिहार के द्वारा प्रस्तावित 6500 एकड़ की जमीन को छोड़कर, बाकी जमीन का अविलंब रजिस्ट्री ऑन करें। कावर  की समस्या के लिए किसानों के साथ ज्वाइंट कमिटी सह सुनवाई के लिए अलग कोर्ट का त्वरित निर्माण।जिला गजट के माध्यम से पूर्व की अधिसूचना को तुरन्त रद्द करें अन्यथा आमरण अनशन चलता रहेगा। इस कार्यक्रम में आसपास के गाांव के सैकड़ों किसान मजदूरों ने कार्यक्रम के समर्थन में कार्यक्रम स्थल पर डटे हैं।

धरना स्थल पर ये किसान थे मौजूद
मौके पर विजय शंकर सिंह, राम उदय सिंह, कन्हैया कुमार, अनुराग कुमार, पवन सिंह, अनुराग कुमार, लल्लू सिंह, मुनमुन सिंह, जयतोष कुमार, नारायण कुमार, संजीव कुमार, विकास कुमार, पंचम सिंह एवं अन्य मंझौल के किसान, कनौसी एवं मनिकपुर से विजय सिंह, रंजन सिंह, अभय कुमार सिंह, राजकुमार सिंह, विवेक कुमार सिंह, रामजीवन सिंह, नन्दकिशोर सिंह, राजेन्द्र यादव, मुकेश विक्रम, विनोद कुमार एवं सैकड़ों किसान, श्रीपुर एकम्बा मौजे से आरसी प्रसाद सिंह, रितेश कुमार रामप्रीत सिंह, अजय कुमार सिंह, चुलबुल कुमार, शिशुपाल सिंह एवं सैकड़ों लोग शामिल हुए।

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प्रवीण प्रियदर्शी

1998 से पत्रकारिता का सफर जारी। हिंदी मासिक पत्रिका ‘दूसरा मत’ से लिखने की शुरुआत। राष्ट्रीय जनमुक्ति पत्रिका का संपादन। दूरदर्शन पर प्रसारित कार्यक्रम के लिए स्क्रिप्ट राइटिंग। दैनिक अखबार हिंदुस्तान, दैनिक हरिभूमि (हरियाणा), प्रभात खबर और दैनिक भास्कर में पत्रकारिता की।
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